अरशद शाहीन की रिपोर्ट
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जयपुर/टोंक। राजस्थान के सपेरा समुदाय में पैदा हुई गुलाबो सपेरा ने कालबेलिया डांस के साथ भारत का नाम विदेशों मे चमकाया। राजस्थान के सपेरा समुदाय में पैदा हुए गुलाबो सपेरा ने कालबेलिया डांस को ऐसी पहचान दिलाई कि आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक के भी लोग कालबेलिया डांस के दीवाने हो गए हैं। इस परंपरा को गुलाबो की तीनों बेटियां आगे बढ़ा रही हैं गुलाबों का कहना है कि वह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। गुलाबो अब तक लगभग 170 देश में अपनी कला के माध्यम से लोगों को प्रभावित कर चुकी हैं।
अजमेर जिले के कोटडा गांव में गुलाबो का जन्म हुआ था। उनके जिंदगी इतनी आसान नहीं थी गुलाबो को पैदा होते ही मरने के लिए जमीन में गाढ़ दिया गया था परंतु उनकी मौसी ने उनकी जान बचाई। गुलाबों ने 17 वर्ष की उम्र में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय परफॉर्मेंस 1986 में वॉशिंगटन में किया था। इस कार्यक्रम में राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद थे उसके बाद से आज तक गुलाबो दुनिया भर के कई देशों में अपने परफॉर्मेंस दिखा चुकी हैं तथा राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पद्म श्री अवार्ड से नवाजा जा चुका है।