भाविप की अखिल भारतीय राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता शुरू

प्रकाश चपलोत जैन 

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भीलवाडा। भारत विकास परिषद द्वारा अखिल भारतीय राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता प्रारंभ हुई। संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल ने बताया कि समूह गान प्रतियोगिता देशभक्ति के गीतों की यह प्रतियोगिता सर्वप्रथम वर्ष 1967 में आयोजित की गई। देशभक्ति से परिपूर्ण इस प्रतियोगिता ने ही वास्तव में छात्रों के मध्य भारत विकास परिषद को लोकप्रियता दिलाई और पहचान बनाई इसमें प्रतिवर्ष भारत के सभी प्रांतों से लगभग 5000 से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थी भाग लेते हैं। 

पिछले वर्षों में भारत के अनेक राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ज्ञानी जैल सिंह, नीलम संजीव रेड्डी व रामनाथ कोविंद ने अध्यक्षता कर इन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाई है। वर्ष 2015 से पूर्व संस्कृत गीतों की प्रतियोगिता अलग से आयोजित होती थी। अब इस प्रतियोगिता के अंतर्गत हिंदी व संस्कृत दोनों में देशभक्ति के गीतों का गायन सम्मिलित है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य 1962 में जब भारत को चीन से हार मिली तो देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। उसी को ध्यान में रखते हुए भारत विकास परिषद् के शीर्ष नेतृत्व द्वारा राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता प्रारंभ की गई। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों में देशभक्ति की भावना जागृत करना और नैतिक मूल्यों का विकास करना है, जो कि आज के समय की महती आवश्यकता है। 

यह प्रतियोगिता 4 चरणों में आयोजित की जाती है प्रथम चरण-शाखा स्तर, द्वितीय चरण-प्रांत स्तर तृतीय चरण दृ रीजन स्तर, चतुर्थ अंतिम चरण राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी व संस्कृत की प्रतियोगिता के अंकों को जोड़कर अधिकतम अंक प्राप्त करने वाली टीम प्रथम मानी जावेगी। वह टीम अगले चरण में भाग लेती है। हिंदी व संस्कृत की प्रतियोगिता के लिए भारत विकास परिषद् द्वारा राष्ट्रीय चेतना के स्वर पुस्तक बनाई हुई है। उसी पुस्तक में से गीतों का चुनाव करना आवश्यक है। इसी पुस्तक में प्रतियोगिता के नियम दे रखे हैं उसी आधार पर यह प्रतियोगिता आयोजित होती है। 

पूरे देश के विद्यालयों को इस प्रतियोगिता में आमंत्रित किया जाता है। आने वाली टीमों के आवास व भोजन की समुचित व्यवस्था आयोजक प्रान्त द्वारा निःशुल्क रहती है। लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन इन्हीं टीमों के से जाता है। लोकगीत प्रादेशिक भाषा का कोई गीत चुनकर प्रस्तुति दी जा सकती है। यह गीत देशभक्ति व संस्कृति के विचारों से ओतप्रोत होना चाहिए। इस कार्यक्रम में परिषद परिवार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील खेड़ा, राष्ट्रीय वित्त मंत्री महेश बाबू गुप्ता, संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल, राष्ट्रीय समूह गान के राष्ट्रीय चेयरमैन चंद्र सेन जैन, राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन दत्तात्रेय बाल चितले एवं राष्ट्रीय मंत्री सन्तोष कुमार गुप्ता, रीजनल अध्यक्ष डी.डी. शर्मा, रीजनल महासचिव त्रिभुवन शर्मा, राष्ट्रीय मंत्री मुकन सिंह राठौड़, राष्ट्रीय मंत्री बलराज आचार्य, राष्ट्रीय मंत्री संदीप बाल्दी, प्रांतीय अध्यक्ष पारसमल बोहरा, प्रांतीय महासचिव गोविंद अग्रवाल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष पवन बांगड़ एवं कार्यक्रम संयोजक कैलाश अजमेरा व सह संयोजक अरुण बाहेती, मध्य प्रान्त के सभी दायित्वधारी, परिषद् परिवार के सभी सदस्य एवं मातृशक्ति का इस प्रतियोगिता में सक्रियता रहेगी।