जाफर लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। आल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज फ़ेडरेशन इंटक के प्रदेश सचिव हाजी मोहम्मद मेराज ने कहा कि इरादे रोज बनकर टूट जाते हैं ताला में वहीं आते हैं जिन्हें बाबा बुलाते हैं, यह शब्द मेहराज ने ग्राम ताला में स्थित हजरत बुर्रहानुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की ज़ियारत करने के बाद में उपस्तिथ लोगों को सम्बोधित करते हुए कहे।
हाशमी ने शायराने अंदाज में कहा कि "निगाहें वली में वह तासीर देखी बदलती हुई रोज हजारों की तकदीर देखी"! दरगाह के खादिमों द्वारा हाशमी साहब की दस्तारबंदी करके सम्मानित किया, इसके बाद में हाशमी साहब ने संगठन के पदाधिकारियों व भारत देश की ख़ुशहाली के लिए दुआएं भी मांगी। इसके बाद हाशमी दौसा के लिए रवाना हो गए। हाजी फकीर मोहम्मद, लतीफ खान व हसन खान खादिम ताला ने जियारत करवाई और साथ में हाशमी की अहलिया (पत्नी) शबनम हाशमी ने भी जियारत कर मुल्क में अमन चैन की दुआएं की।