लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
जिस घर पर ईश्वर की कृपा होती है।
उस घर मे जन्म लेती है बेटियाँ।
माँ बाप को बोझ लगती।
कोख मे कत्ल होती है बेटियाँ।
वहशी दरिन्दो की शिकार होती।
तमाम शहर को खटकती है बेटियाँ।
घरो के आँगन को दियो से सजाती।
दो कुलो को रौशन करती है बेटियाँ।
फूल सी महकती घर के आँगन में।
अनमोल वरदान है ये बेटियाँ।