अब सुनिए साफ हवा के बोल और धुन

निशांत की रिपोर्ट 

लखनऊ (यूपी) से 

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आज का दिन ख़ास है। आज, सितंबर सात, को हर साल साफ हवा और नीले आसमान को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। मगर इस साल साफ हवा और नीले आसमान को मिलेंगे बोल और धुन।  

दरअसल आज संयुक्त राष्ट्र-समर्थित वैश्विक वकालत समूह, Air Quality Asia ने धरती के सबसे प्रदूषित हॉटस्पॉट्स में से एक, दक्षिण एशिया के लिए साफ हवा की एहमियत समझाता एक प्रेरणादायक गीत जारी किया। साफ हवा शीर्षक वाला यह गाना संयुक्त राष्ट्र की ब्रीथलाइफ अभियान से जुड़ा हुआ है और दक्षिण एशिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध संगीत कलाकारों द्वारा शानदार तरीके से तैयार किया गया है और पूरी उम्मीद है कि यह गीत आम लोगों के दिलों में जगह बनाएगा।

इस गीत के संगीतकार और निर्माता, शांतनु मोयत्रा कहते हैं, "जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है। इसे मैंने हिमालय की अपनी तमाम यात्राओं में अपनी आँखों से देखा है। और इसे ध्यान में रखते हुए जब मैं सोचता हूँ तो एहसास होता है कि साफ हवा एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान है। यह सभी को जागरूक करने का आह्वान है। आखिर स्वच्छ हवा हमारा मौलिक अधिकार है। मुझे खुशी है कि मैं इसमें योगदान कर सका।” इस गीत के प्रमुख गायक ज़ेब बंगश हैं, मीर अली हुसैन इसके गीतकार हैं, और लेथ सिद्दीक ने अपने वायलिन वादन से इस गीत को सजाया है।  

इस साल आज के दिन की थीम है ‘हमारी साझी हवा’ और साफ हवा गीत के बोल और भाव इसी थीम को छूते हैं। दक्षिण एशिया दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है। यहाँ 1.85 बिलियन से अधिक लोगों का घर है और यहाँ मध्यम और निम्न मध्यम आय वाले तमाम देश शामिल हैं। इन सभी देशों के समान प्रदूषण स्रोत हैं और यह सभी एक क्षेत्रीय एयर-शेड साझा करते हैं। जहां एक ओर वायु गुणवत्ता प्रबंधन को शहरों और देशों की भौगोलिक सीमाओं के भीतर संबोधित किया जाता है, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव, जिसमें बढ़ती गर्मी, विनाशकारी बाढ़, चक्रवात शामिल हैं, पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र को तीव्र रूप से प्रभावित कर रहे हैं।  

अगर उच्च उत्सर्जन, वायु प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन दक्षिण एशिया की आम चुनौती और साझा समस्या है तो इसके लिए समाधान भी साझा होगा।

इस गीत से जुड़े कलाकारों का मानना है कि इन समाधानों और प्रयासों को एक नए परिपेक्ष्य्य से देखना होगा। "मेरे देश में हाल ही में आयी विनाशकारी बाढ़ ने स्पष्ट कर दिया कि जलवायु परिवर्तन हमारे बच्चों के लिए कितना खतरनाक भविष्य तैयार कर रहा है। यह गीत साफ हवा के लिए एक प्रेम गीत के रूप में लिखा गाया है। मैं बेहद खुश हूं कि मैं इसके लिए आवाज़ बन सका, ”बंगश ने कहा।

गीत के माध्यम से कलाकारों ने स्वच्छ हवा को एक जन्मसिद्ध अधिकार बताया है। आगे, लेथ सिद्दीक कहते हैं, "कलाकार सकारात्मक बदलाव के दूत होते हैं और मुझे उम्मीद है कि यह गीत सकारात्मक बदलाव लाएगा।"

इस गीत को बनाने का विचार तमाम वैश्विक पर्यावरण आंदोलनों से मिली प्रेरणा का नतीजा है। AirQualityAsia की संयोजक शाजिया रफी का मानना है, “जब तक आम जनता आवाज़ नहीं उठाएगी, सरकारों का अपने प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले फैसलों पर पीछे हटना मुश्किल है। इस साफ हवा गीत कि प्रेरणा मुझे मिली अमेरिकी पर्यावरण आंदोलन से, जॉनी मिशेल और जॉन डेनवर के संगीत से, जिसने 1970 के स्वच्छ वायु अधिनियम को जन्म दिया और एक मजबूत ईपीए को रूप लेने दिया।” (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)