ज्योतिष (राशि) नज़रिये से वर्ष 2023 आपके लिए कैसा रहेगा!

यह राशिफल हमारे पाठकों के लिए डॉ. लता श्रीमाली (केपी एवं वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ) ने लिखा है ताकि आप जान सके आपका वर्ष 2023 कैसा गुजरेगा। वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ लता श्रीमाली अनेक स्थानों, संस्थाओं एवं समाज में ज्योतिष विद्या के लिए सम्मानित हो चुकी हैं। डे लाइफ आपका आभार करता है कि आपने हमारे असंख्य हिंदी पाठकों की भावना का ध्यान रखते हुए राशिफल प्रकाशनार्थ भेजा।      

                                         

लेखिका : डॉ. लता श्रीमाली                                                                                 

केपी एवं वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ

पी.एच.डी. (ज्योतिष), एम.ए.संस्क्त/ज्योतिष, एल.एल.बी, 

विशिष्ठ उपाख्य ज्योतिष/वास्तु, संगीत विषारद वायलिन, 

पता : डी - 669, मालवीय नगर, जयपुर, राजस्थान।

मो. 8005828928

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मेष राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- कर्मभाव के स्वामी शनि का स्वराशि में लाभ भाव में गोचर भ्रमण होने के कारण नौकरी में लाभ प्राप्त करेंगे। दशमेश शनि का स्वराशि लाभ भाव में गोचर होने के कारण नौकरी में आनन्द का अनुभव करेंगे।उच्च अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। कार्यस्थल पर वर्चस्व की स्थिति बनी रहेगी। दशमेश शनि की गोचर में भाग्येश बृहस्पति पर दृष्टि के कारण व्यवसाय की दृष्टि से लाभकारी रहेगा। नया व्यापार भी प्रारम्भ कर सकते है। मार्च, जुलाई, नवम्बर माह में स्थानान्तरण के योग बनते हैं। लाभेश शनि का लाभ भाव से गोचर के कारण व्यापारी वर्ग के लिए दिन-प्रतिदिन की आमदनी में भाग्य से वृद्धि होती रहेगी।

आर्थिक स्थिति:- जनवरी माह में धनेश शुक्र का लाभ भाव में भ्रमण के कारण जीवनसाथी से लाभ की अधिकता रहेगी। फरवरी माह में मनोरंजक कार्यों में धन व्यय एवं इलैक्ट्कि सामानों के क्रय की सम्भावना बनेगी। कुटुम्बजनों पर विवाह आदि शुभकार्यों में व्यय होगा। आय की अपेक्षा व्यय की अधिकता  रहेेगी।

पारिवारिक जीवन:- सप्तम भाव पर भाग्येश बृहस्पति की दृष्टि के कारण पारिवारिक जीवन में सुख एवं शान्ति का वातावरण बना रहेगा। किन्तु सप्तम भाव पर राहु की दृष्टि के कारण जीवनसाथी से दूर रहने की स्थिति उत्पन्न होगी एवं अविश्वास पैदा होगा। कुटुम्ब में व्यर्थ के वाद-विवाद से मन अप्रसन्न रहेगा। अप्रेल तक भाग्येश बृहस्पति का व्यय भाव से गोचर भ्रमण के कारण शुभ मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा। इस दौरान कुटुम्ब के लोगों से व्यवहार करने में सावधानी रखना हितकर होगा।

शिक्षा:- अप्रैल माह तक समय शिक्षा की दृष्टि से अनुकूल नहीं रहेगा। शेष समय बृहस्पति की दृष्टि के कारण अनुकूल है। अध्ययन में सफलता प्राप्त होगी। अप्रैल के पश्चात प्रतियोगी परीक्षा के मनोनुकूल परिणाम प्राप्त होने से मन प्रसन्न  रहेगा।

प्रेम संबंधः- राशि से बृहस्पति का भ्रमण प्रेम संबंधों के लिए सुखद रहेगा।अप्रैल माह तक साथी से मनमुटाव चलता रहेगा जिससे मन दुखी बना रहेगा। अप्रैल माह पश्चात आपके प्रेम संबंधों में मधुरता आयेगी। अविवाहितांे के इस वर्ष विवाह बन्धन में बंधने के योग बन सकते हैं।

स्वास्थ्य:- जुलाई मार्च एवं नवम्बर माह स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल नहीं रहेंगे। शेष समय स्वास्थ्य अनुकूल बना रहेगा। स्वयं को कार्यस्थल पर एवं प्रत्येक कार्य में ऊर्जावान महसूस करेंगे। रोगों को लेकर अनावश्यक भय एवं भ्रम के कारण मानसिक चिन्ता से पीड़ित हो सकते है।

वृष राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- कर्मभाव के स्वामी शनि का स्वराशि में कर्म भाव से ही गोचर भ्रमण होने के कारण नौकरी में लाभ एवं आनन्द का अनुभव करेंगे।उच्च अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। कार्यस्थल पर पराक्रम बढा चढा रहेगा। दशमेश शनि की गोचर में सप्तम भाव पर  दृष्टि के कारण व्यवसाय की दृष्टि से लाभकारी नहीं रहेगा। नया व्यापार अभी प्रारम्भ करना उचित नहीं होगा।मनोवांछित स्थानान्तरण से मन प्रसन्न रहेगा। उच्चाधिकारियों की कृपा प्राप्त होगी। कार्यस्थल पर आपको महत्त्वपूर्ण व्यक्ति समझा जायेगा। अप्रेल के पश्चात शत्रु हानि पहुँचाने की कोशिश करेंगे,किन्तु परास्त होंगे।

