पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और यूनेस्को द्वारा
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जयपुर। राजस्थान विश्व स्तर पर अपनी विरासत के लिए जाना जाता है। राजस्थान अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की सोने की खान भी है। विश्व में अपने आईसीएच को उजागर करने के साथ-साथ समावेशी पर्यटन विकास को सुनिश्चित करने के लिए, पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और यूनेस्को ने पश्चिमी राजस्थान में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत आधारित पर्यटन को मजबूत करने के लिए भागीदारी की है। इसी के तहत 13 अप्रैल को शाम साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक जवाहर कला केंद्र, जयपुर में लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
डेनिश संगीतकार और राजस्थान के मांगणियार संगीतकार इस कार्यक्रम के विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे । इसके साथ ही लंगा संगीतकारों की प्रस्तुति होगी, जिसके बाद कालबेलिया नर्तक अपनी प्रस्तुति देंगे। जोधपुर में सालावास की दरी, बाड़मेर के पटोदी की जूती और चौहटन की अप्लीक और जैसलमेर के पोखरण के मिट्टी के बर्तनों सहित राजस्थान की हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी किया जाएगा। मध्यवर्ती (ओपन एयर थिएटर), जवाहर कला केंद्र में आयोजित होने वाला कार्यक्रम सभी के लिए खुला है और प्रवेश निःशुल्क है।
डेनिश संगीत टीम का नेतृत्व मैरेन हॉलबर्ग और जोर्गन डिकमेस द्वारा किया जायेगा और उनका मधुर और ऊर्जावान संगीत डेनमार्क और पड़ोसी क्षेत्रों से लोक परंपराओं की पुनर्जीवित विरासत में निहित है। मारन और जोर्गन फ़िन द्वीप के जीवंत लोक दृश्य का हिस्सा हैं, जिनकी संगीत संरक्षिका देश के लोक कार्यक्रम की मेजबानी करती है।
राजस्थान की टीम का नेतृत्व शिव, बाड़मेर से भूंगर खान मांगणियार और मंजूर खान मांगणियार कर रहे हैं। धरोहर लोक कला संस्थान, शिव, बाड़मेर के लोक केंद्र में संगीत कार्यशाला चल रही है। दुनिया के मूल संगीत के बीच मजबूत संबंध और एकजुटता की यात्रा पर दो देशों के इन प्रतिभाशाली कलाकारों द्वारा एक साथ प्रस्तुत किए गए इस अद्वितीय संगीत एवं सहयोग का अनुभव करने के लिए यूनेस्को इस कार्यक्रम में सभी का स्वागत करता है।
शाम के अन्य आकर्षण में मास्टर सिंधी सारंगी वादक असिन खान लंगा और बरनावा जागीर, बाड़मेर के युवा प्रतिभाशाली गायक सत्तार खान लंगा के नेतृत्व में लंगा संगीत होगा, इसके बाद चौपासनी, जोधपुर के कालूनाथ कालबेलिया के नेतृत्व में कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी जावेगी।