हमारे समाज मे बेटे व बेटी में भेदभाव किया जाता है। परिवार में बेटी का भी बेटे के समान ही पालन पोषण किया जाये। लड़की को समाज से डरना नहीं चाहिए। उसको समाज की कुरीतियां से लड़ना सिखाए। आज के समय में लड़कियाँ भी प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, अगर समाज व परिवार में इनकी उपेक्षा नहीं होगी तो अवश्य ही अपना एवं अपने देश का भविष्य बना सकेगी। वहीँ इससे जनसंख्या नियंत्रण कानून को सफलता मिल सकती है।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़