गुढा पीएचसी में चिकित्सा सुविधाओं की कमी से ग्रामीण परेशान

भवन की दीवारों में आई दरारे, छत पर पनप रही है घास फूंस और पौधे

साफ सफाई के अभाव में वार्डो में गंदगी का आलम 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। गुढा स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकार की अनदेखी के चलते अनेक सुविधाओं से महरूम है। भवन के जीर्णोद्धार के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, छत पर घास- फूंस व पौधे पनप रहे हैं। भवन में कई जगह से दरारे दिखाई दे रही है जो भविष्य के लिए खतरा पैदा कर सकती है। नर्सिंग स्टाफ व अनेक सुविधाओं का भी टोटा है। एक चिकित्सक व एएनएम मौजूद सुविधाओं से लोगों को इलाज करने को मजबूर है। वाटर कूलर शोपीस बना हुआ है। 

यहां पीएचसी पर चार कार्मिको का स्टाफ कई सालों से कार्यरत है। मात्र एक एएनएम की नियुक्ति नाकाफी है, सैकड़ो लोग इस अस्पताल पर अपने इलाज के लिए निर्भर है। इमरजेंसी स्थिति के दौरान अपने इलाज के लिए मरीज के परिजनों को सांभर, फुलेरा अस्पतालों में शरण लेनी पड़ती है वर्तमान में कुल चार व्यक्तियों के भरोसे अस्पताल का संचालन हो रहा है। जिनमें एक चिकित्साधिकारी, एक लेब टेक्निशियन, एक कम्प्युटर ऑपरेटर और एक एएनएम कार्यरत है। गुढा पीएचसी के अधीन चार सब सेंटर आते है उन्हे भी संभालने की जिम्मेदारी पीएचसी के चिकित्सक की ही बताई जा रही है।  

इसके अलावा पीएचसी परिसर में शौचालय दयनीय स्थिति के कारण चिकित्सा स्टाफ को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। पीने के पानी की व्यवस्था भी यहां आने वाले मरीजों को आसपास से करनी पड़ती है। कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि स्टाफ समय पर नहीं आता है निर्धारित समय से पहले ही चला जाता है। यह भी बताया जा रहा है कि बायोमेट्रिक मशीन से  छेडछाड होने से स्थिति स्टाफ की स्पष्ट नहीं होती है। इस मामले में डॉक्टर धर्मेंद्र चौधरी, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि ड्यूटी के दौरान नहीं आते है तो पाबंद करेंगे, मैं खुद मोनिटरिंग करूंगा। ग्रामीणों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।