जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। हजरत बावड़ी वाले सैयद बाबा उर्फ जलाल शाह बाबा के ख़िदमतगार महमूद शाह ने कहा कि "निगाहें वली में वो तासीर देखी, बदलती हुई रोज हजारों की तकदीर देखी", यह शेर शाह ने शब ए बारात पर जायरीनों को सम्बोधित करते हुए कहे।
शाह ने कहा कि खिदमत से ख़ुदा और इबादत से जन्नत मिलती हैं। मजदूर नेता अब्दुल अज़ीज़ लोहानी ने कहा कि "जो आए हैं तेरे दरबार मे उनके इरादों की लाज रख, रोज रोज कौन आते है आपके दरबार मे"।
समाज सेवी बुन्दू लुहार ने कहा कि
"रही जिंदगी तो फिर बात होगी,
ना रही जिंदगी तो बस याद होगी,
की हो कोई गलती तो माफ कर देना,
क्या पता ये जिंदगी की आख़री शब ए बारात होगी"।
इस अवसर पर आए हुए जायरीनों को तबर्रुख वितरण किया गया, मजदूर नेता अब्दुल अजीज लोहानी व बुन्दू लुहार की दस्तारबंदी करके सम्मानित किया गया और संपूर्ण रात्रि तक इबादत में मशगूल रहे।