तपस्वी सूर्यतापी राजा दौलत सिंह जिन्हे सूर्य की किरणों को शरीर में समाहिट करना आता है
www.daylife.page
उबलती गर्मी, कोई रेगिस्तान में इस गर्मी से पापड़ सैक कर बता रहा है तो कोई मोमबत्तियों को धूप में रख कर पिघलता देख कर खुश हो रहा है। वहीँ जयपुर में सेंट लॉरेंस स्कूल के संस्थापक तपस्वी सूर्यतापी राजा दौलत सिंह (लालपुरा) तपती दोपहरी में सूरज से रूबरू होकर उसके तेज को अपनी आँखों के माध्यम से शरीर में समां लेते हैं। ऐसा शायद ही दुनिया में कोई दूसरा व्यक्ति करता हो। डॉक्टर्स से जब हमने इस विषय पर बात की तो उन्होंने ऐसा करने या खुली आँखों से सूर्य को देखने की लिए मनाही की। क्योंकि ऐसा करने से इंसान की आँखों को क्षति हो सकती है। राजा दौलत सिंह अपने जमाने के सेन्ट जेवियर स्कूल के छात्र रहे है, ओल्ड बॉयस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, साइकलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष, एनएनसीसी में राजस्थान को लीड भी किया।
सूर्यतापी राजा दौलत सिंह (लालपुरा) के साथ एक सेल्फी |
करीबन 20 सालों से लगातार बिना किसी मौसम के सूरज की तेज रोशनी को बिना किसी चश्मे के निहारते रहते है। हमने नेत्र चिकित्सकों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि खुली आंखो से सूरज की ओर देखने से आँखों के "रेटिना" सहित आंखो के अन्य भागों में नुकसान पहुँच सकता है, और हम किसी भी व्यक्ति को यह सलाह नहीं देते कि वे राजा दौलत सिंह की तरह खुली आँखों से सूरज को देखें। इस निष्कर्ष पर पहुँचने के बाद हमें लगा कि तपस्वी राजा दौलत सिहं (लालपुरा) जिन्हें तपस्वी, सूर्यतापी भी कहा जाता है ऐसा अद्भुत काम करने वाले वे दुनिया में शायद पहले व्यक्ति हैं! (हम भी किसी भी व्यक्ति को यह सलाह नहीं देते कि वे सूर्य को खुली आँखों से देखें, अपनी आँखों को संभाल कर रखियेगा)