लेखिका : डॉ. ज्योति वाधवानी
इंटर्नल मेडिसिन स्पेशलिस्ट, मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंदौर
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रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून
पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥
पानी/जल की महत्ता से तो हम सभी अवगत हैं ही, लेकिन बीमारी के समय, जब मरीज़ को बुखार, उल्टी-दस्त या कोई भी संक्रमण हो, जिससे मरीज डिहाइड्रेशन या पानी की कमी की वजह से गंभीर अवस्था में जा सकता है। ऐसे में पर्याप्त और उचित मात्रा में, यानि जिसमें समुचित इलेक्ट्रोलिसिस प्रचुर मात्रा में हो, जैसे कि ओआरएस सॉल्यूशन का सेवन दवाई से भी ज्यादा मदद करता है। एक संजीवनी बूटी की तरह यह डिहाइड्रेशन की अवस्था में मरीज के लिए जीवनदायक साबित हो जाता है। ऐसा कहना है डॉ. ज्योति वाधवानी, इंटर्नल मेडिसिन स्पेशलिस्ट, मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंदौर का।
आज ओआरएस डे के मौके पर हम स्वयं से भी जागरुक बनें और हमारे आस-पास के सभी लोगों को ओआरएस के महत्व के बारे में समझाएँ, क्योंकि हमारी छोटी-सी कोशिश, तकलीफ में मददगार साबित हो सकती है।
बच्चों में आमतौर पर यह समस्या हम समझ नहीं पाते हैं, जिसके लिए डिहाइड्रेशन के लक्षणों पर गौर करके इसका पता लगाया जा सकता है। बच्चों में डिहाइड्रेशन के मुख्य लक्षणों में तेज़ हृदय गति, कम से कम 8 घंटे तक पेशाब न करना या गहरे रंग का पेशाब, ठंडी या शुष्क त्वचा, तीव्र अनिद्रा, रोते समय आँसुओं की कमी, सूखे होंठ आदि हो सकते हैं।
घर पर ओआरएस तैयार करना बहुत आसान है। इसके लिए आपको 1 लीटर साफ पानी, 6 चम्मच चीनी और आधा छोटा चम्मच नमक की जरुरत होती है। चीनी घुलने तक इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएँ। अब इस मिश्रण को एक बोतल में भर लें और बच्चे को घूँट-घूँट कर के पिलाएँ। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)