बवासीर बीमारी एक जानलेवा रोग है : डॉ रिजवान अहमद

लेखक : डॉ रिजवान अहमद

ताला शरीफ, जयपुर 

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बवासीर बीमारी एक जानलेवा रोग है! बवासीर बीमारी हिंदुस्तान में आम होती जा रही है, अगर इस बीमारी का समय पर इलाज ना किया जाए तो इसके बहुत ज्यादा बढ़ जाने का डर रहता है बवासीर के बारे में कहा जाता है कि यह बीमारी बड़ी उम्र के लोगों को होती है मगर एक तहकीक के मुताबिक यह बीमारी कम उम्र के लोगों में भी पाई जाने लगी है कब्जे और बवासीर चंद ऐसे बीमारियों में से है जो इंसान की तबीयत में बेचैनी और परेशानी का सबब बनती है।

बवासीर का इलाज मुमकिन है अगर समय पर बीमारी की पहचान कर ली जाए। इस बीमारी में कभी-कभी सिर्फ घरेलू टोटके से काम लेना मुनासिब नहीं होता बल के समय पर बेहतरीन डॉक्टर या हकीम से राब्ता कर लिया जाए।

बवासीर की दो किस्में हैं

बादी व खूनी

बवासीर की खतरनाक किसम खूनी बवासीर है क्योंकि इसमें खून आता है और दर्द की भी शिकायत रहती है इसके उल्टा बवासीर बादी में खून तो नहीं आता मगर तकलीफ उसमें भी बहुत होती है दोनों की अक्साम काबिले गौर है और वक्त रहते इलाज करा लेना ही बेहतर है। 

बवासीर क्या है ?

बवासीर में बड़ी आंत के आखिर हिस्से में जलन की वजह से पा खाने में टॉयलेट में खून का निकलना और कब्ज की शिकायत हो जाती है, बवासीर जिसमें दूसरी बीमारियों का भी सबब बन सकती है जैसे बदहजमी सीने में जलन और दूसरी पोशीदा बीमारियां। 

बवासीर की वजह

बवासीर की बहुत सी वजह है जिनमें से कब्ज, हमल और जिगर की और दस्तों की बीमारी है इसके अलावा खाने में बद परहेजी मिर्च मसालों का ज्यादा इस्तेमाल, चिकनाई का ज्यादा इस्तेमाल, बाजारी खाने और फास्ट फूड बगैरा और धूम्रपान भी है। 

बवासीर की पहचान

बवासीर की सबसे बड़ी पहचान टॉयलेट के दौरान दर्द है इसके अलावा टॉयलेट के रास्ते से खून का निकलना भी वजह है खून की सूरत में बवासीर को खूनी बवासीर कहा जाता है। 

बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी को रोकने के लिए फौलादी हर्बल लेबने एक बहुत ही उम्दा और आजमौदा पाइल्स नील सिरप और पाइल्स नील कैप्सूल तैयार किया है। कोई भी व्यक्ति ऑपरेशन या सर्जरी से पहले एक मर्तबा इसको जरूर इस्तेमाल करें ताकि परेशानी के बढ़ने से बच जाए। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)