श्री अरविंद और वर्तमान भारत में उनकी प्रासंगिकता पर व्याख्यानमाला

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर

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जयपुर। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘‘श्री अरविंद और वर्तमान भारत में उनकी प्रासंगिकता’’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दूरदर्शन की पूर्व महानिदेशक श्रीमती अपर्णा वैश्य ने की। मुख्य वक्ता डाॅ. परिक्षित सिंह सवाई  मान सिंह मेडिकल काॅलेज के पूर्व छात्र हैं। डाॅ. सिंह ने अरविंद और दर्शन, अरविंद और भारत के साहित्यिक पुनर्जागरण और वेद मेड सिंपल जैसे विभिन्न विषयों पर 12 पुस्तकों के लेखक है।

मुख्य वक्ता डाॅ. परिक्षित ने भारत के पहले क्रांतिकारी के रूप में श्री अरविंद द्वारा भारतीय स्वतंत्रता के लिए किए गए अद्वितीय योगदान के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे श्री अरविंद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अन्य महान नेताओं जैसे विपिनचन्द्र पाल और बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर पूर्ण स्वराज की उपलब्धि के लिए एक संपूर्ण कार्यक्रम बनाया। लेकिन श्री अरविंद केवल भारत की भौतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे। वे उसकी प्राचीन शक्ति का उसके उच्चतम धर्म और अनूठे दर्शन के अनुरूप एक पूर्ण जागृति चाहते थे। भारत की पूर्ण मुक्ति के लिए श्री अरविंद के कार्यक्रम में एक व्यापक दृष्टिकोण शामिल था जो कला, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, सामाजिक, राजनीतिक संगठन, दर्शन और आध्यात्मिकता में भारत के पुनर्जागरण को सामने लाएगा और बनाए रखेगा। उनकी दृष्टि के लिए चिंताएं और समाधान आज सौ साल पहले की तुलना में अधिक वैध है जब उन्होंने पहली बार उन्हें दुनिया में उनके उत्थान और नेतृत्व के लिए व्यक्त किया था। यह कई मायनों में श्री अरविंद का युग है और हमें आधुनिक समय के हमारे सबसे महान ऋषियों में से एक के आव्हान पर ध्यान देना चाहिए। 

श्रीमती अपर्णा वैश्य ने आज के वातावरण में श्री अरविंदों के विचारों के महत्व व उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी आई.सी.श्रीवास्तव, एस.एस. बिस्सा, गिरीराज सिंह कुशवाह, आर.एस.जाखड़, सामाजिक कार्यकर्ता सत्येन चतुर्वेदी, गांधीवादी विचारक, समाजसेवी एवं गणमाण्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम संचालन डाॅ. पुनिता सिंह संयुक्त निदेशक पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।