आर्थिक स्थिति:- वर्ष के आरम्भ में लाभेश बृहस्पति के लाभ भाव से गोचर भ्रमण के कारण आर्थिक दृष्टि से व्यापारी वर्ग के लिए दिन-प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होती रहेगी।अप्रेल के पश्चात आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा। धार्मिक कार्यों, हवन, पूजा, मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा।् आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। दिन-प्रतिदिन की आमदनी में कमी आने से मन दुःखी रहेगा। 

पारिवारिक जीवन:- बृहस्पति का लाभ भाव से गोचर पारिवारिक जीवन में सुख एवं शान्ति का वातावरण बनाये रखेगा। अविवाहित व्यक्तियों के विवाह बन्धन में बंधने के योग बनेंगे। अप्रेल के पश्चात शत्रुओं में वृद्धि होगी। शत्रु आपकी हर योजना को विफल करने की कोशिश करेंगे। व्यर्थ के वाद-विवाद को टालना हितकर होगा अन्यथा हानि हो सकती है।

शिक्षा:- शिक्षा की दृष्टि से वर्ष उत्तम रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में अध्ययन में एकाग्रता बनी रहेगी।  सन्तान की शिक्षा संबंधी चिन्ता का समाधान होगा। अप्रैल माह पश्चात शिक्षा की दृष्टि से समय अनुकूल नहीं रहेगा।

प्रेम संबंधः-  यदि आपके प्रेम संबंध मधुर है तो इस वर्ष अप्रैल माह तक विवाह बन्धन में बंधने के योग बन सकते है। अप्रैल माह के पश्चात प्रेम सम्बन्धों के लिए समय अनुकूल नहीं है। परस्पर व्यवहार में सावधानी रखना हितकर होगा, अन्यथा हानि हो सकती है।

स्वास्थ्य:- मार्चर्,जुलाई,अक्टूबर माह में स्वास्थ्य का पाया कमजोर बना रहेगा। शरीर में थकान एवं आलस्य का अनुभव करेंगे। राशिपति शुक्र का मार्च माह में व्यय भाव से गोचर दीर्घकालिक रोग प्रदान कर सकता है। चर्म रोग सम्बन्धी विकारों से पीड़ित रहेंगे। अप्रैल माह पश्चात शत्रु एवं रोग से अनावश्यक भय एवं भ्रम के कारण शारीरिक रूप से पीड़ा के बजाय मानसिक रूप से पीड़ा अधिक महसूस करेंगे।

मिथुन राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- दसमेश बृहस्पति का स्वराशि में तथा अप्रेल से लाभ भाव से गोचर भ्रमण नौकरी के लिए लाभकारी रहेगा।पदोन्नति के योग बनेंगे। बेरोजगार वर्ग को नई नौकरी प्राप्त होने से मन प्रसन्न रहेगा।  शनि के भाग्येश होकर भाग्य भाव से गोचर भ्रमण के कारण नौकरी एवं व्यवसाय से संबंधित सभी कार्य भाग्य से शीघ्र पूर्ण होंगे। उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा एवं कार्यस्थल पर सभी प्रकार की सफलता प्रदान करेगा एवं कार्यस्थल पर शत्रुओं पर विजय प्रदान करवायेगा। नया व्यवसाय प्रारम्भ करना शुभदायी रहेगा। 

आर्थिक स्थिति:- धन में वृद्धि के साथ संचित धन में वृद्धि होगी। कुटुम्बजनों एवं मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। छोटी दूरी की यात्राओं पर धन व्यय होगा। पदोन्नति या नयी नौकरी से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

पारिवारिक जीवन:- इस वर्ष अप्रैल माह पश्चात अविवाहित व्यक्तियों के विवाह बन्धन में बंधने के योग बनेंगे। सप्तमेश बृहस्पति का लाभ भाव से गोचर भ्रमण जीवनसाथी के लिए अनुकूल एवं लाभप्रद रहेगा। पारिवारिक जीवन में प्रेम एवं सौहार्द बना रहेगा। मनोनुकूल परिस्थितियाँ रहने से घर का वातावरण सुखद रहेगा। किन्तु राहु के लाभ भाव में बृहस्पति के साथ गोचर से कुटुम्ब में व्यवहार करते समय वाणी पर संयम रखना हितकर होगा, अन्यथा व्यर्थ के वाद विवाद हो सकते है। मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। मित्र प्रत्येक कार्य में मदद करेंगे। भाई-बहिनों से संबंध मधुर रहेंगे। पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा।

शिक्षा:- अध्ययन में एकाग्रचित्तता नहीं रहेगी। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करेंगे। गुरुजनों की मदद प्राप्त होगी एवं कम परिश्रम में अधिक सफलता प्राप्त करने से मन प्रसन्न रहेगा। घर से बाहर अध्ययन के योग बन सकते है।

