विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रेल पर विशेष
लेखक : डाॅ. सत्यनारायण सिंह
(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी है)
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वैश्विक महामारी के चलते हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की खामियां सामने आई। कोविड-19 व अन्य सम्बन्धित बीमारियों के लिए लोगों को स्वास्थ्य सेवायें मिलने में मुश्किले आई है। निजी स्वास्थ्य सेवाओं का आम लोगों को लाभ नहीं मिला। निवारक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को शीघ्र बढ़ाना आवश्यक प्रतीत हुआ।
स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढंाचा कमजोर है। जिससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। श्वासजनित गम्भीर बीमारियों की वजह से मौते हो रही है। गरीबी सबसे बड़ी समस्या हैं। डेंगू, मलेरिया जैसी घातक बीमारियों के कीटाणु वायुमण्डल में तेजी से पनप रहे है। बेरोजगारी दर में वृद्धि रोजगार में कमी का संकेत तक है भूख व कुपोषण की समस्या गम्भीर हो गई है। लोगों की आर्थिक प्रतिरोधी क्षमता इतनी नहीं है कि महामारी को झेल सकें। हम गैर संचारी रोगों के संकट की और देख नहीं पा रहे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरोगी राजस्थान का संकल्प लिया और संकल्प लिया है, राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रदेश सिरमौर बने। इसके लिए हर व्यक्ति को अपने घर के नजदीक बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिले। एक भी गरीब व्यक्ति इलाज से वंचित न हो और इलाज के भारी भरकम खर्च से किसी का घर बरबाद न हो। इसे ध्यान में रखकर निःशुल्क दवा एवं जांच योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की गई। इसका दायरा बढ़ाते हुए हैजा, हृदय, श्वास व गुर्दा रोग जैसी गम्भीर बीमारियों को शामिल कर 700 से अधिक दवायें भी उपलब्ध कराई जाने लगी। दवाओं की व जांचों की संख्या बढ़ाई गई है। सिटी स्कैन, एमआरआई जैसी मंहगी जांचे निःशुल्क की जाने लगी है। जीवनशैली में बदलाव के लिए निरोगी राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। नजदीक तत्काल निःशुल्क चिकित्सा सुविधा के लिए जनता क्लीनिक खोले जा रहे है। करीब 80 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया गया है।
शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दृष्टि से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। 100 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 200 नये स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोले गये है। 53 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो को क्रमोन्नत किया गया। दो चिकित्सालयों में जिला अस्पताल घोषित किया गया। नये सामुदायिक केन्द्र, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ट्रोमा सेंटर खोले गये। चिकित्सालयों में ब्लड बैंक की स्थापना, अस्पतालो व जिला चिकित्सालयों को सेवाओं की संख्या बढ़ाई गई है। 12 जनता क्लिनिक खोले गये। मदरसों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक केन्द्रों के भवन निर्माण व 280 मेडीकल लैब संचालित की गई है। 15 नये मेडीकल काॅलेज की स्थापना उनमें सुपर एमआरआई, सीटी स्कैन व्यवस्था, केंसर संस्थान में ओपीडी, मेडीकल काॅलेजो मेें नये सुपर स्पिेसियेलिटी विषय खोले गयें।
आयुष मिशन के द्वारा आयुर्वेद के 179 औषधालय के भवन निर्माण तथा 500 आयुर्वेद औषधालयों को आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स के रूप में विकसित किया जाएगा। कोविड-19 प्रबन्धन के उत्कृष्ट प्रबन्ध में आरटीपीसीआर सभी जिला मुख्यालयों में रेस्ट की सुविधा, सभी जिला मुख्यालयों में, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में 1200 शैय्याओं का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, सभी मेडीकल काॅलेज में टोसिली जुमे एवं रेमडिसिविर दचा की उपलब्धि, व लिक्रिड (तरल) आक्सीजन प्लांट, 12000 स्वास्थ्य मित्रों को चयन, कोविड-19 के अन्र्तगत ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर मृत्यु होने पर 50 लाख की अनुग्रहराशी, 33 लाख निराश्रित असहाय परिवारों को पेंशन, 12 लाख अतिरिक्त परिवारों को रोजगार, निःशुल्क गेंहूं वितरण, कोई भूखा न सोये के ध्येय के अन्र्तगत रोजगार के अतिरिक्त निःशुल्क गेंहूँ, टेªक्टर एवं कृषि यंत्रों की निःशुल्क सेवाएं आदि कार्यक्रमों के राहत प्रदान की गई।
इस प्रकार राजस्थान को मेडीकल हैल्थ के सेक्टर में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त हुई हैं। प्रधानमंत्री व केन्द्रिय टीमों ने अन्य राज्यों को राजस्थान द्वारा उठाये गये कदमों से लाभ लेने की, अपील की है। मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में कोविड-19 महामारी जैसे संकट व इसके कारण उत्पन्न चुनौतियों की सफलतापूर्वक सामना किया गया। कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन चलाया गया। प्रदेश में मृत्युदर 1 प्रतिशत के करीब व रिकवरी दर अन्य राज्यों की अपेक्षा अच्छी रहीं।
राजस्थान गर्वनमेन्ट हैल्थ स्कीम लागू की गई है जिसके अन्तर्गत सभी जनप्रतिनिधि, भारत सरकार व राज्य के कार्यकारी अधिकारी पेंशनर्स व उनके परिजनों को स्वायतशासी संस्थाओं, काॅरपोरेशन के अधिकारी कर्मचारियों की 5 लाख तक की मेडीकल सुविधा प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने बताया सरकारी कर्मचारियों को आईपीडी, ओपीडी में कैसलेश उपचार मिलेगा। मई से लागू होने जा रही मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से आम जनता को जोड़ने का पूरा प्रयास प्रारम्भ कर दिया है। इस बीमा योजना के लागू होने पर राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सेवा अभूतपूर्व योगदान मिलेगा। अभियान के अन्र्तगत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रान्त का प्रत्येक परिवार/नागरिक इस बीमा योजना से जुड़े जिससे बीमारी में पैसे की कमी से परेशानी नहीं हो और बगैर इलाज कोई मृत्यु नहीं हो। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)