बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर छाई चिंता की लकीरे
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। गुढ़ा सहित आसपास के क्षेत्र में खेतों में निनाण कर रहे कृषक उमस भरी गर्मी से परेशान है। दोपहर के समय पारा 37 डिग्री हो तब भी 47 डिग्री के समान महसूस होता है। बीते लगभग एक सप्ताह से बारिश नहीं होने से किसान चिंतित है। बाजरा, मूगंफली आदि कई फसलें झुलसने लगी है। किसानों ने बताया इससे पहले बुआई के समय भी बारिश देरी से हुई जिससे कई फसलों की रोपाई प्रभावित हुई, यदि अभी बारिश नहीं आई तो फसलों कब प्रभावित होना संभव है।
निनाण कर खरपतवार हटा रहे कृषकों के माथें की लकीरों से इस तपन में पसीनें से लथपथ नजर आ रहे है। प्यास से आहत फसलों को कुछ राहत देने के लिए दिहाङी पर श्रमिक बुलाकर कार्य करा रहे है। फसले मुरझाने के भय से किसानों के चेहरे मायूस नजर आ रहे है। जल्द सुबह खेतो में पहुंच कर काम करने वाले लोगों के सामने बारिश तो बैरन बनी ही है साथ ही घास-फुस अधिक होने से समय भी ज्यादा खराब होने से दोहरी मार झेलनी पङ रही है। जिससे ग्रामीणों में बुआई की फसलों में पानी का अभाव उत्सुकता कम कर रहा है।
बेगार के काम की अधिकता के कारण लोग भरी दोपहरी में बिना विश्राम काम निपटाने में जुटे हुए है हालांकि रविवार दोपहर बाद अचानक मौसम बदला, बादल मंडराए और ठंडी हवाए चलने लगी जिसे कुछ देर सुकुन मिला। लेकिन बिन बरसे मेघों ने फिर तरसाया। बता दें कि कुछ दिनों पहले लगातार हुई चार पांच दिन मानसून पूर्व बारिश ने चिंता में डाला तो वहीं अब बारिश समय पर नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ रही है।