प्रेम संबंधः- पंचम भाव पर राहु एवं बृहस्पति की दृष्टि के कारण प्रेम संबंधों में कभी साथी के प्रति वहम, भ्रम एवं कभी एक दूसरे को सम्मान एवं मनोनुकूल आचरण के कारण मन प्रसन्न रहेगा।इस वर्ष विवाह बन्धन में बंधने के योग बन सकते है।

स्वास्थ्य:- आत्मबल एवं मनोबल बढ़ा हुआ रहेगा। सम्पूर्ण वर्ष अधिकांश समय स्वस्थ महसूस करेंगे। कभी-कभी गले संबंधी रोग से पीड़ित रह सकते हैं।

कर्क राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- भाग्येश बृहस्पति का दसम भाव से भ्रमण कार्यस्थल के लिए अति उत्तम समय रहेगा। कार्यस्थल पर शत्रु हानि पहुँचाने की कोशिश करेंगे,किन्तु परास्त होंगे।  मनोवांछित स्थानान्तरण से मन प्रसन्न रहेगा। उच्चाधिकारियों की कृपा प्राप्त होगी। कार्यस्थल पर आपको महत्त्वपूर्ण व्यक्ति समझा जायेगा। कार्य की अधिकता रहेगी। फरवरी, जून, अक्टूबर माह में स्थानान्तरण के योग बन सकते है। व्यापारी वर्ग के लिए दिन-प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी।

आर्थिक स्थिति:- भाग्येश बृहस्पति की धन भाव पर दृष्टि के कारण धन में वृद्धि के साथ संचित धन में वृद्धि होगी। कुटुम्बजनों एवं मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। छोटी दूरी की यात्राओं पर धन व्यय होगा। पदोन्नति या नयी नौकरी से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

पारिवारिक जीवन:- सप्तमेश शनि के अष्टम भाव में गोचर के कारण पारिवारिक सुख में कमी महसूस करेंगे। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद रहने से दूर रहने के योग बनेंगे। व्यर्थ के विवाद से बचना हितकर रहेगा, अन्यथा विघटन की स्थिति पैदा हो सकती है। घर में आत्मबल कमजोर रहेगा। स्वयं को असहाय महसूस करेंगे। जीवनसाथी की वाणी में कटुता के कारण मन खिन्न रहेगा। मित्र प्रत्येक कार्य में सहायता प्रदान करेंगे। वाहन क्रय करने की सम्भावना बनेगी। संतान के शिक्षण संबंधी चिंताओं से राहत प्राप्त होगी। अविवाहितों के विवाह बंधन में बंधने के योग बनेंगे।परिवार के साथ विदेश यात्रा के योग भी बन सकते है।

शिक्षा:- अध्ययन में एकाग्रचित्तता बनी रहेगी। लेखनकार्य की ओर रूझान बढ़ेगा। परीक्षा परिणाम मध्यम रहेंगे। सन्तान की शिक्षा सम्बन्धी चिन्ता का समाधान होगा। अध्ययन हेतु दूरस्थ स्थान पर जाना पड़ सकता है।शिक्षा में प्रत्येक परिणाम देरी से प्राप्त होंगे।

प्रेम संबंध:- साथी से किसी बात को लेकर मनमुटाव पैदा होगा एवं सम्पूर्ण वर्ष दूरी बनी रहेगी। साथी पर अविश्वास रहने से सुखद अहसास नहीं हो पायेगा। नये संबंध जोड़ने की कोशिश में विफलता हाथ लगेगी। प्रेम संबंधों में स्वयं को टूटा हुआ और दुःखी महसूस करेंगे।

स्वास्थ्य:- गले संबंधी विकार एवं पेट संबंधी विकार से पीड़ित रह सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। यथासम्भव खानपान में सावधानी रखना हितकर होगा। पैरों में चोट या दर्द से पीड़ित रह सकते हैं। वाहन चलाते समय भी सावधानी रखना हितकर होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिन्ता बनी रहेगी। कार्य की अधिकता के कारण थकान एवं शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगे।

सिंह राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- दशमेश शुक्र के वर्षारम्भ में अप्रैल माह तक अनुकूल रहने से कार्यस्थल पर मन प्रसन्न रहेगा। जुलाई माह के बाद मानसिक चिन्ता से पीड़ित रहेंगे। मार्च, जुलाई, नवम्बर माह में स्थानान्तरण के योग बन सकते है। व्यवसाय की दृष्टि से समय अधिक अनुकूल है। दिन-प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी।कार्यक्षेत्र में आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। कार्य बनते हुए नजर आयेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। व्यवसाय की दृष्टि से समय अनुकूल रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तित वातावरण महसूस करेंगे। आपके साहस, उत्साह आदि में वृद्धि होगी। इस वर्ष आपके लिए व्यवसाय या नौकरी में परिवर्तन भी सम्भव है। कार्यस्थल पर शत्रु उत्पन्न होंगे तो शीघ्र नष्ट भी हो जायेंगे।

