सामाजिक सद्भाव बनाये रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत : प्रो आनंद कुमार
समारोह में डा. एस.एन. सुब्बाराव द्वारा बापू पर लिखित "महात्मा की जीवन गाथा" नामक पुस्तक का लोकार्पण करते अतिथि गण।
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दिल्ली। गत दिवस राष्ट्रीय युवा योजना के संस्थापक, विश्व में शांति और सद्भाव कायम करने की दिशा में अपना पूरा जीवन खपाने वाले भाई जी के नाम से विख्यात डा. एस. एन. सुब्बाराव जी का 95वां जन्मदिन समूचे देश में उल्लास, उमंग और सद्भाव के वातावरण में सदभावना दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के बल्लभगढ़ स्थित बालाजी कालेज के डा.एस.एन. सुब्बाराव सभागार में आयोजित समारोह में जिसकी अध्यक्षता भाई जी के सहयोगी डा. सुरेंद्र नाथ दुबे ने की में ग्वालियर अंचल में बंजारा समुदाय के बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने वाली प्राध्यापिका श्रीमती रामसेवी चौहान को व टीकमगढ़ अंचल में शिक्षा के प्रसार -प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निबाहने वाले शिक्षक रामगोपाल रायकवार को बालाजी महाविद्यालय की ओर से डा. एस. एन. सुब्बाराव स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मान स्वरूप दोनों विभूतियों को समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय युवा योजना के प्रमुख सरदार गुरुदेव सिंह सिद्धू, राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत, भारत सरकार के शिक्षा विभाग के सलाहकार रहे सुरेंद्र नाथ दुबे व इंडियन इंस्टीयूट आफ वाटर रिसर्च के निदेशक संजय गुप्ता ने 11,000 रुपये की राशि, एक स्मृति चिन्ह, शाल व सम्मान पत्र भेंट किया।
इस अवसर पर श्रीमती रामसेवी चौहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम शिक्षक हैं और हमारा दायित्व है कि हम शिक्षा की तस्वीर बदलने हेतु अपना सर्वोत्तम देने का प्रयास करें और समाज में भाई चारे के स्थायित्व हेतु कोई कोर कसर न रखें। तभी हम सही मायने में भाई जी के सपनों का भारत बनाने में कामयाब हो पायेंगे। अपने सम्बोधन में रामगोपाल रायकवार ने कहा कि भाई जी सही मायने में बापू के प्रतिरूप थे। भाई जी हमारे ऊपर जो जिम्मेदारी सौंप गये हैं, वह यह कि हम नवभारत का निर्माण करें जिसमें सभी समान हों।
समारोह में सुरेंद्र नाथ दुबे ने भाई जी के साथ अपने संस्मरणों का सिलसिलेवार व्योरा दिया। समारोह के प्रारंभ में बालाजी शिक्षण संस्थान के प्रमुख डा. जगदीश चौधरी ने भाई जी के जीवन वृत्त पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके कालेज में विभिन्न अवसरों पर आने के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज बालाजी शिक्षण संस्थान भाई जी की स्मृति में शिक्षा के प्रचार -प्रसार में अपना अमूल्य योगदान देने वाली दो प्रतिभाओं को डा. एस.एन. सुब्बाराव स्मृति सम्मान से सम्मानित कर रहा है। यह सिलसिला अब प्रतिवर्ष जारी रहेगा। आने वाले वर्ष से भाई जी की जयंती पर पांच अन्य विधाओं में भी यह सम्मान प्रदान किये जायेंगे। हम आश्वासन देते हैं कि आने वाले समय में भी भाई जी की स्मृति को जीवंत बनाये रखने में हम कोई कोर कसर नहीं रखेंगे।
समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय युवा योजना के प्रमुख गुरुदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत समाज में एकता की भावना, समरसता, सांप्रदायिक सद्भाव, नशा मुक्त भारत के निर्माण और हिंसा के वातावरण के खात्मे की है। इसके लिए हमें एकजुट रहना बेहद जरूरी है। इस हेतु भाई जी ने अपना पूरा जीवन खपा दिया। हमें यदि भाई जी के सपनों को साकार करना है तो आपसी मतभेदों को तिलांजलि देनी होगी और एक नये भारत के निर्माण का संकल्प लेना होगा।
अंत में अपने सम्बोधन में पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा कि आज भाई जी की स्मृति में उनके निर्वाण के उपरांत आयोजित जयंती के अवसर पर बालाजी शिक्षण संस्थान और उसके प्रमुख डा.जगदीश चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में महती योगदान देने वाली दो प्रतिभाओं का सम्मान कर और आने वाले वर्ष से पांच अन्य विधाओं में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान देने वाली प्रतिभाओं का सम्मान करने की घोषणा निस्संदेह प्रशंसनीय है, सराहनीय है बल्कि स्तुतियोग्य है। इस हेतु वह स्वयं और बालाजी शिक्षण संस्थान साधुवाद के पात्र हैं।
बीते बरस भाई जी की स्मृति में राष्ट्रीय युवा योजना के शिविर का आयोजन जिसमें देश के अलग अलग प्रांत के सैकड़ों युवाओं ने प्रतिभाग किया था, बालाजी शिक्षण संस्थान परिवार का भाई जी के प्रति अगाध स्नेह और सम्मान का प्रतीक है। उनकी जयंती के अवसर पर यहां मौजूद भाई जी के अनन्य सहयोगी सिद्धू जी जिन पर भाई जी के अधूरे कार्यों को पूरा करने का जिम्मा है, और यहां मौजूद भाई जी के अनुयायी देश में भाई-चारे के स्थायित्व और हिंसक प्रवृत्ति के समूल नाश की दिशा में हरसंमव प्रयास करेंगे, ऐसी आशा और विश्वास है।
