www.daylife.page
मनोहरपुर (जयपुर)। दिल की आवाज़ साहित्यिक मंच, शाहपुरा के तत्वावधान में नवांकुर कवि सनी लाखीवाल के जन्मदिवस पर वरिष्ठ साहित्यकार कल्याण गुर्जर 'कल्याण' की अध्यक्षता में वरिष्ठ कवि कमल कांत शर्मा के मुख्य आतिथ्य में नारायण स्मृति उद्यान में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत वरिष्ठ साहित्यकार कल्याण गुर्जर 'कल्याण' ने माँ सरस्वती की वन्दना, जन्मदिवस पर आशीष गीत और अपनी गज़ल 'वो शरमा गए हैं ज़रा पास आकर, गिराएँ उठाएँ नज़र धीरे-धीरे' गज़लकार प्रकाश प्रियम ने 'थे गुलाबी लब रक्तिम थे गाल कभी, लगते थे हम ख़ुद भी बहुत कमाल कभी, कवयित्री संतोषी देवी जी ने 'सागर तपकर मेघा बनता, कंचन तपकर गहना, जो तपता परमार्थ को वीर उसे ही कहना, गीत सुनाया' मंच के संस्थापक कवि सनी लाखीवाल ने जन्मदिवस की शुभकामनाओं के लिये आभार व्यक्त किया और जाते-जाते समस्याओं का एक और बवाल गया, मैं खुश हूँ बहुत, इस मुसीबत भरी जिन्दगी का एक और साल गया।
तुम नही खेले तो फिर कचरे में जायेगा, इक टूटा खिलौना यार,करें तो क्या करें' जैसे कई शेर सुनाये, वरिष्ठ कवि कमल कांत शर्मा ने तू यूँ ही मुस्कुराया कर, गम को ठेंगा दिखाया कर, गीत सुनाया और साथ ही राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के द्वारा वर्ष 2023-24 पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना अन्तर्गत संतोषी देवी की पुस्तक 'पाती' और प्रकाश प्रियम जी की पुस्तक 'दहलीज के भीतर' को 10,000 रुपये सहयोग राशि के रुप में चयन होने के लिये बधाई दी। काव्य गोष्ठी में वन लेग रनर मोटीवेटर नवाब खान, सहित्य प्रेमी संतोष प्रजापत, पुष्पेंद्र बंगाली, राज बंगाली, कविता, रेणू, मनीषा आदि उपस्थित रहे।