गार्डन की खूबसूरती के लिए 2 साल पहले खर्च किए गए थे लाखों रुपए
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सांभरझील। यहां कटरा बाजार स्थित सेंट्रल बैंक के सामने अति प्राचीन गांधी बालवाड़ी पर पालिका प्रशासन की ओर से निवर्तमान बोर्ड के कार्यकाल के दौरान इस पर लाखों रुपए खर्च कर जिस अंदाज से इसे विकसित और खूबसूरत बनाया गया था उस उस स्थिति को पालिका प्रशासन अब मेंटेन नहीं कर पा रहा है। चर्चा है कि इसकी प्रमुख वजह वर्तमान बोर्ड में बैठे सत्ता और विपक्ष के पार्षदों की शिथिलता भी प्रमुख कारण बताई जा रही है।
यह बताना जरूरी है कि पूर्व व वर्तमान पार्षद धर्मेंद्र जोपट के कार्यकाल के दौरान 11 जुलाई 2020 को पालिका के सहायक अभियंता रवि कुमार कुमावत को मौका दिखाकर शेष कार्य का एस्टीमेट तैयार करवाया था। जोपट की ओर से गांधी बालवाड़ी के नष्ट होते अस्तित्व को बचाने के लिए जो सफलतम प्रयास किए गए थे वह वापस अब उसी स्थिति में नहीं पहुंच जाए इस बात की चिंता यहां के आसपास के रहने वाले सैकड़ों लोगों व दुकानदारों को भी सताने लगी है।
पार्क में आने वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए हजारों रुपए खर्च कर बनाया गया खूबसूरत फव्वारा निवर्तमान बोर्ड के कार्यकाल के दौरान तो सही सलामत रहा लेकिन उसके बाद से दोबारा इसमें रंगीन जलधारा निकलती नहीं दिखी। फव्वारा चालू होना तो दूर उल्टा बेहतर प्रबंधन के अभाव की वजह से फव्वारे का नोजल आदि सामान ही कोई चुरा कर ले गया है, बताया जा रहा है करीब डेढ़ साल से यह फव्वारा अब शोपीस बनकर रह गया है। लगता है खुद पालिका प्रशासन का भी इस पार्क से अब मोहभंग हो गया है, यही वजह है कि सार्वजनिक रोशनी के अभाव में अब पार्क अंधेरे में डूबा हुआ है।
बताया जा रहा है कि पालिका प्रशासन को विद्युत निगम में नियमानुसार पैसा जमा करवा कर इसका इंतजाम सुनिश्चित करना था लेकिन उस पर अभी तक क्या कार्रवाई हो रही है जिम्मेदार इधर उधर की बातें कर लोगों को गुमराह कर रहे है। लाइट नहीं होने से पानी का होद भी खाली पड़ा है तथा पेड़ पौधों में पर्याप्त सिंचाई नहीं होने यहां कड़ी मेहनत से तैयार की गई हरियाली वह घास के भविष्य में नष्ट होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पार्क पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पर्यटन विभाग की ओर से गांधी बाल बाड़ी के नाम से बनवायी गयी पत्थर की नाम पट्टिका आज तक अपनी जगह नहीं ले सकी है और वह एक दीवार के सहारे ही खड़ी है।
इस मामले में अधिशासी अधिकारी मनीषा यादव से बात करने पर बताया कि मेरी जानकारी में भी यह बात आई है। मैं पता करवाती हूं किस वजह से लाइट का इंतजाम नहीं हो रहा है शीघ्र ही व्यवस्था करवा दी जाएगी।