राजस्थान सरकार के फ्लेगशिप कार्यक्रम : कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण हेतु

लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह

लेखक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी है 

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राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं को ‘‘फ्लेगशिप कार्यक्रम’’ के रूप में चिन्हित कर गांव, गरीब एवं कमजोर वर्ग के उत्थान का प्रयास किया है। फ्लेगशिपकार्यक्रम के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों के व्यक्तियों का सशक्तीकरण कर उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया गया हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं इंदिरा रसोई योजना जैसे कार्यक्रम इसकी एक बानगी है। ये कार्यक्रम आम आदमी की उन्नति, सामाजिक सुरक्षा और सुशासन के प्रति सरकार की वचनबद्धता के प्रतीक है। 

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

1 मई 2021 से शुरू की गयी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा था। जिसे 1 अप्रेल 2022 से बढ़ाकर 10 लाख रूपये प्रति परिवार कर दिया गया है एवं रूपये 5 लाख का दुर्घटना बीमा निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत अस्पताल में भर्ती के 5 दिन पहले एवं 15 दिन बाद तक का उपचार व्यय शामिल है। योजनान्तर्गत जन-आधार डेटाबेस से जुड़े/पंजीकृत परिवार जो निःशुल्क श्रेणी के अन्तर्गत पात्रता रखते हैं अथवा निर्धारित प्रीमियम का भुगतान कर योजना में पंजीकृत हुए है। निःशुल्क श्रेणी में एनएफएसए के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी परिवार, सामाजिक आर्थिक जनगणना (एसईसीसी) 2011 के पात्र परिवार, प्रदेश के समस्त विभागों/बोर्ड/निगम/सरकारी कम्पनी में कार्यरत संविदा कार्मिक, लघु एवं सीमांत कृषक एवं गत वर्ष कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवार सम्मिलित है। योजना से अब तक प्रदेश के 12.64 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है तथा 22 लाख से अधिक क्लेम सबमिट किये जा चुके है। योजना में अब तक 795 राजकीय एवं 778 निजी चिकित्सालय योजना से संबद्ध है।

शुद्ध के लिये युद्ध

राज्य में मिलावट को रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न त्यौहारों पर (होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि) विशेष अभियान चलाया जाता है। वर्ष 2021-22 में खाद्य पदार्थों के 11,061 नमूने लिए जिनमें से 1981 मिलावटी प्रकरण पाये गये । 1125 मिलावटी प्रकरणों न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। जिनमें से 626 निर्णित हो चुके हैं। निर्णित प्रकरणों में 131.01 लाख रुपये की जुर्माना राशि लगायी गई। वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह में 499 नमूने लिए गए जिसमें से 369 नमूने अशुद्ध पाये गए, 271 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गए एवं न्यायालय में निर्णित 170 प्रकरणों में 35.09 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। 

निरोगी राजस्थान अभियान

योजना के तहत प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित गतिविधियों के साथ ही बीमारियों की रोकथाम व उपचार की व्यवस्था परिवार कल्याण कार्यक्रम, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल, महिला स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, टीकाकरण एवं वयस्क टीकाकरण, व्यसन रोग, खाद्य पदार्थों में मिलावट और प्रदूषण शामिल है। अभियान के तहत राज्य के प्रत्येक आबाद राजस्व ग्राम में स्वेच्छा से कार्य करने वाले दो स्वास्थ्य मित्रों (एक महिला एवं एक पुरुष) कुल 79,731 स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर प्रशिक्षित किया जा चुका है। राज्य के शहरी वार्डो में कुल 14,373 स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर प्रशिक्षित किया जा चुका है। 

मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना

मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना 2 अक्टूबर 2011 से लागू की गई। राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले सभी अंतरंग एवं बहिरंग रोगियों को आवश्यक दवा सूची में शामिल 824 प्रकार की दवाइयों, 181 सर्जिकल एवं 77 सूचर्स सहित कुल 1082 औषधियां निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा वितरण करने के लिए 33 जिला मुख्यालयों पर 40 जिला औषधि भंडार गृह स्थापित हैं। दवाइयों की अनुपलब्धता होने पर राजकीय चिकित्सालयों की मांग अनुसार स्थानीय स्तर पर क्रय कर उपलब्ध करवाई जाती है। योजना में वर्ष 2021-22 में 1210.90 करोड़ रुपये एवं वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 120.01 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके है। 

मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना

मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना 7 अप्रैल 2013 से लागू की गई। राजकीय अस्पतालों में संपूर्ण उपचार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनहित में यह योजना शुरू की गयी। इसके अंतर्गत चिकित्सा संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में 90, जिला-उपजिला सेटेलाइट चिकित्सालयों में 56, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 37, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व डिस्पेंसरी चिकित्सालयों में 15 प्रकार की जांचे निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। जिला, उपजिला, सैटेलाईट चिकित्सालयों में 40 विशेष जांचे आउटसोर्स के द्वारा निःशुल्क प्रदान की जा रही है। योजनान्तर्गत प्रतिदिन 1.25 से 1.50 लाख जांचे निःशुल्क की जा रही है तथा प्रतिवर्ष लगभग 2 करोड़ मरीजों की 6 करोड़ से अधिक निःशुल्क जांचे की जा रही है। 

मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना

राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले राजस्थान के निवासियों को शत प्रतिशत दवाईयां एवं जाँच निःशुल्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना 01.05.2022 से प्रारम्भ की गयी है। योजना में 824 दवाईयों को आवश्यक दवा सूची में शामिल किया जा चुका है। 2798 सर्जिकल्स एवं सूचर्स को आवश्यक दवा सूची में शामिल करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजनान्तर्गत लगभग 5000 दवाईयां/सर्जिकल्स सूचर्स उपलब्ध कराये जायेंगे। 

एक रूपये किलो गेहूं

यह योजना राज्य सरकार की एक अभिनव पहल है इसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत अन्त्योदय, बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों 1 रु. किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत अन्त्योदय राशन कार्ड धारियों को 35 किलोग्राम प्रति राशनकार्ड तथा बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों को 5 किलोग्राम प्रति यूनिट प्रतिमाह 1 रु. किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस क्रम में अन्त्योदय व समस्त श्रेणी के बीपीएल कुल 1 करोड़ 74 लाख लाभार्थियों को 1 मार्च 2019 से 2 रुपये के स्थान पर 1 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 22 में 113.64 करोड़ रुपये वहन किये गए है एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 0.79 करोड़ रुपये वहन किये गए है। 

महात्मा गांधी (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कक्षा 1 से 12 तक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। राज्य में 200 से अधिक महात्मा गांधी विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित है। 5 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांवों में 1200 अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी विद्यालय स्वीकृत/प्रारंभ किये जा रहे है। इन विद्यालय की लोकप्रियता एवं इनमें प्रवेश हेतु अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की मांग को देखते हुए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक हजार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय और शुरू किये जाने की घोषणा वर्ष 2022-23 के बजट में की गई है। 

मुख्यमंत्री कन्यादान/हथलेवा योजना

आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना संचालित है। राजस्थान के मूल निवासी को ही यह सहायता देय है। पहले इस योजना में सभी वर्गों के बीपीएल परिवारों, अन्त्योदय परिवारों, आस्था कार्डधारी परिवारों एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह पर सहायता दी जाती थी। 29 अप्रेल 2020 के बाद अतिरिक्त विशेष योग्यजन व्यक्तियों, पालनहार में लाभार्थियों की कन्याओं के विवाह पर तथा महिला खिलाड़ियों के स्वयं के विवाह पर भी सहायता दिये जाने का प्रावधान किया गया है। योजना में वर्ष 2019-20 में 5973, वर्ष 2020-21 में 6073, वर्ष 2021-22 में 9418 एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 4340 लाभान्वित किये गए । 

