कमला हैरिस के ननिहाल में अभी से जश्न का माहौल : लोकपाल सेठी
लेखक : लोकपाल सेठी

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक 

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आज से चार वर्ष पूर्व जब अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था।   उस समय तमिलनाडु के त्रिवरुर एक छोटे से गाँव तुलासेंदरपुरम के लोगों को यह पता नहीं था कि कमला हैरिस की माँ श्यामला हैरिस इसी गाँव की है। नगर के एक पुराने बाशिंदे सुधाकरन ने गाँव वालों को यह जानकारी दी। श्यामला के माता पिता इसी गाँव में रहते थे। उन्होंने एक पुराने और जर्जर मकान की  निशानदेही की जो उनका पुश्तैनी घर था। गाँव के बीचों बीच धर्म संस्था मंदिर था जहाँ इस परिवार की कुलदेवी विराजती है। 

उन्होंने गाँव वासियों को मंदिर में लगी काले पत्थर की वे पट्टिकाएं दिखाईं जिस पर दानियों का नाम लिखा था। इस पर न केवल श्यामला के पिता पी वी  गोपालन का नाम लिखा था बल्कि खुद श्यामला का नाम लिखा था। इस जानकारी के बाद गाँव में जश्न का माहौल सा हो गया। लोगों ने गाँव में पटाखे चलाने शुरू कर दिए। मंदिर में एक विशेष पूजा का योजना किया गया जिसमें कमला हैरिस की जीत की कामना की गई। जब तक चुनाव पूरे नहीं हुए तो इस छोटे से गाँव में जश्न का माहौल बना रहा। जिस दिन चुनावों के परिणाम आ रहे थे उस दिन सारा गाँव रात भर जाग और टीवी के सामने बैठकर चुनावी खबरों को देखता रहा। जैसे ही कमला हैरिस के जीतने की खबर आई गाँव में पटाखों की गूँज सुनाई पड़ने लगी। लोग घरों से बहार आकर एक दूसरे को बधाई  देते हुये। उधर सुधाकरन पहले ही एक बड़े आयोजन की घोषणा कर रखी थी। अगले दिन सवेरे मंदिर में विशेष पूजा की गई। सुधाकरन ने उस दिन दोपहर  सारे गाँव को भोज खिलाया। उन्होंने यह जानकारी भी जुटाई कि अमरीका में जन्म होने बाद कमला हैरिस की कई बातों और तथा खाने में तमिलनाडु की  झलक दिखती है, उसे आज भी इडली, सांभर पसंद है। इसलिए सुधाकरन भोज में विशेष रूप से इडली और सांभर परोसी गई थी। श्यामला हैरिस के परिवार  बहुत कम नजदीकी रिश्तेदार बचे है, इनमें से एक दिल्ली में रहते है तथा उन्होंने कमला हैरिस को जीत की बधाई भी दी थी। 

दिल्ली शहर के जाने माने इतिहासकार और वरिष्ठ पत्रकार विवेक शुक्ल के अनुसार श्यामला के पिता गोपालन सरकार में एक बड़े ओहदे पर थे। वे एक  अपने इलाके में प्रगतिशील ब्रहामिन के रूप में जाने जाते थे। उनके दो बेटियां और एक बेटा था। श्यामला ने 1950 के दशक में अपनी सनात्कोतर पढाई  दिल्ली यूनिवर्सिटी के नामी कॉलेज लेडी इरविन से की थी। 1960 आस पास वे अमरीका में चली गई। जहां उन्होंने वहाँ रह रहे जमैका मूल के हैरिस से शादी  करली। दोनों वहां के विश्विद्यालयों में प्राध्यापक थे। श्यामला अपने जीते जी साल में एक बार अपने गाँव अपने बच्चो को साथ आती थी। यह वह इस बात  को पक्का करते थी कि कमला अधिक से समय ननिहाल में रिश्तेदारों के साथ अधिक से अधिक समय बिताये। उसके गाँव में आने पर परिवार वहां मंदिर में विशेष पूजा करवाता था। इसमें कमला स्थानीय परिधान में अपने ममेरे भाई बहनों के साथ आती थी। कमला आखरी बार अपने माँ के साथ इस गाँव में  2009 आई थी। जब वे उप राष्ट्रपति बनी तो गाँव के लोगों को आशा थी कि वे एक बार इस गाँव में जरूर आएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।      

अब जिस दिन से कमला हैरिस का नाम डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए सामने आया है तब से इस गाँव में खुशियों मनाई जा रही हैं। लोगों को मानना है कि यह लगभग निश्चित है उनकी पार्टी जल्दी ही उन्हें औपचारिक रूप से रोष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनायेगी। उनका नाम सामने आते  है राष्ट्रपति पद की दौड़ में कमला हैरिस लोकप्रियता के मामले में ट्रम्प से आगे निकल जायेगी। अभी से उसे  ट्रम्प से अधिक चुनावी चंदा मिलने लगा है।  जिस दिन पार्टी उनकी उम्मीदवारी घोषित करेगी नवम्बर से पहले ही लोकप्रियता दौड़ ट्रम्प को बहुत पीछे छोड़ देंगी। अभी तक की ख़बरों के अनुसार  भारतीय मूल के अमरीकी बड़े जोश से उनके साथ खड़े हो गए हैं। वहां के समाचार पत्रों का कहना है कि अफ़्रीकी मूल निवासी इस मामले में भारतीयों से भी आगे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि महिलाओं का बहुमत भी कमला हैरिस का साथ देगा। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)