लेखक : लोकपाल सेठी
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक
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दक्षिण के कर्नाटक राज्य में दो चरणों में हुए लोकसभा चुनावों में शुरुआती दौर में राष्ट्रीय मुद्दों की चर्चा सुनाई दी जा रही थी। लेकिन मतदान से कुछ दिन पूर्व दो ऐसी अलग-अलग ऐसी घटनाएँ हुई जिसने सारी चुनावी हवा ही बदल दी। एक घटना ने जहाँ चुनावों ने साम्प्रदायिक रंग ले लिए जबकि दूसरी घटना के बाद अपनी तरह का एक ऐसा सेक्स स्कैंडल सामने आया जिसने सभी चुनावी मुद्दों को गौण कर दिया। हालाँकि राज्य में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेगी यह तो मत गणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस बात से इस इंकार नहीं किया जा सकता कि इन दोनों घटनाओं ने दोनों प्रमुख दलों-सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी को निश्चित रूप से नुकसान पहुंचाया है।
पहली घटना अप्रैल महीने के तीसरे हफ्ते हुई। बंगलुरु से लगभग 150 किलोमीटर हुबली शहर में दिन दहाड़े एक कालेज की छात्रा नेहा हिरेमठ की हत्या कर दी गई। छात्रा पर एक युवक ने चाकू से कई वार किये जिससे उसकी घटनास्थल पर मृत्यु हो गई। छात्रा के पिता निरंजन हिरेमठ न केवल स्थानीय पार्षद हैं बल्कि शहर में कांग्रेस के एक बड़े नेता है। छात्रा के हत्या करने वाला युवक फैयाज़, जो मुस्लिम है को पुलिस ने जल्दी ही पकड़ लिया। लेकिन जब तक वह युवक पकड़ा जाता तब तक सारी घटना ने साम्प्रदायिक रूप ले लिया था। निरंजन हिरेमठ ने इसे लव जिहाद का मामला बताया। उनको आरोप था कि युवक कई दिनों से उसकी बेटी के पीछे पड़ा था। वह उससे शादी कर उस पर मुसलमान बनने के दवाब बना रहा था। लेकिन जब नेहा ने इससे इंकार दिया तो युवक ने उसकी हत्या करदी। बीजेपी ने इस सारी घटना को बिना समय गंवाए साम्प्रदायिक रंग दे दिया। इनके नेताओं ने इस मुद्दे को उन सभी 14 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में जोर से उठाया जहाँ 26 अप्रैल को मतदान होना था। राजनीतिक विशेषज्ञों को कहना है इससे निश्चित रूप से कांग्रेस को नुकसान हुआ और बीजेपी लाभ।
इधर जब यह मुद्दा चल रहा था उसी समय हासन लोकसभा में एक सेक्स स्कैंडल की सुगबुगाहट हो रही थी। लेकिन खुल कर कोई कुछ नहीं कह रहा था। राज्य में बीजेपी और जनता दल (स) में गठबंधन है। यह सीट जनता दल (स) के खाते में आई थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा के पोते प्रज्वल यहाँ से पार्टी के उम्मीदवार थे। वे पिछला लोकसभा चुनाव भी यही से जीते थे। यहाँ 26 अप्रैल को ही मतदान था। मतदान के अगले ही दिन यहाँ एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें प्रज्वल कथित रूप से एक महिला के साथ अश्लील मुद्रा में हैं। उधर प्रज्वल चुनावों के बाद छुट्टियाँ मनाने विदेश जा चुके थे।
यह विडियो तब वायरल हुआ जब मतदान हो चुका था और दूसरे चरण का मतदान 7 मई होना था। इसी बीच एक महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि प्रज्वल उसके साथ कई बार अपने घर में बलात्कार कर चुका है तथा उसकी विडियो भी बनाई है। इसके कुछ दिनो बाद एक और महिला ने प्रज्वल के पिता तथा राज्य पूर्व मंत्री एचडी रवन्ना, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौडा के बड़े बेटे हैं, रिपोर्ट दर्ज करवाई के उसके साथ बलात्कार किया था। इसी बीच रवन्ना ने कोर्ट में जाकर इस मामले में अग्रिम जमानत लेनी चाही जो अमान्य करदी गई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जिस समय सारा मामला उजागर हुआ उसे समय दूसरे चरण की 14 सीटों पर चुनाव प्रचार चरम था। उस समय अचानक बाप बेटे का चरित्र ही मुख्य मुद्दा बन गया। नुकसान को रोकने के लिए जनता दल (स) प्रज्वल को पार्टी निलंबित कर दिया।
पार्टी के नेताओं का आरोप है यह विडियो वायरल करने में राज्य के उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार का हाथ है। राज्य सरकार ने इन घटनाओ की जाँच के लिए विशेष जाँच दल का गठन किया है। पुलिस द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार इस मामले को लीक करने में प्रज्वल के ड्राईवर कार्तिक का हाथ है। यह प्रज्वल का विश्वासपात्र था लेकिन कुछ समय पहले किन्ही कारणों से नौकरी से निकल दिया गया था। उसके पास प्रज्वल के मोबाइल का पास वर्ल्ड भी था। इसमें कुल 2300 फाइल हैं जिसमे 400 से अधिक महिलायों के अश्लील चित्र है।
कार्तिक ने ये फाईल चुराकर बीजेपी एक स्थानीय नेता देवराज गौड़ा को दी। गौड़ा ने सारे विडियो डीके शिवकुमार के दिये थे। ऐसा कहा जा रहा है शिवकुमार ने इसके कुल 25,000 पेन ड्राइव प्रज्वल के चुनाव क्षेत्र में बंटवाये थे। अब यह तय सा है कि इस विडियो के सामने आने के बाद बीजेपी और जनता दल (स) को ही नुकसान होगा।