राजस्थान सिलिकोसिस नीति, 2019

सिलिकोसिस बीमारी खास तौर पर खनन, पत्थर तोड़ने, पत्थर पीसकर पाउडर बनाने, गिट्टी बनाने, सेंड स्टोन से मूर्ति बनाने जैसे काम में लगे श्रमिकों के होती है। योजनार्न्गत पीड़ितों की स्क्रीनिंग, उपचार एवं प्रमाणीकरण के साथ उनके आश्रितों को सहायता एवं पुनर्वास किया जाता है। सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर रोगी को 3 लाख रु. देय हैं। सिलिकोसिस रोगी की मृत्युपरांत अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार रु. एवं परिवारजनों को 2 लाख रु. देय है। सिलिकोसिस पीड़ित को पेंशन 1500 रु. प्रतिमाह देय है। सिलिकोसिस विधवा पेंशन के अंतर्गत 55 वर्ष की आयु तक 500 रु. प्रतिमाह 55 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 750 रु. प्रतिमाह 60 वर्ष से 75 वर्ष की आयु तक 1000 रु. प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु पर 1500 रु. प्रतिमाह देय है। पीड़ित परिवार के 6 वर्ष की आयु तक बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह 6 से 18 वर्ष की आयु तक 1000 रुपये प्रतिमाह एवं प्रत्येक बच्चों को 2000 रुपये वार्षिक एकमुश्त सहायता। सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार को आस्था कार्डधारी परिवार के समान समस्त सुविधाओं यथा छथ्ै। आदि से लाभान्वित किया जाता है। योजना के तहत वर्ष 2021-22 में पुनर्वास हेतु 24,509.70 लाख रुपये सहायता में दिए गए वहीं पेंशन के तौर पर 2021-22 में 4542.53 लाख रुपये सहायता में दिए गए एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक पुर्नवास हेतु 4867.90 लाख रुपये एवं पैंशन के तौर पर 462.15 लाख रुपये सहायता के दिये गए।

मुख्यमंत्री एकलनारी सम्मान पेंशन योजना

योजना में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला, जो राजस्थान की मूल निवासी हो, जिसकी स्वयं की नियमित आय का कोई स्त्रोत नहीं हो अथवा समस्त स्त्रोतों से कुल वार्षिक आय 48 हजार रूपये से कम हो, को पेंशन देय है। बी.पी.एल./अन्त्योदय/आस्था कार्ड धारी परिवार /सहरिया/कथौडी/खैरवा जाति एवं एचआईवी एड्स पॉजिटिव एवं एड्स कन्ट्रोल सोसायटी में पंजीकृत है ऐसी विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है। योजनान्तर्गत 18 वर्ष व अधिक किन्तु 55 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 500 रु. प्रतिमाह, 55 वर्ष व अधिक किन्तु 60 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 750 रु. प्रतिमाह, 60 वर्ष व अधिक किन्तु 75 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 1 हजार रु. प्रतिमाह एवं 75 वर्ष व अधिक आयु की पेंशनर को 1500 रु. प्रतिमाह पेंशन देय है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 2323.61 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 160.35 करोड़ रुपये सहायता में दिए गए। 

मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना

योजना में 55 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला तथा 58 वर्ष या इससे अधिक आयु के पुरुष जिसके निर्वाह हेतु स्वयं एवं पति/पत्नी की नियमित आय का कोई स्त्रोत नहीं हो अथवा पत्नी/पति की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 48 हजार रूपये से कम हो को पेंशन देय है। बी.पी.एल./अन्त्योदय/आस्था कार्ड धारी परिवार /सहरिया/कथौडी/खैरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है। योजनान्तर्गत 75 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 750 रु. प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु की पेंशनर को 1000 रु. प्रतिमाह पेंशन देय है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 5601.79 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2022-23 में अप्रैल माह तक 410.57 करोड़ रुपये सहायता में दिये गए। 

मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना

योजना के अन्तर्गत विशेष योग्यजन व्यक्ति जो अन्धता, अल्प दृष्टि, चलन निःशक्तता, कुष्ठ रोग, मुक्त, श्रवण शक्ति का ह्रास, मानसिक विमंदता, मानसिक रोगी में से किसी एक अथवा अधिक विकलांगता से ग्रसित हो अथवा प्राकृतिक रूप से बौनेपन से ग्रसित हो तथा प्राकृतिक रूप से हिजडे़पन से ग्रसित हो, जो राजस्थान का मूल निवासी हो तथा राजस्थान में रह रहा हो एवं जिसकी स्वयं की सम्मिलित वार्षिक आय 60 हजार रु. तक हो, पेंशन का पात्र होगा। बी.पी.एल./अन्त्योदय/आस्था कार्ड धारी परिवार/सहरिया/कथौडी/खैरवा जाति के विशेषयोग्यजन को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गयी है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 622.36 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 49.75 करोड़ रुपये सहायता में दिये गए। 

पालनहार योजना

अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बच्चे के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति/वयस्क भाई अथवा बहन को पालनहार बनाकर उनकी देखभाल, पालन पोषण हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी./एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चों को सहायता प्रदान की जाती है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। आवेदन की तिथि से कम से कम 3 वर्ष की अवधि से राजस्थान में रह रहे हों। पालनहार योजना में 0-6 आयु वर्ग के अनाथ बच्चों को मिलने वाली सहायता राषि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1500 रुपये एवं 6-18 आयुवर्ग के अनाथ बच्चों हेतु 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रतिमाह की गई है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 549.75 करोड़ रुपये एवं वर्ष 2022-23 में अप्रैल माह तक 127.96 करोड़ रुपये सहायता में दिये गए। 

