सांभर नगरपालिका फेरोकवर लगाने में वर्षों से बरत रही है लापरवाही

सीता सागर रोड से साल्ट फाटक तक खुले पड़े नाले से खतरा

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। स्थानीय नया बस के नजदीक से सीता सागर रोड से सांभर साल्ट के फाटक तक सकड़े नाले को तोड़कर जयपुर की तर्ज पर बनवाये गये बड़े नाले विगत कई वर्षो से आमजन व जानवरों के लिये खतरा बने हुये है, क्योंकि जब से इन नालों का निर्माण होना बताया जा रहा है तब से जिम्मेदार विभाग नगरपालिका ने इनकी कभी सुध लेना तक उचित नहीं समझा। 

जानकारी में आया है कि इन नालों के पास बनी दुकानों पर अपना काम धंधा करने वाले छोटे दुकानदारों के लिये यह अत्यधिक मुसीबत बना हुआ है, जहां पर अपनी दुकान खाेलते व बंद करते समय इस खुले नाले के ऊपर से ही होकर आना जाना पड़ता है, कई दुकानदारों ने अपनी जेब का पैसा खर्च दुकान के आगे इन नालों पर पट्टी व पत्थर के कातले लगाकर अपनी सुरक्षा करने को मजबूर है, लेकिन गट्टानी मार्केट के अनेक दुकानदारों की ओर से पालिका प्रशासन को सैंकड़ों दफा इसके लिये अवगत कराना बताया है, लेकिन पालिका प्रशासन को शायद इससे कोई लेना देना नहीं है, इसलिये सीता सागर रोड से आगे तक बनाये गये नालों की न तो कभी साफ सफाई होती है और न ही लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये इन्हें ढ़का जा रहा है, हालाकि पहले लगाये गये फेरोकेवर अनेक जगहों से टूट चुके हैं, उन्हें भी नहीं बदला जा रहा हे।  सीता सागर रोड पर ही गोपाललाल जाट की टी स्टाल के पूर्व दिशा की तरफ तो दूर तक पूरा नाला ही खुला पड़ा है, जहां पर सुबह व रात को उजाला कम होने के कारण इसमें कई लोग गिरकर चोटिल तक हो चुके है। 

यहां के दुकानदार चन्द्रप्रकाश सैनी से बात करने पर बताया कि कई दफा इसमें श्वान, व गाय तक गिरकर फंस चुकी है। ये नाले पहले छोटे बने हुये थे तो खतरा नहीं था, लेकिन सड़क से ऊंचा व चौड़ा बनाने के कारण अब ये दुखदायी बन चुके है, इन पर तत्काल ही फेरोकवर लगाये जाने की खास जरूरत है। इसी प्रकार पुरानी कोतवाली रोड पर पालिका प्रशासन की ओर से विगत बोर्ड में बनवायी गयी सड़क इतनी ऊंची हो गयी कि दोनों तरफ नालियों में आये दिन चौपहिया वाहन तक फंस जाते है। पार्षद धर्मेन्द्र जोपट ने बताया कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये इन नालियों को भी रोड के लेवल तक ढ़कने की जरूरत है ताकि दुर्घटना से बचा जा सके।