किसान जैविक खेती अपनाएं : संयुक्त निदेशक

परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती पर दिया प्रशिक्षण 

अरशद शाहीन 

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पीपलू (टोंक)। कस्बे के डाक बंगले में बुधवार को परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। प्रशिक्षण शिविर में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के.के. मंगल ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए जैविक उत्पाद आवश्यक है, ऐसे में किसानों को रासायनिक मुक्त खेती करना चाहिए। यदि आवश्यकता हो तो मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के उपरान्त ही उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। सहायक निदेशक रामपाल शर्मा ने केचुआ खाद बनाने की विधि, जैविक काढ़ा एवं बफर जोन की जानकारी दी। 

कृषि अनुसंधान अधिकारी अरविन्द जांगिड़ ने जैविक बीज, मेढबन्दी, जीवामृत बनाने की विधि पर प्रकाश डाला। कृषि अधिकारी रिपुदमन सिंह राजावत झाड़ली ने मृदा की उर्वरा क्षमता बनाए रखने के संतुलित उर्वरक या जैविक खेती अपनाने पर जोर दिया। कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने कृषि यंत्र, पाईप लाइन, फार्म पौण्ड एवं तारबन्दी योजना को लेकर किसानों को जागरुक किया। इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी रूपचन्द साहू, सहायक कृषि अधिकारी शकील अहमद, कृषि पर्यवेक्षक रामराय जाट, मोहनलाल बैरवा, बुद्धिप्रकाश सैनी, महावीरप्रसाद जैन, जितेन्द्रसिंह बैरवा, भागचन्द मीणा, मनफूल रैगर, लालचन्द गुर्जर, रामकरण जाट, रामजीवन जाट, सीताराम जाट, कानाराम माली, धन्नालाल प्रजापत सहित अनेक कृषक मौजूद रहे।