सांभर में सफाई व्यवस्था थर्ड क्लास देख पर्यटकों ने मुंह मोड़ा

प्रमुख स्थानों पर खुला कचरा डिपो बना परेशानी का कारण 

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सांभरझील (दूदू)। सांभर नगरपालिका की अदूरदर्शिता के कारण सफाई व्यवस्था तंत्र कमजोर साबित हो रहा है। इसके चलते प्रमुख स्थानों पर जब अनियमित कर्मचारियों की हड़ताल नहीं थी तब भी नकाशा चौक स्थित मां शाकंभरी का चबूतरा, गर्ल्स स्कूल, यूनानी औषधालय, रामलीला रंगमंच के नजदीक खुला कचरा डिपो, सब्जी मंडी स्थित पुरानी चारा मंडी के हालात खराब थे और आज भी कोई सुधार नहीं है। दशहरा पर्व निकल गया दिवाली का त्यौहार नजदीक आने को है आसपास के गांव से सांभर शहर में खरीदारी करने ग्रामीणों का आना-जाना गोला बाजार, न्यू मार्केट, पुरानी धान मंडी, गट्टानी मार्केट, कपड़ा बाजार, तेली दरवाजा रोड पर प्रमुखता से रहता है। 

इससे साफ पता चलता है कि अधिशाषी अधिकारी का सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने के प्रति न तो कोई रुझान है और न ही बेहतर कुशल प्रबंधन की जानकारी जिसकी वजह से सांभर ऐतिहासिक पर्यटन नगरी इस मामले पूरी तरह से शर्मनाक स्थिति में डूबी हुई है। पूर्व में नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार गट्टानी के नेतृत्व में पार्षद पति सत्यनारायण स्वामी, पार्षद धर्मेंद्र जोपट, गौतम सिंघानिया मंडल पदाधिकारी जितेंद्र डांगरा, राजेश पारीक आदि ने उपखंड अधिकारी और अध्यक्ष को भी सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए जोरदार दबाव बनाया था लेकिन इस मामले में कुछ दिनों चली अनियमित कर्मचारियों की हड़ताल का कारण बताकर पल्ला झाड़ लिया था लेकिन आंशिक सुधार होने के अलावा स्थिति संतोषजनक नहीं है। 

इस मामले यहां के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश मित्तल का कहना है कि बर्बादे गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी है, जहां हर डाल पे उल्लू बैठा है, अंजामे गुलिस्तां क्या होगा । केवल माताजी का चबूतरा ही नहीं, पूरा साभंर कचरे के ढेर से भरा पड़ा है, किसी समय बाहर से मेहमान आते थे तो साभंर की सफाई व्यवस्था की प्रशंसा करते थे, आजकल नगरपालिका को कोसकर दुखी मन से वापस चले जाते हैं।