मूड ठीक करने के जादूगरी नुस्खे

लेखिका : रेणु जैन 

प्रसिद्ध पारिवारिक लेखिका, इंदौर (मध्य प्रदेश)

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आपके जीवन मे सब कुछ अच्छा और आपके मन मुताबिक चल रहा हो तो आप खुश रहते है। तरोताजा रहते है । सारे काम वक्त से होते रहते है लेकिन अचानक कुछ ऐसी परेशानी आ जाये जो आपको पसंद न हो तो सारी खुशी मिनटों में गायब। इस तरह की बाते रोज ही सबके जीवन मे घटित होती है। मान ले आप हेडफोन लगाकर म्यूज़िक का आनंद ले रही है ओर अचानक आफिस से कोई फोन आ जाये कि डेडलाइन का काम है जल्दी आना पड़ेगा बस आपका मूड खराब ।ऐसे रोजमर्रा के कई काम होते है जो कभी कभी हमारे अनुकूल नही होते ।मूड में आने वाले इन बदलावों को भावनात्मक असन्तुलन या मूड स्विंग कहते है। विज्ञान की भाषा मे मूड स्विंग का अर्थ है आपके मूड में अचानक और आक्रामक रूप से आने वाले बदलाव। बिगड़े मूड को ठीक करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नही बस थोड़े से प्रयास से ही आप मिनटों में फिर से वही मुस्कान पा सकते है।

रिसर्च कहते है कि जो लोग दिल खोलकर हंसते है उनकी सेहत से जुड़ी कई परेशानियां दूर हो जाती है। यह आदत मूड को भी बेहतर बनाती है। हँसना हंसाना एक कारगर दवा का काम करते है। इसे रोज लेने से जिंदगी में प्रतिदिन नयापन आता रहता है। हँसना बल्ड प्रेशर को नियंत्रण, बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के अलावा इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाता है। 

हेल्थ की देखभाल को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें। सेहत की देखभाल करने से आने वाली बीमारी या शरीर मे होने वाले बदलावो को खुद महसूस किया जा सकता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर मे इंडोफिन हार्मोन रिलीफ होता है। जो मूड को बेहतर बनाने का काम करता है। साथ ही डिप्रेशन तथा एंजायटी को कम करता है। यकीनन जिंदगी के इन छोटे मोटे बदलाओ से जीतने  के लिए सभी मोर्चो पर खुद को मुस्तेद रखना बेहद जरूरी है।

कोई पसंदीदा म्यूज़िक सुनकर चेहरे पर अनायास ही मुस्कुराहट आ जाती है। आप कुछ ही सेकंड में अपनी सारी परेशानी भूल जाते है।संगीत सुनने से इमोशनल ओर फिजिकल हेल्थ में लाभ मिलता है। मूड स्विंग के वक्त संगीत का सहारा लेने से शरीर ऊर्जा से भर जाता है तथा खराब मूड बेहतर बनने लगता है। डांस के शौकीन हो तो डांस के साथ एक्सरसाइज भी की जा सकती है जो बिगड़े मूड को एकदम ठीक कर देती है। हर तस्वीर कुछ कहती है। 

मूड ठीक करने के लिए पुरानी तस्वीरे या स्क्रैप बुक देखकर भी पल भर में मूड बेहतर हो सकता है। यूनाइटेड किंगडम ओपन यूनिवर्सिटी के एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि लोग अपने पसंदीदा लोगो की तस्वीरों को देखकर सबसे ज्यादा अच्छा महसूस करते है। अपने आफिस के कंप्यूटर स्क्रीन पर अपनी या अपने किसी करीबी की तस्वीर को स्क्रीन सेवर की तरह लगा सकते है। इससे कार्यक्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है और आप दफ्तर में भी अच्छा महसूस करेंगे। सूर्य की किरणों से व्यक्ति दिमागी रूप से स्वस्थ रहता है। धूप मेटाबोलिज्म को सुधारती है जिससे हड्डियों तथा मांसपेशियों की मजबूती के अलावा कई सारी बीमारियों पर अंकुश लगता है। धूप जिसे प्राकृतिक अलाव भी कहते है। इससे न केवल आपकी शारीरिक सेहत बेहतर बनती है बल्कि मूड भी रिफ्रेश हो जाता है।  

मूड ठीक करने के लिए खुशबु जिसे सुगन्ध भी कहा जाता है को औषधि का दर्जा दिया जाता है। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक अध्ययन की मानें तो सुगन्धित माहौल में रहने वाले लोग ज्यादा पॉजिटिव तथा शांत रहते है। शारीरिक तथा मानसिक बेहतरी के लिए विभिन्न प्राकृतिक तथा सुगन्धित तेलों का प्रयोग करके आप अपने मूड को ठीक कर सकते है। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक खुशबू मानव मस्तिष्क में तत्काल बदलाव लाती है। हमारे मस्तिष्क में सुगन्ध को पहचानने वाले न्यूरॉन्स होते है। ये न्यूरॉन्स ही मस्तिष्क को एनर्जेटिक बनाते है। पुराने जमाने मे मिस्र यूनान एवम रोम में रहने वाले लोग कई मानसिक बीमारियों को ठीक करनेके लिए अलग अलग खुशबू वाले तेलों से उपचार करते थे उनका मानना था कि मूड को बेहतर बनाने के लिए ऐसे उपाय कारगर होते है। 

इसके अलावा अपने पसंदीदा व्यक्ति से बात करके , किसी बच्चे की खिलखिलाहट सुनकर , प्रकृति के नजदीक जाकर, किसी झरने को बहता देखकर ,अपने इष्टदेव को याद करके , जैसे कई छोटे छोटे जादूगरी दिखाने वाले नुस्खे होते है जिन्हें आजमाकर आप एकदम बिगड़े मूड को एकदम ठीक कर सकते है।