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मनोहरपुर (जयपुर)। आल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज फ़ेडरेशन इंटक के प्रदेश सचिव व सहायक प्रशासनिक अधिकारी हाजी मोहम्मद मेहराज हाशमी ने कहा कि एतकाफ में बैठकर इबादत करने वाले लोगों को अल्लाह सभी गुनाहों (पापों) से मुक्त कर देता है यह शब्द हाशमी ने दौसा की मस्जिद में एतकाफ में बैठे हुए लोगों के सम्मान समारोह में कहे।
हाशमी ने कहा कि रमजान में की जाने वाली इबादतों में से एक एतकाफ भी है। रमजान मुबारक महीने के तीसरे अशरे यानि आखिर के 10 दिनों में कुछ मुसलमान एतकाफ में बैठते हैं। एतकाफ के लिए मुसलमान पुरुष रमजान के आखिर के 10 दिनों तक मस्जिद के किसी कोने में बैठकर इबादत करते हैं और खुद को परिवार व दुनिया से खुद को अलग कर लेते हैं।
वहीं, महिलाएं घर के किसी कमरे में पर्दा लगाकर एतकाफ में बैठती हैं। एतकाफ के दौरान लोग 10 दिनों तक एक ही जगह पर खाते-पीते, उठते-बैठते और सोते जागते हैं और नमाज-कुरान पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। हालांकि, बाथरूम या वाशरूम जाने की उन्हें इजाजत होती है।
एतकाफ का महत्व-
यूं तो रमजान का पूरा महीना ही पवित्र और अहम होता है, लेकिन इस महीने के आखिर के 10 दिन सबसे अहम और रहमत वाले होते हैं। इस्लाम धर्म के लोगों का मानना है रमजान के आखिर में एतकाफ में बैठने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है। हदीस में बताया गया है कि रमजान में पैगंबर मोहम्मद भी एतकाफ में बैठा करते थे। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, एतकाफ में बैठकर इबादत करने वाले लोगों को अल्लाह सभी गुनाहों (पापों) से मुक्त कर देता है। उल्लेखनीय हैं हाशमी का लड़का रेहान हाशमी भी इस बार दौसा की मस्जिद में एतकाफ में बैठे हैं।