ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहा हिन्दुस्तान जिंक

प्रकाश चपलोत जैन 

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भीलवाड़ा। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपनी परिचालन इकाईयों के आस पास के क्षेत्र के समुदाय का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता में रखते हुए विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है। कंपनी के प्रयासों से अब तक 3400 से भी अधिक को कौशल विकास से जोडने एवं उनमें से 2700 से अधिक को रोजगार एवं उद्यमी के रूप में कार्यरत होने का प्रशिक्षण दिया है। हिंदुस्तान जिंक ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन, टाटा स्ट्राइव और वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों संचालित किया है। 

वर्ष 2019-20 में स्थापित दरीबा और आगुचा के बाद अब ये कौशल केंद्र जावर, देबारी, कायड़, चंदेरिया और पंतनगर में भी संचालित किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त, युवाओं को अंग्रेजी, कंप्यूटर और जीवन कौशल में भी प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् पूर्व-प्रशिक्षण, प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के उपरान्त हिंदुस्तान जिंक, भारत में शीर्ष 15 सीएसआर मद में श्रेष्ठ कार्य करने वालों उद्योगों में से एक है अब तक राजस्थान के 184 , उत्तराखंड के 5 और गुजरात के 16 गांवों में 700,000 लोग लाभान्वित हुए है।