लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह
(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी हैं)
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राजस्थान बजट 2022 के अनेक सकारात्मक पहलू है, इसमें बड़ा है सामाजिक व रोजगारजनक क्षेत्र पर विशेष ध्यान। बजट में कृषि और ग्राम विकास, बुनियादी सुविधाओं और शहरी विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई है। समावेशी विकास के कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी है। इसके लिए अधिक राशि आवंटित की गई है और समर्थक नीतियां तय की गई है।
भारत सरकार की आर्थिक नीतियों व कोरोना के अनियोजित अवांछित लम्बे लोकडाउन से उद्योग और पूंजी बाजार को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है। सर्वाधिक असर पर्यटन, होटल, हास्पिटलिटी सेक्टर, परिवहन पर पड़ा है। मंदी ने देश में व्यापार, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों पर करारी चोट की है, विकास दर कम हुई है लोगों को बेरोजगार कर दिया है। दो वर्षो के दबाब के बाद अर्थव्यवस्था में पुनः मजबूती लाने के लिए आवश्यक है, उद्योगों को आवश्यक स्वीकृतियां व ऋण हासिल करने में अधिक मसक्कत नहीं करनी पड़े, इसका प्रयास किया गया है। बुनियादी ढांचे को बूस्टरअप डोज दी है तो शहर भी स्मार्ट बनेंगे।
राजस्थान अपनी संस्कृति तथा पर्यटन के कारण देश विदेश में अनूठी पहचान रखता है। पर्यटन प्रदेश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराने में अग्रणी है। वर्षो से पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिये जाने की मांग की जाती रही थी। अशोक गहलोत ने प्रदेश के पर्यटन को संजीवनी देते हुए 30 वर्ष पुरानी माग पूरी कर दी। प्रदेश के टूरिज्म एवं हास्पिटलिटी क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दे दिया। उद्योगों की तरह ही सरकार टैरिफ व लेबर लगायेगी। वर्ष 2021-22 में 500 करोड़ के विकास कोष को बढ़ाकर 1000 करोड़ रूपया कर दिया है। 400 करोड़ प्रदेश के पर्यटन की ब्राडिंग व 600 करोड़ पर्यटन स्थलों को बेहतर तरीके से विकसित करने पर व्यय होगा।
प्रत्येक जिले के दो-दो पर्यटक स्थलों का विकास होगा इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया है। प्रदेश में इन्फ्रा स्टेट हवाई सेवा का संचालन होगा, मांग के अनुसार स्थानों को जोड़ा जायेगा जिस पर 15 करोड़ खर्च होंगे। प्रदेश में अन्य टयूरिज्म की तरह एडवेंचर टयूरिज्म की शुरूआत होगी। इसके लिए टयूरिज्म प्रमोशन स्कीम बनाई जायेगी। दो मंदिरों के दर्शन रोप वे, गणेश मंदिर रणथंभोर व रामेश्वर महादेव मंदिर आकोदा में दर्शनार्थियों के लिए रोप वे सुविधा शुरू होगी। सवाईमाधोपुर से रणथम्भोर रोड़ पर राजीव गांधी सेंट्रल पार्क का निर्माण कराया जायेगा। पर्यटक व पर्यटन स्थलों की सुरक्षा के लिए 500 पर्यटक मित्रों की भर्ती होगी। लोक कलाकारों के मानदेय में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जायेगी।
पर्यटकों के लिए आललाइन बुकिंग पोर्टल विकसित किये जायेंगे। डूंगरपुर, बांसवाड़ा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बागड टयूरिस्ट सर्कित विकसित होगा। मामानगढ़धाम-देव सोमनाथ, बेणेश्वरधाम-अन्पूर्णा-त्रिपुरा सुन्दरी, कडाना-माही-बजाज सागर को शामिल किया जायेगा। जयपुर में 100 कमरों का स्टेट गेस्ट हाउस बनाया जायेगा, 246 करोड़ का प्रावधान पर्यटन विभाग के लिए होगा। पर्यटन को बढावा देने के लिए 2185 करोड़ का प्रावधान है। राज्य सड़क कोष के लिए 1510 करोड़ रूपये के खर्च से स्टेट हाईवे सुदृढ़ होंगे, हादसे टालने पर भी फोकस किया गया है।
गोविन्द गुरू जनजातीय विशविद्यालय बांसवाडा में वैदिक गुरूकुल की स्थापना की जायेगी। एमएसएमई उद्यमियों को संबल प्रदान करने हेतु पांच वर्ष तक स्वीकृतियां व निरीक्षणों से मुक्त किया जायेगा। होटल तथा टयूर आपरेटर्स को जमा 50 प्रतिशत राशि का एसजीएसटी का पुर्नभरण होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान टयूरिज्म स्कीम लाई जायेगी। प्रारम्भ में 25 प्रतिशत स्टाम्प डयूटी देय होगी, ईकाई शुरू होने पर 100 प्रतिशत की छूट देते हुए पुर्नभरण किया जायेगा, एसजीएसटी का 10 वर्षो तक पुर्नभरण किया जायेगा। लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 25 लाख रूपये तक के ऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जायेगा। 100 वर्ष पुरानी संपत्तियों को हेरिटेज माना जाता था, अब टयूरिज्म पालिसी 1 जनवरी 1950 से पूर्व निर्मित संपत्तियों में संचालित होटल्स को हेरिटेज होटल्स की श्रेणी में मानते हुए स्टाम्प डयूटी की रियायत प्रदान की जायेगी। ग्रामीण क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों को भूमि रूपान्तरण शुल्क में सम्पूर्ण छूट दी जायेगी।
बजट में 6 शहर सेटेलाइट टाउन को स्मार्ट सिटी योजना में सम्मिलित किया जायेगा। शहरी विकास व ट्रांसर्पो कनेक्टीविटी का दूरदर्शी प्लान से पर्यटन पर असर पड़ेगा। राज्य में मेडीकल टयूरिज्म की संभावनायें बढ़ गई है। मेडीकल सुविधायें कम राशि पर इन्टरनेशनल स्तर की होगी तो विदेशों को आकर्षित किया जा सकेगा। जिस तरह पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास राजस्थान सरकार ने किया है, उस तरह की प्राथमिकता व महत्व अन्य राज्यों ने अभी तक नहीं दिया है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)