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना, 2019

योजना 12 दिसम्बर 2019 को प्रारम्भ की गई है। कृषक कल्याण कोष के अन्तर्गत बोर्ड की स्वयं की निधि से योजना के अन्तर्गत कृषि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु पूंजीगत, ब्याज एवं विद्युत प्रभार/सौर ऊर्जा अनुदान तथा राज्य के उत्पादों के घरेलू एवं निर्यात व्यापार को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु भाड़ा अनुदान देने का प्रावधान है। गुणवत्तायुक्त उत्पादन, बाजार विकास, कौशल विकास आदि हेतु विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता भी दिये जाने का प्रावधान है। कृषक, कृषक उत्पादक संगठन एवं कृषि उद्योग तथा विपणन से जुड़े व्यक्ति/समूह/संस्था/प्रतिष्ठान योजना का फायदा उठा सकते हैं। योजना में 2021-22 तक 608 आवेदकों को 109.40 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 74 आवेदकों को स्वीकृति उपरांत 27.91 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना

दिसम्बर 2019 से लागू इस योजना उद्देश्य उद्यमों की सरल स्थापना एवं रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराते हुए वित्तीय संस्थान के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध कराना है। प्रदेश में नये उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व स्थापित उद्यमों के विस्तार/विविधिकरण/आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय संस्थानों के माध्यम से 10 करोड़ रु. तक के ऋण पर 5 से 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। योजनान्तर्गत व्यक्तिगत आवेदक के साथ-साथ संस्थागत आवेदक भी पात्र है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 5147.69 लाख रूपए एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 118.18 लाख रूपये सहायता में दिये गए। 

एम.एस.एम.ई. अधिनियम- स्व प्रमाणीकरण

प्रदेश में एम.एस.एम.ई. इकाईयों की सरल स्थापना एवं विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा 17 जुलाई, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम लागू किया गया। योजनान्तर्गत उद्यमी के आवेदन के पश्चात आवेदन प्राप्ति का प्रमाण पत्र उसी समय ऑनलाईन पोर्टल पर जारी कर दिया जाता है, इसके तहत उद्यमी को 3 वर्ष तक राजस्थान के अधिनियमों के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की किसी प्रकार की स्वीकृति एवं निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है हालांकि 3 वर्ष की समाप्ति के पश्चात् 6 माह में आवश्यक स्वीकृतियां उद्यमी को प्राप्त करनी होगी। इसके लिये ऑनलाईन पोर्टल दिनांक 12 जून, 2019 से शुरू किया गया है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 3659 एवं वर्ष 2022-23 में अप्रेल माह तक 296 पंजीयन हो चुके है। 

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019

राज्य में निवेश एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 प्रारंभ की गई है, जो 17 दिसंबर 2019 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी। योजनान्तर्गत निवेश अनुदान देय एवं जमा एसजीएसटी का 75 प्रतिशत, रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत पुनर्भरण, विद्युत कर, मण्डी शुल्क, भूमि कर में 100 प्रतिशत छूट सात वर्षों के लिए तथा स्टाम्प ड्यूटी व भूमि रूपान्तरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट/लाभ के प्रावधान किए गए है। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 5067 एवं 2022-23 में अप्रेल माह तक 255 औद्योगिक इकाईयों को स्टाम्प ड्यूटी व भूमि रूपान्तरण शुल्क में छूट दी चुकी है। 

जन सूचना पोर्टल-2019

सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की मूल भावना से प्रेरित होकर राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर 2019 को जन सूचना पोर्टल-2019 का लोकार्पण किया गया। इसमें 115 विभागों की 288 योजनाओं/सेवाओं को शामिल किया गया है। आमजन उक्त जानकारी जन सूचना पोर्टल-2019 ीजजचेरूध्ध्रंदेववबीदंण्तंरंेजींदण्हवअण्पद मोबाईल एप एवं सेल्फ सर्विस ई-मित्र प्लस कियोस्क के माध्यम से प्राप्त कर रहा है। योजना के अंतर्गत अप्रेल 2022 तक 1198.58 लाख जानकारियां वेबसाईट के माध्यम से प्राप्त की गई। 

