परिवर्तन से न हो कभी परेशान...!

गेस्ट राइटर

लेखिका : रेणु जैन

इंदौर (एमपी) भारत 

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महान दार्शनिक अरस्तू ने स्वस्थ रहने के लिए एक बात कही थी कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम प्रकृति के इस नियम को जब भी मानने से इंकार करने लगते हैं ,तब हम दुखी होने लगते हैं तथा अवसाद से घिरने लगते हैं। हमें स्वीकारना होगा कि जब अच्छे दिन स्थायी नहीं रहते तो बुरे दिन भी स्थाई नहीं रह सकते। जो व्यक्ति इस सत्य को जान लेता है वह कभी निराश, हताश नहीं होता। कभी ये बदलाव हमारे लिए अच्छे होते हैं तो कभी ये हमारे खिलाफ भी हो जाते हैं पर सबसे बड़ा सत्य यह है कि परिवर्तन हमारे जीवन का एक प्राकृतिक भाव है। इसलिए हमे हर तरह के परिवर्तन को बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकारना चाहिए। हो सकता है परिवर्तन का सामना करने के दौरान हमें गुस्सा, अशांति, चिंता और परेशानी हो पर डरें नहीं। 
कहा भी गया है कि सुकून भरा जीवन जीने के लिए सबसे बड़ा मूलमंत्र यह है कि परिवर्तन का स्वागत करें। अपनी महत्वपूर्ण ऊर्जा को गुस्सा या चिंता करने की बजाय अच्छी आदतों में लगाना श्रेयस्कर होगा।इस संबंध में जार्ज बर्नाड शॉ ने कहा था कि बिना किसी बदलाव के प्रगति असंभव है और जो लोग अपना दिमाग नहीं बदल सकते वे कुछ भी नहीं बदल सकते। कहने का मतलब है  कि परिवर्तन को विकास के नजरिए से देखें तथा खुशी से अपनाएं। नई परिस्थितियों का, नई चुनौतियों का हमेशा स्वागत करें। 
निराशा या डर के भंवर में डूबे रहना किसी भी समस्या का समाधान कतई नहीं हैं। कई बार उम्मीद तथा आशा बनाए रखने से भी समस्या का निराकरण नहीं होता और यही वह नाजुक वक्त होता है जब कई लोग अपना जीवन समाप्त करने का सोचने लगते है। पर याद रखें कि ऐसे में बुरे समय में अडिग रहने की शक्ति जरूर मिलती है। हर रात के बाद सुबह होना प्रकृति का नियम है। इस मूलमंत्र को याद करें ,जो लोग निरुत्साहित करें उनसे दूरी बनाकर ही रखना बेहतर होगा। बुरे विचारों से निपटने के लिए योग तथा ध्यान को जीवन में स्थान दें। 

 जब भी जीवन में कोई बदलाव आए यह सोचे कि हमारे विचारों की तरह दुनिया में हर चीज बदलती है। इसलिए अपने पर नियंत्रण रखने के लिए अपनी कल्पना शक्ति को जाग्रत करें। कहा जाता है कि मस्तिष्क और कल्पना शक्ति की ताकत से आप जीवन में जो चाहते हैं वह प्राप्त कर सकते हैं। असल में कल्पना शक्ति आकर्षण के सिद्धांत की तरह काम करती है। एक जरूरी बात यहां यह भी है कि ऐसे वक्त शुभचिंतको और सकारात्मक लोगों से संपर्क बनाएं रखें। याद रखें, ऐसे वक्त यही लोग हमारे जीवन में संजीवनी बूटी की तरह हमारे साथ होते हैं। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)