बढ़ती मंहगाई
लेखक : डाॅ. सत्यनारायण सिंह
(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी है)
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मंहगाई से जूझ रहे आम लोगों को मंहगाई से मुक्ति नहीं मिल रही है, मुश्किले बढ़ रही है। चुनाव समाप्त होते ही पेट्रोल, डीजल में 14 दिन में 12 बार बढ़ोतरी हो चुकी है। 100 रूपये से उपर एक लीटर का भाव हो गया है। पिछले 10 दिन में पेट्रोल, डीजल के दाम 9.40 रूपया प्रति लीटर से अधिक बढ गये है। दिल्ली से जोड़ने वाले वाले नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स भी 10 फीसदी बढ़ जायेगा, 65 रूपये तक जयादा टोल टैक्स लगेगा। घरेलू गैस सिलेण्डर 50 रूपया मंहगा व व्यवसायिक 250 रूपये से अधिक मंहगा हो गया है। थोक में पेट्रोलियम पदार्थ खरीदने वालों को बढ़ी हुई कीमत अदा करनी पडेगी। खाद्य पदार्थो की कीमतें आसमान छू रही है।
एक अप्रेल से 800 से अधिक दवाईयां 10 फीसदी मंहगी होगी। बुखार, हृदय रोग, एनीमिया के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं के दाम बढ़ जायेंगे, वहीं कंपनियां ब्रेड, बिस्किट से लेकर तंबाकू और सिगरेट की कीमते भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। एक अप्रेल से टीवी, एसी, फ्रीज के साथ मोबाइल भी मंहगा हो जायेगा। जिन कच्चे मालों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है उनसे जुड़े उत्पादों की कीमतों में इजाफा होगा। सरकार ने एलईडी बल्ब बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर मूल सीमा शुल्क 6 फीसदी बढ़ा दिया, इससे एलईडी बल्प मंहगे होंगे। सरकार ने मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटड सर्किट बोर्ड पर भी सीमा शुल्क बढा दिया। बाहर से आयात मंहगा होगा, उत्पादन लागत पर असर पडेगा।
वाहन बीमा, कार व बाइक के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस 5 प्रतिशत तक मंहगा होगा। केन्द्र सरकार ने घर खरीदने वालों को आयकर कानून की धारा 80 ईईए के तहत टैक्स छूट का फायदा देना बंद कर दिया है। पहली बार घर खरीदा है तो चुकाये ब्याज पर 1.5 लाख रूपये की अतिरिक्त टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। चांदी पर आयात शुल्क में बदलाव से चांदी के बर्तन और इससे बनने वाले उत्पाद मंहगे होंगे। इसके अलावा स्टील के सामान पर भी मंहगाई की मार पडेगी।
सरकार ने घरेलु स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमते भी बढ़ा दी है। इससे घरों, पावर प्लांट्स, इंडस्ट्रीज व फर्टीलाइजर कंपनियों को बेची जाने वाली कीमतों में बढ़ोतरी होगी, घरेलू बाजार में भी सीएनजी, पीएनजी के दाम पर असर पडेगा। घरेलु स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में दुगने से ज्यादा इजाफा किया है। 2.9 डालर प्रति 10 लाख थर्मल यूनिट से बढ़ाकर 6.10 डालर कर दिया है। गहरे जल क्षेत्र में आयल फील्डों के लिए कीमत 9.92 डालर प्रति यूनिट कर दी है जो अब तक 6.13 डालर प्रति यूनिट थी। सरकार के इस फैसले से पावर प्लांट, इंडस्ट्रीज और फर्टीलाइजर कंपनियों को बेची जाने वाली गैस मंहगी होगी। ओएनजीसी, आयल कंपनियां, रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमाई में बढ़ोतरी होगी।
लघु बचत योजनाओं के ब्याज दरों पर कोई बदलाव नहीं हुआ परन्तु पीपीएफ पर केवल 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। केन्द्र का राजकोषीय घाटा बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 के लक्ष्य का 8.27 फीसदी हो गया है। टैक्स रेवेन्यू बढा है परन्तु राजस्व में माईनस 44236 करोड की कमी आई है, फरवरी में 11 फीसदी बढकर 3.34 लाख करोड़ हो गया। विदेशी कर्ज भी बढ़कर 614.9 अरब डालर के रिकार्ड स्तर पर पंहुच गया है।
दूसरी ओर मनरेगा के बजट में लगातार कटौती हो रही है, 2020 की तुलना में 35 प्रतिशत कम कर दिया गया। बचत की इकानामी से हटकर उधार की तरफ बढ रहे है, मंहगाई बढ़ जायेगी। नेस्ले, हिन्दुस्तान लीवर ने मैगी, चाय, काफी जैसे उत्पादों के दाम 7 से 16 फीसदी तक बढ़ाया है। डाबर व पालरे 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि करने की तैयारी में है।
चुनाव के दौरान वोट लेने के लिए प्रधानमंत्री अपनी चुनावी सभाओं में जनता के लिए बड़ी-बड़ी लुभावनी घोषणायें करते है मगर जैसे ही चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो जाती है, उसके बाद देश की आम जनता को मंहगाई के डबल डोज का सामना करना पड़ता है। आम आदमी का जीना मुश्किल हो रहा है। चपरासी, माली, सफाईकर्मी, ड्राईवर सरीखे 15 पदों की भर्तियों की घोषणा हुई। तकरीबन 11000 आवेदन आ रहे है, शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास थी परन्तु ग्रेज्युएट, पोस्ट ग्रेज्यूएट, एमबीए ने आवेदन किया। पुलिस में संदेशवाहक के 62 पदों पर भर्तियों के लिए 3700 पीएचडी धारक 5000 ग्रेज्युएट, 28000 पोस्ट ग्रेज्युएट ने आवेदन किया। न्यूनतम योग्यता कक्षा पांच थी, पद 12 खाली है तो 2700 प्रार्थना पत्र। भर्तियां में दर्दनाक, अस्पष्टता, अपारदर्शीता बनी हुई है। दस लाख से ज्यादा स्कूल टीचरों की कमी है। देशभर में सामान्य चिकित्सकों, नर्सो, तकनीशियनों, पेरामेडीकल कर्मचारियों की कमी है, पुलिस बलों में पद खाली है। राजस्थान में सीनियर सेकंडरी अध्यापक के खाली पद 31000 है तो आवेदन 16 लाख, बिहार में गैर तकनीकी स्टाफ पद 20900 तो आवेदन 30 लाख, हालात हर जगह खराब है।
आबादी में सालाना 1.3 करोड़ से अधिक वृद्धि हो रही है। सरकारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस आदि क्षेत्रों में तत्काल भर्तियां करनी चाहिए। बेरोजगारी की इस भयंकर स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और साफ सुथरा बरने की आवश्यकता है। भर्तियों में पनप रहा भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार को समाप्त कर भर्ती प्रक्रियाओं को साफ सुथना व सरल कर शीघ्र खाली पदों को भरना चाहिए अन्यथा अराजकता, असन्तोष व अशांति बढ़ेगी। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)