आर्थिक स्थिति:- अप्रैल माह तक जमीन या मकान क्रय के योग बन सकते है या निर्माण कार्य में धन व्यय हो सकता है। भौतिक सुख सुविधाओं में अत्यधिक व्यय होगा। वाहन क्रय करने के योग भी बन सकते है। लाभ प्राप्ति में वृद्धि होगी।

पारिवारिक जीवन:- सप्तमेश शनि का सप्तम भाव से ही गोचर भ्रमण जीवनसाथी के लिए अनुकूल रहेगा। पारिवारिक जीवन में प्रेम एवं सौहार्द बना रहेगा। मनोनुकूल परिस्थितियाँ रहने से घर का वातावरण सुखद रहेगा। तान्त्रिक कार्यों की ओर उन्मुख होंगे। आध्यात्मिक पठन-पाठन एवं गूढ़ रहस्यों की पुस्तकों को पढ़ने में रूचि बढ़ेगी। राहु के नवम भाव में गोचर के परिणामस्वरूप पूजा-पाठ में अधिक मन नहीं लगेगा। सांसारिक कार्यों एवं भोग-विलास की ओर उन्मुख होंगे। भाई-बहिनों से संबंध मधुर नहीं रहेंगे।

शिक्षा:- अप्रैल माह पश्चात् शिक्षा के लिए अनुकूल समय है। बृहस्पति की पंचम दृष्टि से अध्ययन में एकाग्रता बढ़ेगी। विदेश में अध्ययन हेतु रूझान बढे़गा। कम परिश्रम में अधिक सफलता से मन में उत्साह एवं अध्ययन में रूचि बनी रहेगी। गुरुजनों की मदद प्राप्त होगी, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। उच्च अध्ययन की ओर आकर्षित होंगे।

प्रेम संबंध:- सात्विक प्रेम में वृद्धि होगी। परस्पर विश्वास एवं प्रेम बना रहेगा। एक दूसरे को सम्मान देने एवं मनोनुकूल आचरण के कारण मन प्रसन्न रहेगा। इस वर्ष प्रेम संबंधों की परिणति विवाह बंधन में बंधने की भी हो सकती है।

स्वास्थ्य:- शनि की राशि पर दृष्टि नये एवं दीर्घकालिक रोगों की वृद्धि कर सकती है। कभी-कभी गले संबंधी रोगों से पीड़ित रह सकते है। मार्च माह थोड़ा पीड़ादायक रहेगा। घर पर मानसिक पीड़ा महसूस करेंगे।

कन्या राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- अप्रैल माह तक कार्यस्थल पर वातावरण अनुकूल रहेगा। पराक्रम बढ़ा चढ़ा रहेगा। सहकर्मियों से सहयोग प्राप्त होगा। अप्रैल माह के बाद शत्रुओं में वृद्धि होगी। शत्रु प्रत्येक कार्य योजना को विफल करने की कोशिश करेंगे।कार्य विलम्ब से एवं अत्यधिक मेहनत के पश्चात् सम्पन्न होंगे। कार्यस्थल पर प्रत्येक बनते हुए कार्य में रूकावट आयेगी। आत्मबल एवं मनोबल में कमी महसूस करेंगे। कार्य की अधिकता रहेगी। व्यवसाय में साझेदारी में अविश्वास रहेगा। नया व्यवसाय आरम्भ न करे, अन्यथा हानि हो सकती है। मार्च, अगस्त एवं दिसम्बर माह में मनोनुकूल स्थानान्तरण न होने या कार्य की अधिकता के कारण मन खिन्न रहेगा।

आर्थिक स्थिति:- जमीन या मकान क्रय के योग बन सकते है या निर्माण कार्य में धन व्यय हो सकता है। भौतिक सुख सुविधाओं में अत्यधिक व्यय होगा। वाहन क्रय करने के योग भी बन सकते है। लाभ प्राप्ति में वृद्धि होगी।

पारिवारिक जीवन:- बृहस्पति तथा राहु का अष्टम भाव से गोचर भ्रमण जीवन साथी से रिश्तों में अनावश्यक भय व भ्रम की स्थिति पैदा करवा सकता है। जिससे परस्पर सम्बंधों में कटुता बढ़ सकती है। जीवनसाथी के साथ व्यर्थ के वाद-विवाद के कारण मन दुःखी रहेगा। वाणी पर संयम रखे, अन्यथा कुटुम्बजनों से भी व्यर्थ का विवाद हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता बनी रहेगी। एक ही घर में दूर रहने के योग बनेंगे।

शिक्षा:- सन्तान के शिक्षण संबंधी कार्यों में धन अधिक व्यय होगा। शिक्षा पर व्यय अधिक होने से ऋण लेना पड़ सकता है। परीक्षा परिणाम मध्यम रहेंगे।इंजीनियरिंग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए समय अधिक अनुकूल रहेगा।

प्रेम संबंधः- अष्टम भाव से बृहस्पति का भ्रमण प्रेम संबंधों के लिए सुखद नहीं है। झूठी बदनामी के योग बन सकते हैं। साथी से मनमुटाव चलता रहेगा जिससे मन दुखी बना रहेगा।

