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मनोहरपुर (जयपुर)। कुछ लोग अपने जन्मदिन पर दिखावा करने के लिए मॉर्डन बनकर बियरपार्टी करते हैं और बोलेरों पर केक काटकर अनावश्यक खर्च करते हैं। इसके विपरीत कुछ लोग सादगी से अपना जन्मदिन मनाते हैं ये गरीब तबके के लोगों को सर्वश्रेष्ठ होटल में ले जाकर उनके मन पसन्द का खाना खिलाकर और उनको विभिन्न प्रकार के उपहार देकर अपना जन्मदिन मनाते हैं या फिर अस्पताल में मरीजों को फ़ल वितरण कर अपना जन्मदिन मनाते हैं।
हम बात कर रहे हैं सादगी से अपना जन्मदिन मनाने वाले कर्तव्य निस्ट परिश्रमि ईमानदार दिलदार खूबसूरत मनोहरपुर नगर पालिका के पार्षद रामेश्वर प्रसाद बुनकर की, इनका जन्मदिन 13 फरवारी को आता हैं।
इस दिन बुनकर सुबह उठते ही मन्दिर में जाकर अपने इष्ट देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं इसके बाद में गायों को रंजका, कबूतरों को ज्वार, प्यासों के लिए पानी का इंतेजाम करते हैं और पुण्य का कार्यक्रम शाम तक चलता हैं। बुनकर इस दिन अपने घर पर आकर्षक व मनमोहक विद्युत सजावट करवाते हैं व अपने रिश्तेदारों व मित्रों को बुलाकर केक काटते हैं और ख़ुशी का इज़हार करते हैं।
व्हाट्सअप इंस्टाग्राम फेसबुक फोन आदि पर पूरे दिन बुनकर के लिए गाने बज रहे थे। बार-बार ये दिन आए, बार बार ये दिल गाए, तू जिये हजारों साल, साल के दिन हो 50 हजार, हैप्पी बर्थडे टू यु। मजदूर नेता अब्दुल अजीज लोहनी सहित पूरी मित्र मण्डली ने बुनकर को जन्मदिन की मुबारकबाद दी। पूरे दिन व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम, फेसबुक व फोन आदि के जरिए गणमान्य लोगों ने बुनकर को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय हैं कि बुनकर ने चिकित्सालय में हर वर्ष की भांति आज भी सेव और केले वितरण किए। बुनकर दिल के बहुत बड़े अमीर हैं इनमे घमंड नहीं हैं इनकी चौखट पर जो भी जरूरत मंद आता है उसकी जरूरत को अभिलंब पूर्ण कर दिया जाता है। इसीलिए ये सभी के दिलों पर राज करते हैं।
बुनकर ने बताया कि मेरे जन्मदिन पर सोशल मीडिया और व्यक्तिगत बधाई देने वाले सभी साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद और मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि वर्तमान में लोग दिखावे के चक्कर मे हजारों रुपए खर्च करके जन्मदिन के उपलक्ष में बियर पार्टी और बोलेरो के ऊपर केक काटने की प्रथा समाज में बढ़ती जा रही है। इससे युवाओं के ऊपर बुरा असर पड़ता जा रहा है। यदि आपको जन्मदिन ही मनाना है तो अच्छा नेक कार्य करके या किसी जरूरतमंद की मदद करके अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करें। उससे समाज मे अच्छाई का संदेश जाता है और दिल को भी सुकून मिलता है। बुनकर का प्यार ही था जो सभी को उनके जन्मदिन पर बधाई देने पर मजबूर कर रहा था।