अतीत से सबक लिया जाता है उसे जिया नहीं जाता
लेखिका : साधना सेठी
पत्रकार और लेखिका
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हम सभी इंसानों का अतीत होता है। हम जो आज जी रहे है वो कल हमारा अतीत होगा लेकिन अतीत को जिया नही जा सकता है। अतीत को विदा करना ही हम सभी के लिए फायदेमंद होता है। अतीत को हम जाने नही देगे तो वो हमे जीने नही देगा। अतीत में कुछ अच्छी यादें होती है कुछ बुरी यादें अगर अच्छी है तो उन्हें सहेज लीजिए और बुरी है तो उनसे सबक लेकर उन्हें विदा कर दीजिए। जैसे हम पढ़ाई करते है तो सवाल नही जवाब याद रखते है और हर साल आगे बढ़ते रहते है। तो बस यही जीवन है आगे बढ़ते रहिए और पुरानी बुरी यादों को छोड़ते चलिए उनसे मिले हुए सबक को जरूर याद रखना है।
अतीत की नकारात्मक घटनाओं के कारण आपके लिए वर्तमान में जीना भी मुश्किल हो सकता है। परेशान करनेवाली यादों के कारण आपके लिए सोना या दिन गुजारना भी मुश्किल हो जाता है। आपके जीवन में कोई समय ऐसा जरूर आएगा जब आपको अपने अतीत को भूलना ही पड़ेगा, नहीं तो आपका अतीत ही आपके भविष्य की कहानी को लिखेगा और ऐसा आप कतई नहीं चाहेंगे/चाहेंगी। यह सब जानते हुए भी हम जिस तरह से सोचते हैं, बात करते हैं, या इस दुनिया को देखते हैं, उसमे हम हमेशा अपने अतीत से प्रेरित होते हैं या सच कहा जाये तो अपने अतीत को ढो रहे होते हैं। अतीत की यादों से घिरे रहने की समस्या को मैनेज करना बिना अंत का अता-पता चले किसी तनी हुई रस्सी पर चलते जाने के समान है। अगर आप घटनाओं को स्टेप-बाय-स्टेप देखें और अपने दिमाग को खुला रखें तो ये संभव है कि आप अपने अतीत को अपने अस्तित्व के एक हिस्से के रूप में स्वीकार कर सकें। आप ऐसी नकारात्मक आदतों को पीछे छोड़ सकते/सकती हैं जो आपको उन सपनों से बाँध के रखती हैं जो कभी पूरे नहीं हुए या फिर उन वादों की याद दिलाती रहती हैं जो तोड़ दिए गए थे। अब निर्णय आपका है।