स्वास्थ्य:- शय्या सुख में कमी रहने से थकान महसूस करेंगे। मानसिक चिन्ताएँ ज्यादा रहेगी। पैर में चोट लग सकती है। खान-पान में लापरवाही के कारण पेट संबंधी पीड़ा से पीड़ित हो सकते है। जुलाई, नवम्बर में स्वास्थ्य संबंधी पीड़ा से व्यथित रहेंगे।

तुला राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- नौकरी के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। जनवरी, मई,सितम्बर माह में स्थानान्तरण के योग बन सकते हैं। व्यापार की दृष्टि से वर्ष अनुकूल नहीं है। नया व्यवसाय प्रारम्भ करने से बचे अन्यथा हानि हो सकती है। दिन-प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी। साझेदारी में हानि प्राप्त होगी। स्टेशनरी, पुस्तक आदि का व्यवसाय लाभकारी रहेगा। मनमानी करने एवं राजनीति करने की इच्छा होगी। कार्यस्थल पर षड्यंत्र करने में सफल रहेंगे। शत्रुओं में भय वृद्धि होगी। 

आर्थिक स्थिति:- आपका आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। बृहस्पति की लाभ भाव पर दृष्टि से दिन-प्रतिदिन की आमदनी में वृद्धि होगी। किसी कार्य हेतु ऋण लेना पड़ सकता है। धार्मिक अनुष्ठान, हवन आदि पर व्यय अधिक होगा। छोटी दूरी की धार्मिक यात्राएँ सम्भव है। विदेश यात्रा के योग भी इस वर्ष बन सकते है।

पारिवारिक जीवन:- अविवाहितों के इस वर्ष विवाह बन्धन में बंधने के योग बनेंगे। कुटुम्बजनों से संबंध मधुर रहने के साथ ही शुभ मांगलिक कार्यों में भाग लेने के अवसर प्राप्त होंगे। सात्विक लोगों से मित्रता बढ़ेगी। मित्र प्रत्येक कार्य में आपके लिए सहयोगी सिद्ध होंगे। पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। आमोद-प्रमोद में समय अधिक व्यतीत होगा।राहु का सप्तम भाव से गोचर भ्रमण जीवन साथी से रिश्तों में अनावश्यक भय व भ्रम की स्थिति पैदा करवा सकता है। जिससे परस्पर सम्बंधों में कटुता बढ़ सकती है।

शिक्षा:- शनि का पंचम भाव से स्वराशि से गोचर भ्रमण से प्रतियोगी परीक्षा में विलम्ब से परिणाम प्राप्त होंगे। परिश्रम अधिक एवं फल प्राप्ति कम होगी। एकाग्रता की कमी रहेगी एवं उच्च अध्ययन के योग बनेंगे। इंजीनियरिंग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए समय अधिक अनुकूल रहेगा।

प्रेम संबंधः-  नये प्रेम-संबंध मनोनुकूल नहीं रहेंगे। शनि का पंचम भाव से गोचर भ्रमण मन को दूषित कर विवाद पैदा करवा सकता है। नीच प्रवृत्ति के व्यक्तियों से मित्रता के प्रति रूझान बढ़ेगा। अतः मित्रता करने से पूर्व सावधानी हितकर होगी।

स्वास्थ्य:- एलर्जी, जुकाम एवं सिरदर्द से अधिक पीड़ित रह सकते है। बृहस्पति की दृष्टि षष्ठेश होकर राशि पर होने के कारण मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वयं को कमजोर महसूस करेंगे। रोग को लेकर अनावश्यक वहम एवं भ्रम की स्थिति रहेगी।

वृश्चिक राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- नौकरी के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। पदोन्नति के योग बनेंगे। बेरोजगार वर्ग को नई नौकरी प्राप्त होने से मन प्रसन्न रहेगा। धन में वृद्धि होगी, नौकरी एवं व्यवसाय से संबंधित सभी कार्य शीघ्र पूर्ण होंगे। उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा, छठे भाव से बृहस्पति का गोचर भ्रमण कार्यस्थल पर सभी प्रकार की सफलता प्रदान करेगा एवं कार्यस्थल पर शत्रुओं पर विजय प्रदान करवायेगा। आपके महत्त्वपूर्ण पद पर पदस्थापित होने की सम्भावना बनेगी। जिससे प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान की प्राप्ति होगी। इच्छित स्थान पर पदस्थापन होने से मन प्रसन्न रहेगा। नया व्यवसाय प्रारम्भ करने से बचे, अन्यथा हानि हो सकती है। फरवरी,जून माह में स्थानान्तरण के योग बन सकते है।

आर्थिक स्थिति:- बृहस्पति की धनभाव पर दृष्टि से धन में वृद्धि के साथ संचित धन में वृद्धि होगी। कुटुम्बजनों एवं मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। छोटी दूरी की यात्राओं पर धन व्यय होगा। पदोन्नति या नयी नौकरी से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

