सांभर को जिला बनाने के लिए अनेक संगठन लगा रहे हैं दौड़

डिप्टी सीएम प्रेमचंद बेरवा से मिला वकीलों का शिष्टमंडल 

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सांभरझील। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा के संयुक्त नेतृत्व में वकीलों का शिष्यमंडल डिप्टी सीएम प्रेमचंद बेरवा से मिला और सांभर को स्वतंत्र रूप से जिला बनाए जाने की मांग रखी तथा इस आशय का एक अभ्यावेदन भी सोंपा। बता दें कि इससे पहले कैलाश शर्मा के नेतृत्व में सांभर समाज जयपुर के पदाधिकारी, सांभर जिला बनाओ संघर्ष समिति, पूर्व विधायक निर्मल कुमावत भी सांभर को जिला बनाने की मांग रख चुके हैं। 

हालांकि राज्य सरकार की ओर से पूर्व सरकार द्वारा बनाए गए 19 जिलों के संदर्भ में अध्ययन किए जाने हेतु नए सिरे से तथ्य व आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, केवल इसी आधार पर यह कयास लगाया जा रहा है कि इनमें से सरकार कुछ जिलों को कैंसिल कर सकती है, जबकि राज्य सरकार की ओर से नए जिलों का गठन किए जाने का कोई संकेत दिया है और न ही इसके लिए कोई प्रस्ताव मांगे गए हैं। लोगों का कहना है कि यदि सांभर को जिला बनाने का मजबूत पक्ष रखना है तो अलग-अलग मंच के बजाय सम्मिलित रूप से ही सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। 

अलग-अलग शिष्टमंडलों की ओर से सांभर को जिला बनाने की मांग उठाऩे से विचारधारा की एकरूपता प्रत्यक्ष रूप से ठोस प्रतीत नहीं होती है और राजनीतिक रूप से सरकार के समक्ष सांभर का पक्ष कमजोर साबित हो सकता है। सभी की ऊर्जा को एक साथ इकट्ठा कर पूरी ताकत से एक स्वर में आवाज उठाने से ही भविष्य में कोई फायदा मिल सकता है। हालांकि जिले की मांग उठाना कोई गलत नहीं है लेकिन एक ही मांग को लेकर अलग-अलग दिशा में जाना भी फायदे का सौदा नहीं माना जा रहा है। 

यह बताना जरूरी है कि वर्ष 1952 से लगातार सांभर को विभिन्न संगठनों की ओर से जिले की मांग को इतना मजबूत खड़ा कर दिया  है कि आज यह प्लेटफॉर्म  सभी के लिए मजबूत स्थिति में है। अब देखना यह है कि सरकार के समक्ष नई रिपोर्ट आने के बाद क्या फैसला लेती है यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में है, लेकिन तमाम प्रक्रियाओं के बीच सांभर को जिला बनाने का जुनून एक बार फिर से लोगों में चेतना फूंक रहा है।