राजस्थान जन आधार योजना

राजस्थान जन आधार योजना, 2019 का शुभारम्भ 18 दिसंबर 2019 से किया गया। योजना का उद्देश्य राज्य के परिवारों की जनसांख्यिकीय एवं सामाजिक-आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार कर प्रत्येक परिवार को एक नम्बर एक कार्ड, एक पहचान प्रदान किया जाना है। राज्य के सभी निवासी परिवार, पंजीयन कराने व जन-आधार कार्ड प्राप्त करने हेतु पात्र हैं। नामांकित प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित एकबारीय निःशुल्क जन-आधार कार्ड प्रदान किया जा रहा है तथा इस कार्ड में मुखिया सहित प्रत्येक सदस्य की 11 अंकीय व्यक्तिगत पहचान संख्या भी अंकित की गई है। भविष्य में सभी जन-कल्याण की योजनाओं के लाभ/सेवाओं को इस कार्ड के आधार पर हस्तांतरित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत 2021-22 में 3957.58 लाख एवं 2022-23 में अप्रेल माह तक 0.59 लाख रुपये व्यय किये गए है। 

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना

युवाओं को बेरोजगारी के दंश से मुक्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए एक फरवरी, 2019 से शुरू हुई। राज्य सरकार ने युवाओं में योजना की लोकप्रियता को देखते हुए वर्तमान में 1 लाख 60 हजार की सीमा को बढ़ाकर अधिकतम 2 लाख किया गया है। योजना को बेहतर बनाते हुए म्उचसवलंइसम बनाने की दृष्टि से पात्र बेरोजगार युवाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिलवाकर विभिन्न विभागों में 4 घण्टे प्रतिदिन इंटर्नशिप करवाई जायेगी। इस योजना में मार्च 2022 तक 4,83,622 पात्र बेरोजगारों को भत्ता स्वीकृत कर लाभान्वित किया गया है। बेरोजगारी भत्ते के रूप में वर्ष 2021-22 में 57,658 लाख एवं वर्ष 2022-23 में अप्रैल माह तक 1759.00 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 

कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना

डूंगरपुर जिले की कालीबाई भील ने शिक्षा के लिये अपना जीवन समर्पित किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योग को देखते हुए इस योजना में मेघावी छात्राओं के लिये चल रही अन्य स्कूटी वितरण योजनाओं को एकीकृत किया गया है। राजस्थान के राजकीय एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 12 तक नियमित छात्रा के रूप में अध्ययन करने एवं कक्षा 12वीं में अधिक अंक प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित एवं छात्राओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने तथा उच्च अध्ययन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से उक्त योजना राज्य में संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 65 प्रतिशत प्राप्तांक से उत्तीर्ण तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 75 प्रतिशत प्राप्तांक से उत्तीर्ण छात्राऐं जो कि राजस्थान के किसी भी विद्यालय में अध्ययनरत हो पूर्व में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग से 10वीं कक्षा के परिणाम के आधार पर किसी छात्रा को स्कूटी प्राप्त हुई है तो उसी छात्रा को 12वीं के परिणाम के आधार पर पात्र होने पर 40,000 रूपये एकमुश्त राशि प्राप्त होगी। किसी अन्य योजना में आर्थिक सहायता/छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली छात्रायें भी इस योजना में लाभान्वित होगी। योजना अन्तर्गत अनुसूचित जाति/अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं सहित वर्ष 2020-21 की 10,040, वर्ष 2021-22 की 17,810 एवं वर्ष 2022-23 की 20,000 छात्राओं को स्कूटी देकर लाभान्वित किया जायेगा। 

देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना

राज्य की अति पिछड़े वर्ग की जातियों बंजारा, बालदिया, लबाना, गाड़िया लौहार, गाडोलिया, गूजर, गुर्जर, राईका, रेबारी ( देवासी, देवा, राज्य की अति पिछड़े वर्ग की जातियों बंजारा, बालदिया, लबाना, गाडिया लौहार, गाडोलिया, गूजर, गूर्जर, राईका, रेबारी ( देवासी, देवा, गडरिया (गाडरी), गायरी) के लिए यह योजना संचालित है। योजना का उद्देश्य उक्त वर्ग की छात्राओं को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा तथा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्री परीक्षाओं में अधिक से अधिक अंक लाने, उनमें प्रतिस्पर्द्धा की भावना विकसित करने, उच्च अध्ययन हेतु आकर्षित करने एवं उच्च शिक्षा हेतु वाहन सुविधा उपलब्ध कराने तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। राजस्थान मूल की विशेष पिछड़े वर्ग में से अति पिछड़े वर्ग की ये छात्राएँ जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण में पूर्णतया 50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त किये है तथा राजस्थान स्थित राजकीय महाविद्यालयों, राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में स्नातक डिग्री प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर नियमित अध्ययनरत हो, उनको 1500 स्कूटी प्रतिवर्ष निःशुल्क वितरित की जायेगी। 