पारिवारिक जीवन:- परिवार की बजाय घर के बाहर अधिक मन लगेगा। बृहस्पति का छठे भाव से राहु के साथ गोचर भ्रमण के कारण जीवन साथी से रिश्तों में अनावश्यक भय व भ्रम की स्थिति पैदा करवा सकता है। जिससे परस्पर सम्बंधों में कटुता बढ़ सकती है। जीवनसाथी के साथ व्यर्थ के वाद-विवाद के कारण मन दुःखी रहेगा। वाणी पर संयम रखना उचित होगा। शत्रुओं में वृद्धि होगी। शत्रु आपकी हर योजना को विफल करने की कोशिश करेंगे। व्यर्थ के वाद-विवाद को टालना हितकर होगा अन्यथा हानि हो सकती है। कम दूरी की धार्मिक यात्राएँ सम्पन्न होगी। आमोद-प्रमोद में समय व धन व्यतीत होगा।  

आर्थिक स्थिति:- बृहस्पति की धनभाव पर दृष्टि से धन में वृद्धि के साथ संचित धन में वृद्धि होगी। कुटुम्बजनों एवं मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। छोटी दूरी की यात्राओं पर धन व्यय होगा। पदोन्नति या नयी नौकरी से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के योग बनेगे।

शिक्षा:- अप्रैल माह तक शिक्षा की दृष्टि से अनुकूल समय रहेगा। शेष समय अनुकूल नहीं है। अध्ययन में सफलता अत्यधिक परिश्रम के पश्चात् प्राप्त होगी। जुलाई, नवम्बर माह में प्रतियोगी परीक्षा के मनोनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होने से मन दुःखी रहेगा।

प्रेम संबंध:- राहु बृहस्पति की गोचर में युति प्रेम-संबंधों में अनावश्यक भ्रम पैदा कर दरार ला सकती है। प्रेम-संबंधों के टूटने एवं परस्पर अविश्वास रहने से मन खिन्न बना रहेगा। प्रेम-संबंधों में धोखा मिल सकता है। अतः सावधानी रखना हितकर होगा।

स्वास्थ्य:- गले के रोग, नेत्रपीड़ा, पैरों की पीड़ा से पीड़ित रहेंगे। थकान, चिन्ता से पीड़ित रहेंगे। फरवरी, नवम्बर माह स्वास्थ्य एवं मानसिक दृष्टि से पीड़ादायक रहेगा।

धनु राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- नौकरी की दृष्टि से यह वर्ष अति उत्तम रहेगा। तृतीय भाव से  षनि का गोचर भ्रमण कार्यस्थल में आपके पराक्रम और मनोबल में वृद्धि कर प्रसन्नचित्त रखेगा। बेरोजगार व्यक्तियों के नौकरी लगने के आसार बनेंगे। अप्रेल तक नौकरीपेशा व्यक्तियों के पदोन्नति के योग बनेंगे। कार्यस्थल पर आपको महत्त्वपूर्ण व्यक्ति माना जायेगा। वरिष्ठ अधिकारियों से मान-सम्मान प्राप्त होगा। आपके महत्त्वपूर्ण पद पर पदस्थापित होने की सम्भावना बनेगी। जिससे प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान की प्राप्ति होगी। इच्छित स्थान पर पदस्थापन होगा। शनि के तृतीय भाव से गोचर भ्रमण के कारण पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। नये व्यवसाय को इस वर्ष प्रारम्भ कर सकते है।

आर्थिक स्थिति:- धनागमन होते रहने से मन प्रसन्न रहेगा। धनेश शनि के तृतीय भाव में होने के कारण संचित धन एवं पराक्रम में वृद्धि होगी और मांगलिक कार्यों में धन व्यय होगा। इस वर्ष अप्रेल तक जमीन, मकान या वाहन क्रय के योग बन सकते है। रूका हुआ, उधार दिया धन प्राप्त न होने के कारण मानसिक अशांति रहेगी।

पारिवारिक जीवन:- कुटुम्बजनों एवं मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। बाहरी व्यक्तियों को अधिक महत्त्व देने के कारण घर के लोग भी शत्रुवत् व्यवहार करेंगे, जिससे मन खिन्न रहेगा। साख एवं मान प्रतिष्ठा में कमी आयेगी। अतः लोगों से व्यवहार में स्वयं के लिए मान सम्मान में कमी महसूस होगी। भाई बहिनों से संबंध मधुर रहेंगे। नौकर एवं मित्रों से संबंधित सुख प्राप्त होगा। अविवाहित व्यक्ति इस वर्ष विवाह बंधन में बंध सकते है। कुटुम्ब से संबंधित सुख प्राप्त नहीं होगा। कुटुम्बजनों से व्यर्थ का वाद विवाद हो सकता है।

शिक्षा:- राहु के पंचम भाव से भ्रमण के कारण अध्ययन में एकाग्रचित्तता नहीं रहेगी। लेखनकार्य की ओर रूझान बढ़ेगा। परीक्षा परिणाम मध्यम रहेंगे। सन्तान की शिक्षा सम्बन्धी चिन्ता का समाधान होगा। अध्ययन हेतु दूरस्थ स्थान पर जाना पड़ सकता है।

प्रेम संबंध:- अप्रेल पष्चात बृहस्पति के पंचम भाव से ही गोचर भ्रमण के कारण सात्विक प्रेम में वृद्धि होगी। परस्पर विश्वास एवं प्रेम बना रहेगा। एक दूसरे को सम्मान देने एवं मनोनुकूल आचरण के कारण मन प्रसन्न रहेगा। इस वर्ष प्रेम संबंधों की परिणति विवाह बंधन में बंधने की भी हो सकती है।

