मुंबई। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में फिट फिजिक और लीन बॉडी के प्रति जूनून साफ़ देखा जा सकता है, एक्टर्स के लिए जिम उनका दूसरा घर बन चुका है, लेकिन शायद ऐसे कम ही लोग हैं जो फिजिकल फिटनेस के साथ मानसिक संतुलन को बनाये रखने के लिए भी काम करते हैं। हालाँकि, सोनाली सेगल उन लोगों में शामिल हैं, शरीर के साथ साथ मष्तिष्क की फिटनेस को भी बनाकर रखती हैं। सोनाली जितना पसीना जिम में बहाती हैं, उतनी ही मेहनत, ध्यान, योग आदि के लिए भी करती हैं, ताकि वह खुद से आध्यात्मिक तौर पर भी जुड़ सकें।
हाल के दिनों में सोनाली ऋषिकेश के पहाड़ों में मौजूद थीं। उन्होंने यहां गंगा नदी के तट पर ध्यान लगाने से लेकर गंगा किनारे योग करने तक, सोनाली ने वातावरण का भरपूर लाभ उठाया है। इसकी झकल उनके लेटेस्ट वीडियो में साफ़ देखी जा सकती है, जिसमें वह कुछ नया आजमाते हुए नजर आ रही हैं.
सोनाली अपने फिटनेस पार्टनर के साथ एक्रोयोगा करती नजर आ रही हैं। जिन्हे नहीं पता उन्हें बता दें कि एक्रोयोगा, एक्रोबेटिक्स और योगा का एक संयुक्त मिश्रण हैं, और सोनाली जिस सहजता के साथ इसे निभाती हैं, वह उनकी शारीरिक शक्ति का भलीभांति प्रदर्शित करती है। उन्होंने इस वीडियो में अपने पार्टनर के पैर पर अपने कोर को संतुलित करते हुए विभिन्न पोज़ के जरिये अपने लचीलेपन की बेमिसाल कला को, बखूबी चित्रित किया है।
लेकिन एक्रोयोगा सोनाली की उस फिटनेस जर्नी में से एक है, जिसके जरिये वह अपने सोशल मीडिया यूजर्स से रूबरू होती हैं। सोनाली को लगभग सभी प्रकार की जगहों पर योग और शीर्षासन जैसी कुछ कठिन तकनीकों को बेहद ही सहजता के साथ निभाते हुए, उनके कई ऑनलाइन उपलब्ध वीडियोज में देखा जा सकता है। उनके जिम वीडियो भी अपने आप में काफी प्रेरणादायक हैं, और बेशक सोनाली की यह फिटनेस जर्नी देखने लायक है।
मैं हमेशा से एक पहाड़ी लड़की रही हूं इसलिए हाल ही में ऋषिकेश में रहना, घर पर रहने जैसा था। चारों ओर इतनी शांति और सुकून था कि इसने मुझे अपनी सीमाओं के परे जाने और एक्रोयोगा या बंजी जंपिंग जैसी नई चीजों को आजमाने के लिए प्रेरित किया। ये दोनों अनुभव इतने रोमांचक थे जिन्होंने मुझे असीम ख़ुशी का अहसास कराया, और बेशक मैं इसे दुबारा आजमाना चाहूंगी। फिटनेस में रहने हुए, मैं हमेशा खुद को ऐसा करने की नई तकनीकों से अपडेट रखने की कोशिश करती हूं और एक्रोयोगा ऐसा ही एक प्रयास था, जिससे अब मैं काफी जुड़ा हुआ महसूस करती हूँ। मैंने वहां रहते हुए, अपने आप से एक गहरे स्तर का जुड़ाव महसूस किया है।