चेक अनादरण के मामले में तीन माह का कारावास

अभियुक्त पर लगाया 4.88 लाख का आर्थिक दंड 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। यहां की अतिरिक्त मुख्य एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. ऋचा कौशिक ने आर्थिक अपराध के मामले में एक अभियुक्त को तीन माह का कारावास और 4.88 लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। न्यायालय ने लक्ष्मणराम पुत्र भंवरलाल निवासी बोदलियों की ढाणी पृथ्वीपुरा पर आरोप साबित होने पर उक्त फैसला देते हुए लिखा कि अभियुक्त का अपराध आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। चेक अनादरण से देश के आर्थिक क्रियाकलाप विपरीत रूप से प्रभावित होते हैं। 

न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि, चेक अनादरण के मामले में परिवीक्षा का लाभ दिए जाने से बैंकिंग प्रणाली व चेक के द्वारा संव्यवहार करने की व्यवस्था पर से विश्वास उठता है, इसलिए अभियुक्त को परिवीक्षा लाभ दिया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। परिवादी के वकील श्याम सुंदर पारीक व उमाशंकर व्यास ने बताया कि फर्म गणपति फाइनेंस जरीये प्रोपराइटर मनोज गुप्ता फाइनेंस का काम करती है। 

अभियुक्त ने परिवादी फर्म से चार लाख रुपए उधार लिए थे और उसके भुगतान पेटे अलग-अलग दो चैक दो दो लाख के परिवादी फर्म को दिए थे। परिवादी फर्म द्वारा चेक की भुगतान तिथि को बैंक में भुगतान हेतु प्रस्तुत किया तो राशि पर्याप्त नहीं होने के कारण चेक का भुगतान नहीं हो सका। परिवादी फर्म द्वारा न्यायालय में प्रत्येक चैक के दो मुकदमे प्रस्तुत किये गए, जिसमें न्यायालय द्वारा अभियुक्त को दोषी मानते हुए सजा  सुनाई गई।