पुस्तकों में अपने समय के तमाम चलचित्र अंकित होते हैं : सुधीर सचदेव

सुनील जैन की रिपोर्ट 

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जयपुर। काव्य साधक, शब्द संसार एवं समरस साहित्य संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पिंक सिटी प्रेस क्लब में  जयपुर के जाने-माने लेखक और कवि किशोर पारीक किशोर व कवि साहित्यकार कल्याण गुर्जर 'कल्याण' की चार पुस्तकों के साझा विमोचन का भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ। पुस्तकें क्रमशः मोह के धागे (गीत संग्रह कवि किशोर पारीक किशोर (काव्य साधक प्रकाशन जयपुर,) इंतेहां हो गई, ग़ज़ल संग्रह कवि कल्याण गुर्जर 'कल्याण' (काव्य साधक प्रकाशन जयपुर) 'लौटेंगे उजियार, गीत संग्रह' (काव्यांजलि प्रकाशन कोटा),'महकते गुल, कवि कल्याण गुर्जर 'कल्याण' (काव्यांजलि प्रकाशन कोटा) के प्रकाशनसे प्रकाशित हुईं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  महात्मा गांधी मेडिकल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ सुधीर सचदेवा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर, गीतकार लोकेश कुमार सिंह साहिल ने की। उदयपुर राजस्थान से पधारी हुईं वरिष्ठ  साहित्यकार आशा पाण्डेय ओझा 'आशा',व श्री कृष्ण शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार एवं भाषाविद , राधा रमन शर्मा, अध्यक्ष पिंक सिटी प्रेस क्लब, जगदीश मोहन रावत वरिष्ठ साहित्यकार, गोपाल गुप्ता सचिव बृज भाषा अकादमी इन सभी ने कार्यक्रम का विशिष्ट अथित्य ग्रहण किया।

वरिष्ठ साहित्यकार  वरुण चतुर्वेदी, जाने-माने रंग कर्मी और ग़ज़लकार विजय मिश्र दानिश, वरिष्ठ साहित्यकार विनय शर्मा 'अंकुश' आशा पाण्डेय ओझा  'आशा' ने इन चारों पुस्तकों पर  अपनी समीक्षा और मंतव्य प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन  जगदीश मोहन रावत ने किया। लक्ष्मण रामानुज लाड़ीवाला,

 योगेश्वर नारायण शर्मा, विमला शर्मा वीनू, डॉ जनार्दन शर्मा, डॉ सुशीला 'शील' कल्याण सिंह शेखावत, सोहन प्रकाश सोहन,अमित आज़ाद, डॉ सावित्री  रायजादा, कवि भगवान सहाय पारीक, प्रकाश प्रियम,डॉ एन.एल शर्मा, सुभाष शर्मा,  अरुण ठाकर सहित जयपुर के कई गणमान्य, साहित्यकार,कवि और नागरिक इस समारोह में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अध्यक्ष लोकेश कुमार सिंह साहिल ने अपने अध्यक्ष उद्बोधन में कहा किसी भी लेखक की पुस्तक प्रकाशित हो जाना उसका अमर हो जाना है, लिखने को कई लोग लिखते हैं लेकिन सबके नसीब में किताबें प्रकाशित होना मुनासिब नहीं होता। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सुधीर सचदेवा ने कहा इन पुस्तकों में अपने समय के तमाम चलचित्र अंकित हो गए हैं। साहित्य ही वह धरोहर है जो पीढ़ियों  को अपना समय हस्तांतरित कर सकती है। कार्यक्रम के अंत में शब्द संसार महासचिव अजीत तिवारी ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।