नियमित साफ सफाई नहीं होने से पर्यटन नगरी की सुंदरता पर लगा दाग

 सांभर में सफाई व्यवस्था पर  जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी


शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। सांभर नगर पालिका क्षेत्र में नियमित साफ-सफाई के अभाव में जगह-जगह आज भी गंदगी कायम है। स्वच्छ मिशन अभियान के तहत सरकार की ओर से दिया गया स्वच्छता का संदेश पूरी तरह से हकीकत की पोल खोल रहा है। इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है कि पालिका के स्तर पर ठेका पद्धति से जिन सफाई कर्मियों से काम लिया जा रहा है उनको समय पर वेतन नहीं मिलने तथा कथित रूप से ठेकेदार की ओर से उनके वेतन में कटौती किया जाना भी रहा है यानी उनको काम के बदले पूरा वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है। दूसरा प्रमुख बताया जा रहा है कि नगर पालिका में बेहतर काम करने वाले स्थाई सफाई कर्मचारियों का काफी अरसा पहले यहां से ट्रांसफर हो चुका है। इसके अलावा कुशल प्रबंधन का अभाव, अनेक वार्ड में लगाए गए सफाई कर्मचारियों का नियमित रूप से कार्य भली-भांति संपादित नहीं होने से पर्यटन नगरी की सुंदरता पर दाग लग रहा है। 

इसके अलावा नगर पालिका की ओर से राजकीय यूनानी औषधालय के पीछे व राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के बाहर स्थापित किया गया कचरा डिपो आज शिफ्ट नहीं किया गया है। विगत 10 साल से अधिक समय से इन्हे हटवाने के लिए नगर पालिका के पूर्व पार्षद सिराजुद्दीन मंसूरी, पार्षद धर्मेंद्र जोपट, पूर्व पार्षद विष्णु कुमार सिंघानिया की ओर से तत्कालीन बोर्ड के समक्ष सदन में अनेक दफा जोर शोर से इस मुद्दे को उठाया गया लेकिन तमाम विरोध के बावजूद पालिका प्रशासन आज तक इन दोनों स्थानों से कचरा डिपो को शिफ्ट नहीं कर पाया है। यहां के व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख स्थल गोला बाजार, सिंधी बाजार, पुरानी चारा मंडी, तेजाजी चौक की सफाई व्यवस्था के हालात आज भी खराब है। 

सफाई व्यवस्था को लेकर आज इस मामले में नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार गट्टानी, पार्षद पति सत्यनारायण स्वामी, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण गोयल, पूर्व पार्षद विनोद गट्टानी,सेवादल पदाधिकारी स़ोमेश अजमेरा, श्री गोपाल गौशाला के अध्यक्ष मुन्नालाल शर्मा, गुर्जर युवा समाज के हनुमान गुर्जर, गौशाला के पूर्व अध्यक्ष प्रेम कुमार शर्मा, कांग्रेस नेता कैलाश सकरवाल, भाजयुमो अध्यक्ष चंद्रप्रकाश माली, एडवोकेट दिव्य राजवीर गुर्जर ने सांभर में सफाई व्यवस्था को लेकर गहरी नाराजगी जताते हुई पालिका की कार्यप्रणाली पर अनेक सवाल उठाए तथा सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से असंतुष्ट बताया। 

इस मामले में अधिशाषी अधिकारी हरिनारायण यादव का कहना है कि अगले माह नियमित सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। ठेका पद्धति को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा। इसके पश्चात स्वच्छ मिशन भारत के तहत सफाई व्यवस्था पर पूरा जोर दिया जाएगा तथा लोगों की भावनाओं के अनुरूप नगर को सुंदर बनाया जाएगा।