बक्सवाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुदृढ़ मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करने के उद्देश्य को पूरा करने हेतु एस्सेल माइनिंग इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट सिस्टम से सुसज्जित एम्बुलेंस आज गुरुवार को भेंट की गई।
विकासखण्ड बक्सवाहा में यह अपने तरह की पहली एंबुलेंस है जिसमें मरीजों की प्राण रक्षा के लिए लाइफ सपोर्टिंग उपकरण लगे हैं। उच्च तकनीक से सुसज्जित इस एम्बुलेंस में मरीजों के लिए आक्सीजन देने के उपकरण, सक्शन पंप, इंफ्युजन सिस्टम, डीफिब्रिलेटर एवं वेंटिलेटर की सुविधा है। इसके माध्यम से गंभीर बीमार मरीजों को अब बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ 60-70 किलोमीटर दूर स्थित छतरपुर, सागर या फिर दमोह के बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा सकेगा।
एस्सेल माइनिंग द्वारा सतत रूप से स्थानीय क्षेत्र में बुनियादी स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने में सक्रिय सहयोग प्रदान किया जा रहा है। गत वर्ष अक्टूबर में गांधी जयंती के अवसर पर भी एस्सेल माइनिंग द्वारा आधुनिक पैथोलॉजी उपकरण एवं डिजिटल एक्स-रे मशीन, रक्त जांच की मशीन तथा अन्य कई उपकरण बक्सवाहा अस्पताल को भेंट की गई थीं। उच्च गुणवत्ता कि जांच मशीन द्वारा स्थानीय नागरिकों को नई जांच सुविधाएं उनके ही क्षेत्र में उपलब्ध हो सकीं थीं, जिनके लिए मरीजों को सागर या छतरपुर जाना पड़ता था।
बक्सवाहा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ ललित उपाध्याय ने बताया कि हृदयरोग, ब्रेमहेमरेज, किडनी, लीवर सहित प्राणघातक बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बड़े अस्पतालों तक भेजने में यह एंबुलेंस उपयोगी साबित होगी।
कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मलहरा विधायक श्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने शासकीय अमले को एम्बुलेंस की चाबियाँ सौंपी। लोधी ने कहा कि क्षेत्र के विकास में एस्सेल माइनिंग सक्रिय भूमिका निभा रहा है और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने में कंपनी का विशेष योगदान रहा है। मैं आशा करता हूं की कंपनी द्वारा मानव सेवा के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी का सक्रिय सहयोग छतरपुर के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण होगा।
एस्सेल माइनिंग को शासन द्वारा नीलामी प्रक्रिया के पश्चात बंदर डायमंड ब्लॉक के कार्य हेतु आशय पत्र जारी किया गया है। बंदर डायमंड प्रोजेक्ट छतरपुर के बक्सवाहा में स्थित एक ग्रीनफील्ड माइनिंग प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 1,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। रोजगार के साथ स्थानीय अधोसंरचना के विकास, बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा के समग्र सामाजिक एवं आर्थिक विकास सम्भव होगा।