सांभर के झूलेलाल मंदिर के विस्तार के लिये आवासीय मकान दिया

मृतक शीतलदास आहूजा ने वसीयत लिखकर सम्पत्ति दान की

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। स्थानीय सिंधी मौहल्ला स्थित समाज के झूलेलाल मंदिर के विस्तार के लिये इसके नजदीक ही स्थित खुद के आवासीय मकान को शीतलदास आहूजा पुत्र स्व. बालचन्द आहूजा ने वसीयत के जरिये दान कर समाज के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। शीतलदास गांधी ने अपने मृत्यु पूर्व उक्त मंदिर को अपना मकान देने के लिये इच्छा जतायी थी, इसके लिये उसकी ओर से इस आशय का वसीयतनामा लिखा गया। दानकर्ता शीतलदास की करीब 68 साल की उम्र थी और वे अविवाहित ही थे। सिंधी समाज के झूलेलाल मंदिर को आवासीय मकान नाम करने के बाद अब समाज के लोगों की ओर से इसके विस्तार के लिये कार्य शुरू कर दिया गया है तथा नवनीकरण कार्य के लिये समाज के पण्डित हरीश शर्मा की ओर से विधि विधान से पूजा अर्चना करवायी गयी तथा माैजिज लोगों की मौजूदगी में नये हॉल का निर्माण करने के लिये आधारशिला रखी गयी। उक्त मंदिर के पुराने ढांचे को हटाकर अब नया रूप देने के लिये कार्य प्रगति पर है। 

महादेव आहूजा से बात करने पर बताया कि समाज के सभी लोगों से चर्चा करने के बाद पूर्व में स्थापित झूलेलाल प्रतिमा को यहां से बनने वाले नये हॉल में पूर्व दिशा की तरफ स्थापित किया जायेगा तथा इसी मंदिर में शिव परिवार की स्थापना भी करवायी जायेगी। बताया गया कि सम्पूर्ण कार्य पर करीब 20 लाख से अधिक की लागत आयेगी, जिसमें आर्थिक मदद के लिये समाज के लोगों ओर से इसके लिये सहयोग व योगदान भी किया जा रहा है। समाज के प्रमुख ओमप्रकाश आहूजा, नारायणदास गाँधी, प्रदीप साध, ललित खेसकुवानी, प्रकाश सोनी, प्रकाश भागवानी, प्रदीप गांधी, रवि आसवानी, चिमनदास, महादेव आहूजा, प्रेमचन्द खेसकुवानी, मंगुमल खेसकुवानी, कन्हैयालाल सोढी, जुगल आईदासानी, लेखूमल सबनानी, गिरधारीलाल आहूजा, ओमप्रकाश आहूजा, कीमतराय मेठवानी, राधाकिशन बागवानी सहित अन्य ने सिंधी समाज के लिये एक नई पहल बतायी है।