मैं कोई खिलौना नहीं : तिलकराज सक्सेना

क वि ता 

लेखक : तिलकराज सक्सेना

जयपुर।

www.daylife.page 

मुझे खो देने के बाद,

हर किसी में,

वो मेरा अक्स तलाशती है,

पर कहीं भी उसे मैं नहीं मिलता,

अपने मन को बहलाने की,

लाख कोशिशें की हैं उसने,

पर उसका मन नहीं बहलता,

बहुत देर हो जाये शायद

उसे ये समझ आते-आते,

मैं कोई खिलौना नहीं था,

हर दुकान पर नहीं मिलता।