महादेव की वेशभूषा और जीवन शैली से सीखे जीवन जीने की कला

शिव के कई रूप है महायोगी, गृहस्थ, तपस्वी, अघोरी, नर्तक 

लेखिका : साधना सेठी

पत्रकार और लेखिका हैं 

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शिव की जीवन शैली हो या उनका कोई अवतार। वे हर रूप में बिल्‍कुल अलग हैं। फिर वो रूप तांडव करते हुए नटराज हो, विष पीने वाले नीलकंठ, अर्धनारीश्‍वर, सबसे पहले प्रसन्‍न होने वाले भोलेनाथ का हो। वे हर रूप में जीवन को सही राह देते हैं। भगवान शिव जितने रहस्यमयी हैं, उनका वस्त्र व आभूषण भी उतने ही विचित्र हैं। सांसारिक लोग जिनसे दूर भागते हैं। भगवान शिव उसे ही अपने साथ रखते हैं। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो गले में नाग धारण करते हैं। देखा जाए तो नाग बहुत ही खतरनाक प्राणी है, लेकिन वह बिना कारण किसी को नहीं काटता। नाग पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण जीव है। जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं। लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को गले में धारण कर ये संदेश देते हैं कि जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। 

इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें। हिंदू मान्‍यताओं के हिसाब से परफेक्‍ट पार्टनर महादेव को ही माना जाता है। अगर पार्वती ने उन्‍हें मनाने के लिए सालों की तपस्‍या की तो दूसरी ओर शिव ने उन्‍हें अर्धांगिनी बनाया। तभी तो 33 करोड़ देवताओं में शिव को ही अर्धनारीश्‍वर कहा जाता है। भगवान शिव को देवों के देव का कहा जाता है। महादेव का एक रूप ताडंव करते नटराज का है तो दूसरा रूप महान महायोगी का है। ये दोनों ही रूप रहस्‍यों से भरे हैं, लेकिन शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है। जहां एक साथ इतने सारे रंग हो फिर क्‍यों न अपनी जिंदगी में इन रंगों से प्रेरणा लें। किसी परिस्थिति से खुद को दूर रखते हुए उस पर पकड़ रखना आसान नहीं होता है। महादेव एक बार ध्यान में बैठ जाएं, तो दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन उनका ध्यान कोई भंग नहीं कर सकता है। 

शिव का यह गुण हमें जीवन की चीजों पर नियंत्रण रखना सिखाता है। समुद्रमंथन से जब विष बाहर आया तो सभी ने कदम पीछे खींच लिए थे क्‍योंकि विष कोई नहीं पी सकता था। ऐसे में महादेव ने स्‍वयं विष (हलाहल) पिया और उन्‍हें नीलकंठ नाम दिया गया। इस घटना से बहुत बड़ा सबक मिलता है कि हम भी जीवन में आने वाली निगेटिव चीजों को अपने अंदर रख लें लेकिन उसका असर न खुद पर हावी होने दें और न ही दूसरों पर। महादेव की हर चीज एक संदेश देती है। उनके गुणों को कुछ लाइन में लिखना संभव नही। आए और उनके गुण जीवन में धारण करे। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)