एक आँख वाले रोगियों के लिए कस्टम-मेड प्रोस्थेटिक सेंटर
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जयपुर। आर्ट आइज़ एक आँख वाले रोगियों के लिए भारत का अग्रणी केंद्र है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह सेंटर विकृत या सिकुड़ी हुई आँख या शल्य चिकित्सा द्वारा निकल दी गयी आँख में प्रोस्थेटिक आँख बनाकर लगते हैं, जिन्हें आमतौर पर कृत्रिम आँखें कहते हैं। जो प्राकृतिक आंख की तरह दिखता है। इस कस्टम-मेड आर्टिफिशियल आई सेंटर की स्थापना कृत्रिम आँखें बनाने और लगाने वाले डॉक्टर, ओक्यूलरिस्ट् - सचिन गुप्ता और श्रेया गुप्ता ने की है। वे इस साल भारत के अन्य शहरों में भी अपने केंद्रों का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं।
एक आँख वाले रोगी के लिए नेचुरल ओक्यूलर प्रोस्थेसिस लगाने के उद्देश्य से, आर्ट आइज़ ने पूरे भारत में सफलतापूर्वक अपनी सेवा प्रदान करते हुए एक दशक से अधिक समय पूरा कर लिया है। आर्ट आइज़ में विकृत आंखों वाले रोगियों का इलाज करते हैं और रोगी के अनुसार हस्तनिर्मित कृत्रिम आंखें बनाकर उनके कॉस्मेटिक लुक को पुनर्जीवित करते हैं।
2010 में शुरू किया गया, आर्ट आइज़ अपने सर्वोत्तम गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि आँखों से सम्बंधित किसी भी प्रकार के जटिल नेत्र प्रोस्थेटिक मामलों का इलाज हो सके। इस सेंटर में उपलब्ध विकल्पों में स्क्लेरल शैल , लाइट वेट प्रोस्थेसिस, पोस्ट एक्सेंटरेशन के लिए ऑर्बिटल सिलिकॉन प्रोस्थेसिस और टोसिस सुधार के लिए क्रच ग्लासेस शामिल हैं।
हालांकि हम आँख को जीवन नहीं दे सकते, पर हमारा मानना है कि हम इस तरह से नेचुरल जैसी दिखने वाली आँख दे सकते हैं। इस टीम में विशेषज्ञ ओक्यूलरिस्ट्स का समूह शामिल है, जिनके पास इस पेशे का प्रशिक्षण, सर्टिफिकेशन और अनुभव है। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल टूरिज्म के अंतर्गत देश और दुनिया के रोगियों का इलाज किया है।
ऐसी सेवाओं के लिए पहले लोगों को नई दिल्ली जाना पड़ता था, लेकिन अब आर्ट आइज़ ने जयपुर में अपनी शाखा शुरू की है जो राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के रोगियों की सेवा कर रही है। वरिष्ठ ओक्यूलरिस्ट श्री गोपाल पाटनकर जयपुर शाखा के हेड ऑक्यूलरिस्ट हैं।
आर्ट आइज़ के सह-संस्थापक – ओक्यूलरिस्ट एवं एनाप्लास्टोलॉजिस्ट, सचिन गुप्ता ने कहा कि हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि पिछले 12 वर्षों में, हमने अपने विभिन्न सेंटर्स में कस्टम-मेड कृत्रिम आंखों के साथ 10,000 से अधिक रोगियों का सफल इलाज किया है। हम जो भी और जैसे भी करते हें, उसमें हमारा प्रयास सर्वश्रेष्ठ बने रहने के लिए रहता है। हम 2022 मंं उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर अपनी प्रसार योजना बना रहे हैं।
आर्ट आइज़ की सह-संस्थापक, ओक्यूलरिस्ट और एनाप्लास्टोलॉजिस्ट, श्रेया गुप्ता ने कहा कि आर्ट आइज़ ने अविश्वसनीय प्रगति दर्ज की है, जिसका कारण धारा के विरुद्ध प्राप्त किए गए हमारे प्रतिकूल ज्ञान और इसे भारत में तथा विश्व स्तर पर अपने रोगियों पर लागू करना है। हम अपनी मुख्य विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं और लगातार बेहतरीन परिणाम देते हैं जिससे मरीज को संतुष्टि मिलती है। नई दिल्ली, गुरुग्राम और जयपुर में हमारी राष्ट्रीय उपस्थिति है और वाराणसी, मुरादाबाद, अंबाला, जालंधर, इंफाल, भोपाल जैसे शहरों में कुछ सैटेलाइट सेंटर मौजूद हैं।