दिल्ली के शराब घोटाले के तार तेलंगाना की ओर

लेखक :  लोकपाल सेठी

(वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक सलाहकार)

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दिल्ली की आप सरकार के कथित शराब घोटले के तार अब दक्षिण के राज्य तेलंगाना की ओर जुड़ते दिख रहे है। वहां इस समय तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है। प्रवर्तन निदेशालय ने, जो इस मामले के जाँच  मनी लौन्डरिंग के दृष्टिकोण से कर रहा है, दिल्ली की एक अदालत में अब तक गिरफ्तार किये गए लोगों के बारे जो दस्तावेज़ पेश किये हैं, उसमें दक्षिण की एक व्यवसायिक कम्पनी “दक्षिण ग्रुप” का नाम लिया गया है। शराब घोटले से कथित रूप से जिस 100 करोड़ रूपये के किक बैक का उल्लेख किया गया है वह इसी कंपनी के माध्यम से हुआ था। कंपनी की ओर से हवाला के जरिये यह राशि आप पार्टी के नेताओं को उपलब्ध करवाई गयी थी। इसके तीन मालिको में से एक के. कविता का नाम भी है। कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री  के. सी. राव की बेटी है। राज्य के सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति में राव और उनके परिवार का ही बोल बाला है। कविता, पार्टी के पदाधिकारी तो है ही साथ ही राज्य विधान परिषद की सदस्य भी है। 

प्र्वर्र्तन निदेशालय की जाँच के आधार पर  ही सी बी आई, जो इस कथित घोटले की जाँच कर रही है, ने कविता को एक नोटिस भेजकर अपने आप को एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा है। इसके लिए 6 दिसम्बर की तारीख मुकरर की गई थी। एजेंसी कीओर से कहा गया था कि वे इस तारीख को इसके हैदराबाद कार्यालय में पेश हो सकती है। अगर वे कार्यालय नहीं आना चाहती तो एजेंसी के अधिकारी उनके घर में आ कर भी पूछताछ करने को तैयार है। कविता ने उत्तर दिया की एजेंसी के अधिकारी इस तारीख को उनके घर आ कर जो कुछ पूछना चाहें पूछ सकते है। ऐसा माना जाता है कि कविता ने अपना उत्तर देने से पहले न ता तो अपने पिता से विचार  विमर्श किया और न ही अपने वकीलों से इस बारे में कोई कानूनी सलाह ली। लेकिन 24 घंटो में उन्होंने पूछताछ के मुद्दे पर अपना रुख पलट लिया। विचार-विमर्श के बाद उन्होंने एजेंसी को लिखा कि पहले उन्हें इस कथित घोटाले पर लिखवाई गयी ऍफ़ आई आर की कॉपी उपलब्ध करवाई जाये। इसके अलावा इस मामले की पड़ताल से जुड़े कागजात दिखाए जाये। एजेसी ने फौरन उत्तर दिया कि जो जानकारी मांगी गई है वह एजेंसी की  वेब साईट पर उपलब्ध है। इसके बाद कविता ने उत्तर देते हुए कहा कि वे इसी महीने की 11 तारीख से लेकर 13 तारीख के बीच उपलब्ध है। 

इसी बीच पार्टी के नेताओं ने सारे मामले को राजनीतिक रंग देने की मुहीम शुरू कर दी। उधर कविता ने कहा की उसका इस कंपनी से कुछ लेना देना नहीं है  तथा दस्तावजों में कंपनी के जिन मालिकों  के नाम है उनको जानती तक नहीं है। एफ़आईआर तथा अन्य किसी दस्तावेज़ में उसके नाम का उल्लेख तक नहीं है। राज्य में विधान सभा चुनाव अगले साल होने वाले है। समिति के नेताओं का आरोप है कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने इसको लेकर अभी से ही केंद्रीय जाँच एजेंसयों का दुरूपयोग करना शरु कर दिया है। उनका आरोप है कि एजेंसियों को यह हिदायत दी गई है कि चुनावों से पहले सत्तारूढ़ दल के नेताओं के विरुद्ध अभी से फंदा कसना शुरू कर दें ताकि चुनावों से पूर्व उनको जेल में भेजा सके। 

राज्य में इस समय सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति के पास विधानसभा में दो तिहाई बहुमत है जबकि बीजेपी के पास मात्र 4 सीटें ही है दक्षिण में कर्नाटक में सत्ता पाने के बाद यह पार्टी दक्षिण के इस राज्य मेंभी अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। लगभग दो वर्ष पूर्व हैदराबाद नगर पालिका के चुनावों में बीजेपी बहुमत तो नहीं पा सकी लेकिन अपनी सीटों में दस गुणा इजाफा कर लिया था। हाल ही वहां हुए विधान सभा के उप चुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार  बहुत कम मतों से हारा था। चूँकि राज्य में कांग्रेस धीरे-धीरे अपनी जमीन खो चुकी है इसलिए बीजेपी को लगता है कि वह पूरा जोर लगा कर राज्य में दूसरा बड़ा राजनीतिक दल बन सकती है। उधर मुख्यमंत्री के सी राव अब अपनी पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों कर देश की राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करना चाहते है। उनकी पार्टी की केंद्रीय समिति ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी का नाम  भारत राष्ट्र समिति कर करने का फैसला किया था। नाम   बदलने का मामला केंद्रीय चुनाव आयोग के विचाराधीन है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)