प्रकाश चपलोत जैन की रिपोर्ट
www.daylife.page
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा नगर परिषद ने पिछले एक महिने में शहर की सफाई व्यवस्था पर कागजों में छः करोड रूपये खर्च कर दिये। फिर भी शहर की सड़को पर कचरो के ढेर लगे हुए है। जानकारी के अनुसार शहर की सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरस्त बनाये रखने के लिये प्रति माह परिषद छः करोड रूपये से भी अधिक खर्च करती है वही परिषद में 1200 से भी अधिक सफाई कर्मचारी काम कर रहे है। मगर कर्मचारी सफाई करने वार्ड में जाते ही नही है। कुछ कर्मचारी तो काम नहीं करने के बदले में जमादार, स्वास्थ्य निरीक्षक को मंथली तक पहुंचाते है।
स्वास्थ्य निरीक्षक ने जमादारों के माध्यम से शहर में घर-घर कचरा संग्रहण करने के लिये परिषद ने प्रत्येक वार्ड में 75 से अधिक ऑटो टिपर लगा रखे है। लेकिन ऑटो टिपर चालक मनमानी करते हुए सप्ताह में एक दिन भी गलियों में नही घुमते है। कचरा सिर्फ वार्ड पार्षद के घर के पास से ही प्रतिदिन उठाते है। इन ऑटो टीपर चालको से शहर की महिलाएं परेशान है। मगर शिकायत करे तो भी किसे। वही ऑटो टिपर को सुचारू रूप से संचालित करने एवं देखरेख के लिये परिषद आयुक्त ने जमादार लगा रखे है लेकिन इन सबकी उपस्थिति सिर्फ कागजों में ही भरी जाती है। साफ सफाई करने वाले कर्मचारी कई कई जगह तो कचरा उठाकर कचरा स्टैंड पर डाल देते है। वो कचरा कई दिनों तक कचरा स्टैंड पर ही पड़ा रहता है। उसे उठाकर कीर खेड़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड तक नहीं डाला जाता है।
पिछडने की आशंका है स्वच्छता सर्वेक्षण में
भीलवाड़ा शहर में फेली गंदगी के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछडने की आशंका बढ गई है। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने विगत दिनों शहर का दौरा किया था। जहा उन्हे कई जगह कचरे के ढेर पडे मिले। पिछले वर्ष भी टीम ने सर्वे किया था तब भीलवाड़ा शहर राज्य में 11वां व देश में 273वें स्थान पर रहा।
इनका कहना है
मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है। मुझे कुछ नही कहना है। आप सूर्यप्रकाश संचेती से बात करें।
दुर्गा कुमारी
आयुक्त नगर परिषद
टीम आई भी होगी तो मुझे जानकारी नहीं है। पुष्पेंद्र बैरागी स्वच्छता प्रभारी है। वो ही बता सकते है।
सूर्यप्रकाश संचेती
कार्यवाहक आयुक्त नगर परिषद् भीलवाड़ा