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टोंक। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नगर परिषद सभागार में किया गया।
इस अवसर पर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अपर जिला न्यायाधीश डॉ. रूबीना परवीन अंसारी ने महिला अधिकारों एवं महिलाओं के कल्याण के संचालित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि सभी महिलाओं को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के लिये सदैव सजग रहना चाहिए। पूर्व में जब महिलाओ को कमतर माना जाता था तो देश एवं समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका बहुत कम थी वर्तमान में आज महिलाऐं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी दे रही है जिससे यह साबित हो गया है कि महिलाओं को यदि सही शिक्षा एवं मार्गदर्शन मिल जाये तो महिलाऐं किसी भी क्षेत्र में अपनी अच्छी भूमिका निभा सकती है।
इस अवसर पर उनके द्वारा नालसा द्वारा संचालित तस्करी एवं वाणिज्यिक यौन शोषण पीडितों के लिये विधिक सेवाऐं योजना, आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण और प्रवर्तन के लिये विधिक सेवाऐं योजना, मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्याक्तियों के लिये विधिक सेवाऐं योजना, नालसा आपदा प्रबन्धन योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। विधिक जागरूकता शिविर के दौरान अपने उद्बोधन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता, पीडित प्रतिकर स्कीम-2011 एवं बाल-विवाह के बारे में जानकारी दी। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया।
शिविर के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित बन्दियों को एवं महिलाओं को विभिन्न कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सभ्य समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि समाज में महिलाओं का सम्मान हो तथा उनसे बराबरी का व्यवहार हो। इस अवसर पर सचिव द्वारा बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता, बाल विवाह, पीड़ित प्रतिकर स्कीम एवं भरण-पोषण संबंधित कानूनों की जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रत्येक महिला को निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है जिसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर व अपने अधिकरों के लिए सक्ष्म न्यायालय में दावा कर सकती है।
इस अवसर पर उपस्थित जिला प्रमुख, टोंक सरोज बंसल ने कहा कि आज महिलाऐं हर क्षेत्र में आगे बढ रही है, लेकिन आज भी वह अनेक कुरीतियों का शिकार हैं जो कुरीतियां उसके आगे बढने में बाधाएं उत्पन्न करती है। पढे लिखे लोग और जागरूक समाज इस समस्या से अछूता नहीं है। अतः हमें इस समस्या से निजात पाने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में जिला प्रमुख ने अपने निजी अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन, राजनीति व न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी पिछले वर्षों में काफी बढ़ी है जो कि एक शुभ संकेत है कि महिलाऐं प्रत्येक क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं।
मेरिंगटन सोनी, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग, टोंक ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर संगीता दीपक, जिला विकास परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी सुपरवाईज़र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहीं।