प्रकाश चपलोत जैन
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भीलवाड़ा। हम जो स्वयं के लिए चाहते है या नहीं चाहते है वैसा ही सामने वाले के लिए भी सोचना चाहिए। हम स्वयं दुःखी व अपमानित नहीं होना चाहते है तो सामने वालों को भी हमे दुःखी व अपमानित नहीं करना है। हम सम्मान चाहते है तो दूसरों का भी सम्मान करना होगा। आशीर्वाद पाना है तो बॉयकाट करने से काम नहीं चलेगा। आशीर्वाद पाने के लिए आशीर्वाद देना भी होगा। ये विचार आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शांतिभवन में गुरूवार को पंच दिवसीय प्रवचनमाला जुग-जुग जियो का आगाज करते हुए व्यक्त किया। इस प्रवचन माला के माध्यम से बताया जाएगा कि किस तरह आशीर्वाद व दुआएं प्राप्त करके जीवन को सुखी व समृद्ध बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनशासन का सिद्धांत है कि सब प्राणी सुख चाहते है कोई दुःखी नहीं रहना चाहते है। दूसरों को दुःख देकर अपने हिस्से में दया नहीं आ सकती। आशीर्वाद लेना-देना सीख जाए तो जीवन कमाल का हो जाता है। आशीर्वाद लेने-देने के मौके का फायदा नहीं उठा पाए तो दुर्गति पक्की है। बददुआ की बीमारी का कोई इलाज नहीं है। मुनिश्री ने कहा कि हम जीवों की विराधना करते रहते है लेकिन मन में अपराधबोध तो आता नहीं है। दुःखी होने वाला जीव हमे दुआ नहीं दे पाएगा। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. एवं गायन कुशल जयवंतमुनिजी का भी सानिध्य मिला। कोपरगांव एवं जालना से आए अतिथियों का स्वागत शांतिभवन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेन्द्र चीपड़ एवं चातुर्मास संयोजक नवरतनमल बम्ब ने किया। कोपरगांव संघ के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने वहां चातुर्मास करने की विनती पूज्य समकितमुनिजी म.सा. से की। धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।
जीव का लक्ष्य होना चाहिए परस्पर सहयोग
समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि परस्पर सहयोग जीव का लक्ष्य होना चाहिए। मिट्टी के सहयोग के बिना बंग्ला नहीं बन सकता। कभी ये नहीं सोचना चाहिए कि बंग्ला मैने बनाया है। स्थावरकाय जीव सहयोग देने के बाद भी अहसान नहीं जताते है। इंसान थोड़ा सा सहयोग करने पर भी जिंदगी भर अहसान जताता है। हमे इन बेजुबान प्राणियों से सीख लेना चाहिए कि अहसान जताए बिना कैसे कार्य कर सकते है। पृथ्वीकाय जीवों के प्रति भी थोड़ा अहोभाव रखना चाहिए।
शांतिभवन से होगा अंबेश भवन के लिए विहार
धर्मसभा में अंबेश भवन वर्धमान कॉलोनी के मंत्री चंचल पीपाड़ा ने पूज्य समकितमुनिजी से 9 नवम्बर को चातुर्मास पूर्ण कर शांतिभवन से विहार करने पर अंबेश भवन पधारने की विनती प्रस्तुत की। इसके बाद समकितमुनिजी ने 9 नवम्बर को सुखे समाधे शांतिभवन से विहार कर अंबेश भवन पधारने की स्वीकृति प्रदान की। शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने बताया कि चातुर्मास के अंतिम दिवस 8 नवम्बर को लोकाशाह जयंति मनाई जाएगी। आगम ज्ञाता, प्रज्ञा महर्षि डॉ समकित मुनि जी म. सा. आदि ठाणा 3 के शांति भवन में ऐतिहासिक चातुर्मास सम्पूर्ण होने के पश्चात प्रथम विहार 9 नवम्बर को प्रातः 8:15 बजे शांति भवन से प्रस्थान कर अम्बेश भवन, वर्धमान कोलोनी के लिए होंगा। इसके बाद 10 नवम्बर को चंद्रशेखर आजाद नगर, 11 नवम्बर को श्याम विहार कॉलोनी एवं 12 व 13 नवम्बर को यश सिद्ध स्वाध्याय भवन, सांगानेर रोड़ में प्रवास रहेगा।