शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। स्थानीय देवयानी सरोवर जाने वाले मार्ग पर स्थित श्रीरघुनाथजी के मंदिर से करीब 600 साल पुरानी प्राचीन भगवान की मूर्तियों की चोरी होने के 2 साल बाद भी पुलिस के हाथ आज भी खाली हैं। यहां के पुजारी सोहनलाल स्वामी से बात करने पर बताया कि इन मूर्तियों की चोरी होने के बाद से उनका मन काफी आहत है। पुजारी ने बताया कि आज से 2 साल पहले यहां के मंदिर से अज्ञात चोर राम जानकी की अष्ट धातु की करीब 600 साल पुरानी प्राचीन मूर्तियों के अलावा भगवान लड्डू गोपाल की दो मूर्ति, एक सालगरामजी की मूर्ति, मंदिर से एक चांदी का पत्र, भगवान राम जानकी के सिंहासन, दो चांदी के मुकुट, दो कांस्य की झालर, करीब 5:30 किलो वजन का पीतल का घंटा, प्रतिमाओं को भोग लगाने के पात्र तथा पानी की मोटर खोल कर भी अज्ञात चोर चुरा कर ले गए थे जिसकी रिपोर्ट सांभर थाना पुलिस को दी गई थी।
यह मंदिर प्राचीन मंदिर की श्रंखला में सूचीबद्ध है इसलिए इस मंदिर का काफी महत्व है। यहां की मूर्तियां चोरी होने के बाद से आज तक उन्हें इनकी बरामती का इंतजार बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर धनतेरस के मौके पर धनतेरस के रोज शर्मिष्ठा सरोवर से भी भगवान राम सीता की प्राचीन मूर्तियों के चोरी होने के बाद लोगों की भावना काफी आहत हो रही है। इन दोनों ही मंदिरों से चोरी की गई मूर्तियों का पता लगाने के लिए यहां विश्व हिंदू परिषद के सचिव सुनील शर्मा व देवयानी विकास समिति के अध्यक्ष हरिदास शर्मा ने उपखंड अधिकारी सांभर को अलग-अलग पत्र लिखकर पुलिस से अपेक्षा की है यथाशीघ्र इन प्राचीन मूर्तियों की बरामदगी की कार्रवाई की जाए तथा अज्ञात चोरों का पता लगाकर उनको कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाए।
पदाधिकारी की ओर से प्रस्तुत किए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि यदि इसमें अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई तो विश्व हिंदू परिषद वह हिंदू समाज के लोगों को इसके लिए आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी समस्त प्रकार की जिम्मेदारी प्रशासन व पुलिस प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में विश्व हिंदू परिषद के सचिव सुनील शर्मा, देवयानी विकास समिति के अध्यक्ष पंडित हरिदास शर्मा, सचिव सर्वेश शुक्ला, एडवोकेट योगेश शुक्ला, पार्षद एडवोकेट विजय प्रजापति, देवेंद्र कुमार शर्मा, रूपनारायण शर्मा, कारपेंटर दिनेश शर्मा, वीएचपी के आशीष साहू, वीएचपी के अध्यक्ष हीरालाल तवर, प्रचार मंत्री विकास शर्मा की भी मौजूदगी रही।