आयोजन की सफलता हेतु आप सभी आगंतुकों, सम्माननीय अतिथियों, कालेज के शिक्षक वृंद और सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। समारोह के कुशल संचालन की भूमिका के निर्वहन का दायित्व प्रोफेसर चेतन प्रकाश ने बखूबी किया है, इस हेतु प्रकाश बधाई के पात्र हैं। समारोह के मध्य कालेज की छात्राओं द्वारा भाई जी के राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति ने सभी उपस्थित जनों का मन मोह लिया। अंत में जय जगत,जय जगत और भाई जी की कामना, सद्भावना-सद्भावना के जयघोष के साथ जयंती समारोह का समापन हुआ।
इसके उपरांत दोपहर में दिल्ली के किंग्सवे कैंप स्थित हरिजन सेवक संघ के मुख्यालय के सभागार में संघ के सचिव संजय राय द्वारा आयोजित भाई जी के 95वें जन्म दिवस समारोह में देश भर के जाने-माने समाजशास्त्रियों,शिक्षाविदों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, गाधीवादियों व भाई जी के अनुयायियों-सहयोगियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। इस अवसर पर संघ द्वारा संचालित स्कूलों की छोटी-छोटी बच्चियों द्वारा नृत्य व बापू तथा भाई जी के गीतो की सस्वर व संगीतमय प्रस्तुतियां बेहद आकर्षण का केन्द्र रही। समारोह के प्रारंभ में सभी अतिथियों, उपस्थित जनों ने भाई जी के चित्र पर माल्यार्पण कर, पुष्प अर्पित कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके उपरांत समारोह की शुरूआत में संचालन का गुरुतर दायित्व निर्वहन करने वाले प्रख्यात विचारक अजय पाण्डेय ने भाई जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं की सिलसिलेवार चर्चा की।
समारोह में सेवाधाम उज्जैन के सुधीर भाई, गांधी स्मारक निधि के संजय सिंह, मानवाधिकारवादी सुधीर गणगोत्रा,लोकमित्र अभियान के सुशील खन्ना, प्रख्यात समाजसेवी सतीश भाई, लोकशक्ति सोनभद्र के मनोज राय, हरियाणा राष्ट्रीय युवा योजना के स्तंभ व समन्वयक गांधीवादी सुरेश राठी, बालाजी कालेज आफ एजुकेशन बल्लभगढ़ के प्रमुख शिक्षाविद व ग्रीन इंडिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष डा०जगदीश चौधरी, शिक्षा विभाग भारत सरकार के पूर्व सलाहकार सुरेंद्र नाथ दुबे, राष्ट्रीय सहारा के पूर्व संपादक वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत सहित वर्धा, महाराष्ट्र, साबरमती आश्रम, गुजरात, पटना, बंगाल आदि स्थानों के गांधी आश्रम के प्रतिनिधियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। सभी अतिथियों ने भाई जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। साथ ही कहा कि उनके बताये रास्ते चलकर ही देश में भाई चारे की भावना बरकरार रह सकती है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय युवा योजना के प्रमुख सरदार गुरुदेव सिंह सिद्धू ने सभी उपस्थित जनों से देश में हिंसा, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, सांप्रदायिक विद्वेष के खात्मे और राष्ट्रीय एकता की भावना के प्रचार व प्रसार और भाई चारे के बढा़वे के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यही भाई जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समारोह के अंत में प्रख्यात समाजशास्त्री, विद्वान व जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे आनंद कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश में आज जो वातावरण है, उसमें सामाजिक सद्भाव बनाये रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि जिन मूल्यों और सिद्धांतों के लिए हमारे देश के महामानवों ने आजादी की लड़ाई लडी़ और कुर्बानियां दीं, जो हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता व समृद्धि के आधार थे, आज वे तिरोहित हो गये हैं या जो कुछ बचे-खुचे हैं भी, उन्हें एक साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है।
ऐसे में भाई के विचारों के प्रचार एवं प्रसार की बेहद जरूरत है जो राष्ट्रीय एकता, अखंडता,सांप्रदायिक सद्भाव व अहिंसक समाज की गारंटी हैं। इसके बिना एक समृद्ध ,अहिंसक और सशक्त भारत की कल्पना बेमानी है।मैं हरिजन सेवक संघ के सचिव संजय राय को इस आयोजन और इस अवसर पर इतने सारे विद्वानों को आमंत्रित कर भाई जी के विचारों पर संवाद हेतु बधाई देता हूं। समारोह के अंत में संजय राय ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आप सभी महानुभावों को आश्वस्त करता हूं कि संघ बापू और भाई जी के सिद्धांत और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास करता रहेगा।जय जगत, जय जगत।