मुंबई। नवरात्रि भारत का एक सबसे प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे विभिन्न राज्यों में बेहद उत्साह एवं जोश के साथ मनाया जाता है। मध्य प्रदेश में, यह त्योहार काफी भव्य रूप से मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना करते हुये नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और अपने प्रियजनों के साथ गरबा खेलने के लिये विभिन्न स्थानीय डांडिया ग्राउंड्स में जमा होते हैं। ‘हप्पू के उलटन पलटन‘ से एण्डटीवी की मशहूर जोड़ी-दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) और उनकी दबंग दुल्हनिया राजेश सिंह (कामना पाठक) इस बार मध्य प्रदेश में नवरात्रि के इस उत्सव में शामिल हुए। इन दोनों कलाकारों ने ग्वालियर में न सिर्फ इस खास उत्सव का जश्न मनाया, बल्कि त्योहारों के स्थानीय रंग का आनंद उठाने के साथ ही ऐतिहासिक इमारतों में घूमने, स्थानीय स्ट्रीट फूड्स का स्वाद चखने और शहर के लोकप्रिय पारंपरिक आर्ट एवं क्रॉफ्ट्स की खरीदारी करने का लुत्फ भी उठाया। ग्वालियर की अपनी यात्रा और नवरात्रि के जश्न के बारे में इन कलाकारों ने क्या कहा, आईये उन्हीं से जानते हैं।
अपनी खुशी का इजहार करते हुये, योगेश त्रिपाठी ऊर्फ दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, नवरात्रि एक ऐसा त्योहार है, जिसे मैं हर साल अपने परिवार के साथ मनाता हूं और हम पूरे नौ दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनते हैं एवं पूरे भक्ति-भाव से मां दुर्गा की आराधना करते हैं। इस बार मैं घर पर और ग्वालियर के लोगों के साथ इस त्योहार को मना रहा हूं। ग्वालियर ने हमेशा ही मुझे आकर्षित किया है और मैं हमेशा से ग्वालियर शहर देखना चाहता था। और ऐसा लग रहा है कि मेरी इच्छा पूरी हो गई है। ग्वालियर में मैंने त्योहारों के रंग में डूबी एक मजेदार शाम का आनंद उठाया, आस-पास की मशहूर जगहों की सैर की और स्ट्रीट फूड के भी मजे लिये। जब मुझे यहां के लोगों के साथ नवरात्रि का जश्न मनाने के लिये आमंत्रित किया गया था, तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। मैंने अब तक जितनी भी जगहों की सैर की है, उनमें से यह एक अद्भुत स्थान है।
इस शहर का अपना एक इतिहास है और यहां के लोग बेहद जिंदादिल एवं मिलनसार हैं। हप्पू का मेरा किरदार कनपुरिया बोली बोलता है। यहां पर कई लोगों ने मुझे ‘अरे दादा‘ कहकर बुलाया और उनका यह अंदाज वाकई दिल को छू गया। पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे लोगों के साथ गरबा डांस करके मुझे बहुत मजा आया। इसके अलावा, हमने ग्वालियर का मशहूर जय विलास पैलेस देखा और शहर के प्रमुख स्थानों की भी सैर की। हमने पाटनकर बाजार से अपने परिवार वालों एवं दोस्तों के लिये स्थानीय हैंडीक्रॉफ्ट्स, पारंपरिक हैंडलूम्स और खासतौर से स्टोन से बनाई गई कलाकृतियों की खरीदारी भी की।
मैं अपनी स्वादेंद्रियों को संतुष्ट किये बिना किसी भी शहर से वापस नहीं आ सकता और यहां पर भी मैंने वही किया। ग्वालियर में मैंने मीठी इमरतियों और कुरकुरी कचौड़ियों जैसे स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद चखा। मेरे लिये यह सफर हमेशा यादगार रहेगा।‘‘ इस बारे में आगे बताते हुये कामना पाठक ऊर्फ राजेश सिंह ने कहा, मैं त्योहारों का भरपूर आनंद उठाती हूं और हर त्योहार को बेहद धूमधाम के साथ मनाती हूं। मैं मूल रूप से इंदौर की रहने वाली हूं, इसलिये मेरा दिल भारत के दिल मध्य प्रदेश से जुड़ा हुआ है।