स्वास्थ्य:- राषिपति बृहस्पति के लग्न भाव पर दृष्टि के कारण आत्मबल एवं मनोबल बढ़ा हुआ रहेगा। सम्पूर्ण वर्ष अधिकांश समय स्वस्थ महसूस करेंगे। कभी-कभी गले संबंधी रोग से पीड़ित रह सकते हैं।

मकर राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:- राशि से द्वितीय भाव में शनि के गोचर एवं शनि की उतरती साढ़ेसाती के कारण राहत महसूस करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। कार्य बनते हुए नजर आयेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अप्रैल, अगस्त एवं दिसम्बर माह में स्थानान्तरण सम्भव हो सकता है। व्यवसाय की दृष्टि से समय अनुकूल रहेगा। कार्यक्षेत्र में कार्य की अधिकता से राहत महसूस करेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तित वातावरण महसूस करेंगे। आपके साहस, उत्साह आदि में वृद्धि होगी। इस वर्ष आपके लिए व्यवसाय या नौकरी में परिवर्तन भी सम्भव है। लेकिन राहु और बृहस्पति के दसम भाव पर दृष्टि के कारण आप अपने आसपास के व्यक्तियों से स्वयं को आहत महसूस करेंगे।शत्रु प्रत्येक कार्य योजना को विफल करने की कोशिश करेंगे।

आर्थिक स्थिति:- मांगलिक कार्यों के साथ हवन, तंत्र, मंत्र में धन का व्यय होने की सम्भावना बनेगी। छोटी दूरी की यात्राओं पर धन व्यय होगा। बृहस्पति की लाभ भाव पर दृष्टि रोजमर्रा की आमदनी में वृद्धि करेगी।

पारिवारिक जीवन:- बृहस्पति के अप्रेल तक तृतीय भाव में होने के कारण अविवाहितों के इस वर्ष विवाह बन्धन में बंधने के योग बनेंगे। जीवनसाथी से मेल-मिलाप रहेगा। अतः सुखी एवं शान्त वातावरण रहेगा। कुटुम्बजनों से संबंध मधुर रहने के साथ ही शुभ मांगलिक कार्यों में भाग लेने के अवसर प्राप्त होंगे। सात्विक लोगों से मित्रता बढ़ेगी। मित्र प्रत्येक कार्य में आपके लिए सहयोगी सिद्ध होंगे। पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। आमोद-प्रमोद में समय अधिक व्यतीत होगा।

शिक्षा:- सन्तान के शिक्षण संबंधी कार्यों में धन अधिक व्यय होगा। शिक्षा पर व्यय अधिक होने से ऋण लेना पड़ सकता है। परीक्षा परिणाम मध्यम रहेंगे। अध्ययन में एकाग्रचित्तता का अभाव रहेगा। सन्तान की शिक्षा संबंधी चिंता बनी रहेगी।

प्रेम संबंधः- यदि आपके प्रेम संबंध मधुर है तो इस वर्ष विवाह बन्धन में बंधने के योग बन सकते है।एक दूसरे को सम्मान एवं मनोनुकूल आचरण के कारण मन प्रसन्न रहेगा। प्रेम में प्रगाढ़ता के साथ विश्वास एवं प्रेम बना रहेगा। टूटे हुए संबंध जुड़ने के योग बनेंगे।

स्वास्थ्य:- स्वास्थ्य का पाया कमजोर बना रहेगा। शरीर में थकान एवं आलस्य का अनुभव करेंगे। गले सम्बन्धी विकारों से पीड़ित रहेंगे तथा कार्य की अधिकता के कारण थकान एवं शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगे।

 कुम्भ राशि

नौकरी एवं व्यवसाय:-आपकी राशि से ही शनि के गोचर भ्रमण के कारण कार्यस्थल पर आपके शत्रुओं में वृद्धि होगी। शत्रु प्रत्येक कार्य में बाधा उत्पन्न करेंगे एवं इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण नहीं हो पायेगा। साढे़साती के परिणामस्वरूप आप विभिन्न प्रकार की मानसिक वेदनाओं से पीड़ित रहेंगे। कार्यस्थल पर मन अप्रसन्न रहेगा। उच्चाधिकारियों से व्यर्थ का वाद-विवाद हो सकता है। व्यापार मध्यम रहेगा। नया व्यापार प्रारम्भ करने में अनिश्चय की स्थिति बनी रहेगी। साझेदारी करने से बचे अन्यथा हानि हो सकती है। नया व्यापार बदलना उचित नहीं होगा। प्रत्येक कार्य में बाधा उत्पन्न होने से मन खिन्न रहेगा।जनवरी, मई,सितम्बर माह अनुकूल नहीं रहेंगे।

आर्थिक स्थिति:- धनागमन होने की बजाय आय से अधिक व्यय होने से मन अप्रसन्न रहेगा। संचित धन में कमी रहेगी और व्यर्थ के कार्यों में धन व्यय होगा। इस वर्ष जमीन, मकान या वाहन क्रय के योग बन सकते है।