इंदिरा रसोई योजना

मुख्यमंत्री के ‘‘कोई भी भूखा नहीं सोए’’ के संकल्प के साथ 20 अगस्त 2020 से प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोईयों के माध्यम से इन्दिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया है। इस योजना का देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के नाम पर रखा गया है। लाभार्थी को 8 रुपये में शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा 12 रुपये प्रति थाली अनुदान दिया जा रहा था जिसे 01.01.2022 से बढ़ाकर 17 रुपये प्रति थाली कर दिया गया है। योजना हेतु प्रतिवर्ष 100 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है। भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है। इस योजना के अंतर्गत 2021-22 तक 5 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। 

इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना

राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेन्डर तथा सर्विस सेक्टर के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021 लागू की गई है। योजना के माध्यम से लाभार्थियों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। योजना का लक्ष्य स्टीट वेण्डर्स, अनौपचारिक क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग जैसे हेयर ड्रेसर, रिक्शावाला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, दर्जी इत्यादि एवं बेरोजगार युवाओं को आर्थिक संबल देकर पुर्नस्थापित करना है। राज्य के अनौपचारिक व्यापार क्षेत्र में काम करने वाले 5 लाख लाभार्थियों को इस योजना का फायदा मिलेगा। ऋण 1 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। ऋण के मोरेटोरियम की अवधि 3 माह तथा ऋण पुनर्भुगतान की अवधि मोरेटोरियम के पश्चात् 12 माह की होगी। 

घर-घर औषधि योजना

मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त 2021 को अपने निवास पर गिलोय का पौधा लगाकर घर-घर औषधि योजना की शुरुआत की। पांच साल में 210 करोड़ रुपये के व्यय से 30 करोड़ से अधिक औषधीय पौधों का वितरण करने का लक्ष्य रखा गया। योजना के तहत वर्ष 2021-2026 के बीच प्रत्येक परिवार को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ के 2-2 पौधे उपलब्ध करवाकर 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा। योजना के प्रथम चरण में वर्ष 2021-2022 में प्रदेशभर में 518.34 लाख औषधीय पौधों का वितरण किया जा चुका है। 

मुख्यमंत्री किसान मित्र उर्जा योजना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जून 2021 को योजना का शुभारंभ किया। योजना के माध्यम से प्रदेश के मीटर्ड किसान उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान राशि प्रतिमाह अधिकतम 1000 रुपए एवं प्रतिवर्ष अधिकतम 12,000 रुपए है। योजना के अंतर्गत सभी पात्र कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण बिजली के बिल की 60 प्रतिशत राशि अनुपातिक आधार पर प्रतिमाह देय होती है। योजना का लाभ सभी किसान उपभोक्ताओं को मई 2021 के बिल से मिलना आरंभ हो गया है। योजना  के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 743.38 करोड़ एवं 2022-23 में अप्रेल माह तक 161.19 करोड़ रुपये का अनुदान किया जा चुका है। 

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना

मुख्यमंत्री की वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा की पालना में राज्य के 5 जिलों, जिनमें 4 जनजातीय जिले प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर तथा 1 सहरिया बहुल जिला बारां सम्मिलित है, में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 19.11.2020 को प्रारंभ की गई। वर्ष 2023-23 से योजना को राज्य के सभी 33 जिलों में लागू कर दिया गया है। इस योजना में प्रतिवर्ष 350000 महिलाओं को लाभ प्रदान किया जायेगा। योजनान्तर्गत दूसरी संतान से गर्भवती महिलाओं को पांच चरणों में 6000 रुपये का नकद लाभ दिया जा रहा है। यह योजना पूर्णतया पेपरलेस है, जिसमें लाभार्थियों को कहीं आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के सॉफ्टवेयर में दर्ज लाभार्थियों की जानकारी को विभाग के राजपोषण पोर्टल से ऑनलाइन सत्यापन उपरान्त निर्धारित राशि सीधा उनके जनआधार से जुड़े बैंक खाते में जमा की जा रही है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)