रोज़मर्रा की ज़िंदगी की महिलाओं को शामिल करते हुए यह प्रेरणादायी अभियान लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं के बीच मुक्त चर्चा को बढ़ावा देने की जरूरत को दोहराता है।
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जयपुर। देसी भाषाओं में आत्म-अभिव्यक्ति के सबसे बड़े मंच कू ऐप्प ने #BejhijhakBol नाम से एक ताज़ा अभियान शुरू किया है। वीडियो के माध्यम से शुरू किया गया #बेझिझकबोल अभियान बिना किसी डर या झिझक के महिलाओं के बीच आत्म-अभिव्यक्ति को प्रेरित करता है। इसमें जीवन के सभी क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा शानदार प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शामिल की गई है जो आत्म-अभिव्यक्ति के माध्यम से भावनाओं को उजागर करने की आवश्यकता पर जोर देती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 पर जारी यह अभियान इस वर्ष की थीम- ‘एक स्थायी कल के लिए लिंग समानता’ को सामने लाता है, जो मुक्त अभिव्यक्ति को सक्षम और प्रोत्साहित करके आपस में एक-दूसरे से जुड़ी दुनिया में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की जरूरत को रेखांकित करता है।
Koo App की मूल प्रतिज्ञा भाषा आधारित आत्म-अभिव्यक्ति है, जिसको एक नए स्तर पर ले जाते हुए यह अभियान- ‘और दिल में जो भी हो, कू पर बेझिझक बोल’, टैगलाइन के माध्यम से महिलाओं से संकोच को दूर करने और एनिमेटेड चर्चा में शामिल होने का आह्वान करता है। यह Koo App के दर्शन को भी दोहराता है कि डिजिटल दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए भाषा की तरह लैंगिक बाधाओं को भी मिटाने की जरूरत है। Koo App को मूल भाषा की अभिव्यक्ति को ऑनलाइन सक्षम करके हर एक भारतीय को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण के साथ बनाया गया था। ये वीडियो इसी भावना को दर्शाता है, जिसमें
विभिन्न शहरों, संस्कृतियों और समाजों की आम महिलाओं (ना कि सेलिब्रिटी) को उनके रोजमर्रा के जीवन के बारे में बताते हुए देखा जा सकता है और ये महिलाएं अपनी पसंद की अभिव्यक्ति की क्षमता के साथ सशक्त हैं और चर्चा में जुड़ी रहती हैं।
समावेशिता यानी सभी को एक साथ लाने वाले एक सुरक्षित, भरोसेमंद मंच का नेतृत्व करने वाले के रूप में कू ऐप महिला यूजर्स की सक्रिय भागीदारी का गवाह है, जिसमें अपनी लैंगिक पहचान बताने वालों में से लगभग 40 प्रतिशत यूजर्स महिलाएं हैं। डॉक्टरों, वकीलों, पेशेवरों, उद्यमियों, एथलीटों, राजनेताओं, अभिनेताओं, लेखकों, कवियों और गृहिणियों समेत महिलाएं फिलहाल मंच पर मौजूद 10 भाषाओं में अपनी दिलचस्पी वाले तमाम विषयों पर खुद को व्यक्त करती हैं। इसके साथ ही कू ऐप पर मौजूद वेरिफाइड लोगों समेत अपनी विचारधारा वाले लोगों संग स्वस्थ और मुक्त चर्चा में भी जुड़ी रहती हैं। ऐसे में #बेझिझक बोल- सोशल मीडिया से दूर या जुड़ी समेत हर महिला के लिए एक निमंत्रण है कि कू ऐप जैसे मंच पर अपनी मूल भाषा में खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करें और दूसरों के साथ सार्थक तरीके से जुड़ें।
इस संबंध में कू ऐप के एक प्रवक्ता ने कहा, "कू ऐप ऐसे लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है, जो ओपन इंटरनेट पर अपने विचार और राय साझा करना चाहते हैं। बहुभाषी इंटरफ़ेस को सक्षम करके भाषा की बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ, हम उन महिलाओं को सशक्त बनाते हैं जो ओपन इंटरनेट पर आत्म-अभिव्यक्ति की बात आने पर आगे बढ़ने के लिए हरसंभव कोशिश करती हैं। #BejhijhakBol ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करेगा ताकि वे अपने विचारों को एक स्वच्छंद ढंग से और अपनी सुविधा की भाषा में साझा कर सकें। डिजिटल रूप से बदलती दुनिया में भाषाई और लैंगिक बाधाएं नहीं होनी चाहिए। यह अभियान कू के सफर को तेज करने में मदद करेगा क्योंकि हम अपने प्लेटफॉर्म को लोगों के डिजिटल जीवन का एक अभिन्न अंग बनाते हैं।