पारिवारिक जीवन:- शनि की दृष्टि के कारण पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। जीवनसाथी पर अनावश्यक वहम व भ्रम के कारण वैचारिक मतभेद रहेंगे। लम्बे समय तक मनमुटाव रहने से मन दुःखी रहेगा। विभिन्न प्रकार की मानसिक पीड़ा से पीड़ित महसूस करेंगे। मित्रों से लाभ प्राप्त नहीं होगा। मित्रों से प्रत्येक कार्य में धोखा प्राप्त होगा। भाई बहिनों से संबंध मधुर नहीं रहेंगे। पराक्रम में कमी रहेगी। नौकर संबंधी सुख प्राप्त नहीं होगा।

शिक्षा:- शिक्षा की दृष्टि से वर्ष अनुकूल नहीं रहेगा। अध्ययन में सफलता अत्यधिक परिश्रम के पश्चात् प्राप्त होगी। अप्रैल, जुलाई, नवम्बर माह में प्रतियोगी परीक्षा के मनोनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होने से मन दुःखी रहेगा।

प्रेम संबंधः- प्रेम संबंधों के लिए यह वर्ष सुखद नहीं है। झूठी बदनामी के योग बन सकते हैं। साथी से मनमुटाव चलता रहेगा जिससे मन दुखी बना रहेगा।

स्वास्थ्य:- सम्पूर्ण वर्ष अधिकांश समय स्वस्थ महसूस करेंगे। कभी-कभी एलर्जी, जुकाम एवं सिरदर्द से पीड़ित रह सकते है।शारीरिक रूप से पीड़ा के बजाय मानसिक रूप से पीड़ा अधिक महसूस करेंगे।

मीन राशि

नौकरी एवं व्यवसायः-द्वादश भाव में शनि के गोचर भ्रमण अर्थात् साढ़ेसाती के आरम्भ के कारण कार्य विलम्ब से एवं अत्यधिक मेहनत के पश्चात् सम्पन्न होंगे। कार्यस्थल पर प्रत्येक बनते हुए कार्य में रूकावट आयेगी। आत्मबल एवं मनोबल में कमी महसूस करेंगे। कार्य की अधिकता रहेगी। कार्यस्थल पर शत्रु गुप्तरूप से आपको हानि पहुंचाने की कोशिश करेंगे। लेकिन इस वर्ष पदोन्नति के योग बनेगे। इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण सम्भव नहीं हो पायेगा। उच्चाधिकारियों की प्रसन्नता प्राप्त नहीं होगी। व्यवसाय में लाभ एवं हानि की बराबर स्थिति बनी रहेगी। साझेदारी से बचे, अन्यथा हानि हो सकती है। साझेदारों से व्यर्थ का विवाद होने से मानसिक पीड़ा हो सकती है। प्रत्येक कार्य में अनावश्यक भय व अनिश्चितता की स्थिति बनी रहेगी। शत्रुओं के षड्यंत्र का भय भी बना रहेगा।

आर्थिक स्थिति:- वर्ष का आरम्भ धनागमन हेतु अनुकूल रहेगा। तत्पश्चात् आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। दिन-प्रतिदिन की आमदनी में कमी आने से मन दुःखी रहेगा। आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा। धार्मिक कार्यों, हवन, पूजा, मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा।

पारिवारिक जीवन:-कुटुम्बजनों के साथ प्रेम व्यवहार बना नहीं रहेगा। वाणी में मधुरता नहीं रहेगी। अतः जीवनसाथी से भी संबंध मधुर नहीं रहेंगे। सामाजिक एवं मांगलिक कार्यों में जाने के अवसर प्राप्त होंगे। मित्रों से लाभ प्राप्त होगा। भाई बहिनों से संबंध मधुर रहने के साथ ही उनसे लाभ प्राप्त होगा। संतान के शिक्षण, उनके आचरण संबंधी चिंता बनी रहेगी। माता-पिता का सुख प्राप्त होगा।

शिक्षा:- शिक्षा के लिए वर्ष अधिक अनुकूल नहीं है। एकाग्रता में कमी रहेगी। अनावश्यक बातों में ध्यान जाने व भ्रम की स्थिति बने रहने से प्रतियोगी परीक्षाओं में गलती करेंगे, जिससे परीक्षा परिणाम मनोनुकूल नहीं रहेंगे। परीक्षा परिणामों को लेकर अनावश्यक चित्त में घबराहट, भय व भ्रम बना रहेगा। विषयों के चयन को लेकर भी अनिश्चय की स्थिति बनी रहेगी। समय का सदुपयोग नहीं कर पायेंगे। अध्ययन में सफलता परिश्रम के पश्चात् भी संदिग्ध रहेगी।

प्रेम संबंध:- वहम के कारण साथी पर अविश्वास पैदा होगा। प्रेम संबंधों में विफलता से मन दुःखी होगा। प्रेम-संबंधों में दरार के कारण अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

स्वास्थ्य:- गले संबंधी विकार एवं पेट संबंधी विकार से पीड़ित रह सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिन्ता बनी रहेगी। कार्य की अधिकता के कारण थकान एवं शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगे। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं विचार हैं)